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नियम-134ए के तहत दाखिले न होने पर रोहतक लघु सचिवालय में लगाई कक्षा, अभिभावकों की पुलिस से नोकझोंक

निजी स्‍कूलों में निशुल्‍क दाखिले न होने पर अभिभावकों में आक्रोश होने लगा है। सोमवार को अनेक अभिभावक अपने बच्चों सहित लघु सचिवालय पहुंचे। यहां कक्षा लगाने के लिए अभिभावक जब लघु सचिवालय के भवन की ओर जाने लगे तो अभिभावकों की पुलिस से नोंकझोंक हुई।

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 01:36 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 01:36 PM (IST)
नियम-134ए के तहत दाखिले न होने पर रोहतक लघु सचिवालय में लगाई कक्षा, अभिभावकों की पुलिस से नोकझोंक
निजी स्‍कूलों में दाखिला न होने पर लघु सचिवालय में ही सांकेतिक रूप से कराई पढ़ाई

जागरण संवाददाता, रोहतक : नियम-134ए के तहत दाखिले न होने पर अभिभावकों में आक्रोश होने लगा है। सोमवार को अनेक अभिभावक अपने बच्चों सहित लघु सचिवालय पहुंचे। बच्चे भी स्कूल बैग सहित व ड्रेस पहन कर पहुंचे। यहां कक्षा लगाने के लिए अभिभावक जब लघु सचिवालय के भवन की ओर जाने लगे तो अभिभावकों की पुलिस से नोंकझोंक हुई। काफी समय तक दोनों तरफ से गरमागरमी होती रही। लेकिन पुलिस ने उनको भवन के अंदर नहीं जाने दिया। जिस पर अभिभावकों ने भवन के पास ही सांकेतिक रूप से बच्चों की कक्षा लगाई और उनको पढ़ाना शुरू कर दिया।

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सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी भी वहीं मौजूद रहे और उन्होंने अभिभावकों की मांगों का समर्थन किया। अभिभावकों का कहना है कि जब तक उनके बच्चों को नियम-134ए के तहत निजी स्कूलों में दाखिला नहीं दिया जाएगा, तब तक राेजाना लघु सचिवालय में ही सांकेतिक रूप से बच्चें की पढ़ाई कराई जाएगी। इस दौरान काफी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।

लघु सचिवालय में बच्चों सहित पहुंचे अभिभावकों का कहना है कि पिछले करीब डेढ़ हीने से बच्चों के दाखिले के लिए निजी स्कूलों और अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। अब तक भी बच्चों के दाखिले निजी स्कूलों में नहीं हुए हैं। यह स्थिति तो तब है जब सरकार की ओर से ही नियम-134ए बनाया गया है। और उसी के तहत बच्चों ने टेस्ट पास किया हुआ है। शिक्षा विभाग की ओर से ही टेस्ट पास करने वाले बच्चों को निजी स्कूल अलाट किए गए हैं। लेकिन इसके बावजूद भी निजी स्कूल मनमानी कर रहे हैं और अधिकारी लाचार दिखा रहे हैं। कानून से चलने वाले इस लोकतंत्र में कानून का ही पालन नहीं किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है, जो इस कानून का पालन नहीं कर रहे हैं। वहीं, शिक्षा के अधिकार के तहत बच्चों को शिक्षित बनाने की बजाय, एक तरह से उन्हें शिक्षा से वंचित करने का काम भी किया जा रहा है। उनके बच्चों को दाखिला न मिलने पर उनका भविष्य खराब हो रहा है। लेकिन इसकी फिक्र न अधिकारियों को है और न ही सरकार को।

आंदोलन करने के सिवाय कोई और चारा नहीं :

ऐसे हालातों में अभिभावकों के पास आंदोलन करने के सिवाय कोई और चारा नहीं है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर बच्चों के दाखिले नहीं किए गए तो रोजाना लघु सचिवालय में ही उनकी कक्षाएं लगाई जाएंगी। इस दौरान अभिभावक संघ के प्रधान यशवंत सिंह, दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन के उपाध्यक्ष रोहतास सिंहमार, जनवादी महिला समिति की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जगमति सांगवान, राजकुमारी, अधिवक्ता प्रवीन कलसन सहित अन्य संगठनों के पदाधिकारी व अभिभावक मौजूद रहे।


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