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लॉकडाउन के बाद पहली दफा लगी तीसरी से पांचवीं तक की कक्षाएं, हिसार में 80 फीसद बच्चे पहुंचे

पेरेंटस बच्चों के ना पढ़ने से परेशान थे और उनके भविष्य को लेकर चिंतित थे। लेकिन अब राहत की सांस ली है। अब तीसरी से 12वीं कक्षाएं स्कूलों में शुरु की जा चुकी है। सिर्फ नर्सरी से लेकर दूसरी कक्षाओं के बच्चों की कक्षाएं लगनी बाकि है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 24 Feb 2021 12:03 PM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 12:03 PM (IST)
लॉकडाउन के बाद पहली दफा लगी तीसरी से पांचवीं तक की कक्षाएं, हिसार में 80 फीसद बच्चे पहुंचे
हिसार में 11 महीने बाद स्‍कूल खुलने पर कक्षा में पहुंचे तीसरी से पांचवी कक्षा के बच्‍चे

हिसार, जेएनएन। शिक्षा निदेशालया के आदेशों के बाद बुधवार को सरकारी और निजी स्कूलों में तीसरी से पांचवी तक की कक्षाएं शुरु कर दी गई। 24 मार्च 2020 को लगे लाॅकडाउन के बाद इन कक्षाओं के बच्चों को पहली बार स्कूलों में कक्षाएं लगाने के आदेश विभाग ने जारी किए थे। जिसके बाद बुधवार को काफी तादाद में बच्चेे स्कूलों में पहुंचे। राजकीय प्राथमिक संघ के जिला प्रधान जयभगवान बड़ाला और महासचिव सुनील बास ने बताया कि बुधवार को स्कूल खुलने पर उपरोक्त कक्षाओं के 80 फीसद बच्चे स्कूलों में पहुंचे है। क्योंकि लॉकडाउन के बाद से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित थी, हालांकि बच्चों को ऑनलाइन होम वर्क भेजा जा रहा था।

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लेकिन पेरेंटस बच्चों के ना पढ़ने से परेशान थे और उनके भविष्य को लेकर चिंतित थे। लेकिन अब उपरोक्त कक्षाएं शुरु होने पर पेरेंट्स ने भी राहत की सांस ली है। अब तीसरी से 12वीं कक्षाएं स्कूलों में शुरु की जा चुकी है। सिर्फ नर्सरी से लेकर दूसरी कक्षाओं के बच्चों की कक्षाएं लगनी बाकि है। उपरोक्त संघ अधिकारियों ने बताया कि जिले में सभी सरकारी और निजी स्कूलों ने भी कक्षाओं काे सैनिटाइज करवाया है। वहीं बिना मास्क के बच्चों को एंट्री नहीं दी जा रही, साथ ही बच्चों के हाथों को सैनिटाइज करवाकर ही उन्हें कक्षाओं में प्रवेश दिया जा रहा है। वहीं थर्मल स्कैनिंग भी की जा रही है।

स्कूलों में बच्चों के तापमान आदि जानकारी भी ऑनलाइन फीड करने के आदेश विभाग की ओर से दिए गए है। एक तरफ तो कक्षाएं शुरू हो रही हैं तो दूसरी तरफ शिक्षकों का कहना है कि उनकी ड्यूटी हाउस होल्ड सर्वे में लगा रखी है ऐसे में शिक्षक कार्य सभी नियमों का पालन करते हुए कैसे होगा। प्राथमिक स्कूलों में इंचार्ज को छोड़कर सभी शिक्षकों को इस सर्वे में लगाया हुआ है। चार मार्च तक यह सर्वे का कार्य किया जाना है। ऐसे में दोनों कार्य किसी प्रकार होंगे इसकी जानकारी शिक्षा विभाग अभी तक शिक्षकों को नहीं दे पा रहा है।

छात्रों पर इस साल बढ़ेगा पढ़ाई का बोझ, दो-दो कक्षाओं की करनी होगी पढ़ाई

कोरोना काल में 10 महीने तक स्कूल बंद रहे, अब स्कूल खुल गए हैं तो बच्चों के सामने नई समस्या आ खड़ी हुई है। इस साल बच्चों पर पढ़ाई का बोझ बढ़ सकता है। क्योंकि कई स्कूल अपने यहां बच्चों को एक साथ दो-दो कक्षाओं को पढ़ाने की तैयारी कर चुके हैं। इसमें अगर बच्चा दूसरी कक्षा में था उसे आगे की कक्षा में बढ़ाया तो जा रहा है साथ ही उसे पिछली कक्षा का सिलेबस भी शिक्षक पढ़ाएंगे। यह तरीका इसलिए अमल में लाया जा रहा है क्योंकि ऑनलाइन पढ़ाई जरूर हुई मगर बच्चों को अधिक कुछ समझ नहीं आया। क्योंकि भौतिक रूप से संचालित कक्षाओं में बच्चा जितना सीख पाते थे वह ऑनलाइन में नहीं सीख पाए। इसके साथ ही ऑनलाइन कक्षाएं भी आधा घंटे से लेकर एक घंटे तक ही चली। ऐसे में सबकुछ सीमित था। ऐसे में स्कूल संचालकों का निर्णय है कि वह आगे की कक्षाओं में पिछली कक्षा का सिलेबस भी पढ़ाएं। ऐसे में दो-दो कक्षाओं की पढ़ाई बच्चों को करनी होगी।

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