भजनाईनाथ के पीछे लगी सीआइए की स्पेशल टीम, जल्द गिरफ्तारी संभव
संवाद सहयोगी, नारनौंद: कोथ कलां मामले के मुख्य आरोपित भजनाईनाथ की धरपकड़ और तेज हो गई है। पुलिस मु
संवाद सहयोगी, नारनौंद: कोथ कलां मामले के मुख्य आरोपित भजनाईनाथ की धरपकड़ और तेज हो गई है। पुलिस मुख्य आरोपित को पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है। एसपी ने भजनाईनाथ को पकड़ने का जिम्मा सीआइए की स्पेशल टीम को दिया है। वहीं कोथ कलां में डेरे की गद्दी को लेकर हुए विवाद के बाद गांव में शांति का माहौल है। हर किसी को इस घटना का मलाल है और अब बारह खाप इस विवाद को खत्म करने के लिए गांव में भाईचारे का माहौल पैदा करने के लिए लोगों से मिलकर उनकी सहमति ले रही है। वहीं सुरक्षा के लिहाज से आज भी गांव में भारी पुलिस बल तैनात है। श्रद्धालु दादा कालापीर के डेरे में माथा टेककर ये दुआ कर रहे हैं कि गांव में एक बार फिर से सभी का भाईचारा कायम हो। वहीं डेरे के पीर महंत शुक्राईनाथ ने भी लोगों से अपील की है कि वो गांव में भाईचारा बनाकर शांति व्यवस्था को कायम रखें।
14 मार्च को दादा कालापीर डेरे में आयोजित मेल के बाद गांव में पुलिस व ग्रामीणों की ¨हसक झड़प हो गई थी। उसके बाद पुलिस ने 37 नामजद सहित 150 लोगों के खिलाफ हत्या प्रयास का मामला दर्ज कर लिया था। झगड़े के बाद गांव में तनाव पूर्ण स्थिति हो गई थी, लेकिन अब धीरे-धीरे गांव में तनाव कम हो रहा है। बारह खाप की तरफ से दोनों गांव में भाईचारा बनाने के लिए लोगों से अपील की जा रही है। वो भाईचारे के साथ रहें। खाप की इस मुहिम में लोग जुड़ रहे हैं और वो युवाओं को शांति बनाए रखने का संदेश दे रहे हैं। ग्रामीण जल्द ही पुलिस प्रशासन से भी मिलकर गुहार लगाएंगे कि इस मामले में अब किसी को परेशान ना करें। घटना के चार दिन बीत जाने के बाद गांव की गलियों में रोनक लौट आई है ।
डेरे में ऐसे शुरु हुआ था विवाद
गांव कोथ कलां में बाबा काला पीर के महंत नंदाईनाथ का 3 जनवरी को निधन हो गया था। उसके बाद 6 जनवरी को ग्रामीणों व नाथ संप्रदाय के साधुओं ने बाबा शुक्राईनाथ को गद्दी पर बैठाकर डेरे की कमान सौंप दी थी। कुछ समय के बाद बाबा शुक्राईनाथ का विरोध शुरू हो गया और दो दिन पहले ही कुछ ग्रामीणों ने बाबा पीर भजनाईनाथ को डेरे की मुख्य गद्दी पर बैठाकर डेरा डाल लिया। वहीं बाबा शुक्राईनाथ डेरे के अंदर ही अपने समर्थकों के साथ डटे रहे। इसको लेकर गांव में एक पंचायत भी हुई थी, लेकिन मामला सिरे नहीं चढ़ पाया। दो पक्षों में बंटे ग्रामीण अपने अपने पक्ष के मंहत को गद्दी पर विराजमान करना चाहते हैं। इसके बाद 25 फरवरी को कोथ कलां के बाबा काला पीर डेरे का विवाद सलझाने को लेकर पंचायत हुई। दो गांवों की करीबन साठ सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। मगर यह कमेटी भी कोई फैसला नहीं कर पाई और उन्होंने सातों पीरों पर छोड़ दिया। साधु समाज के सातों पीर (भेख) ने अपना अंतिम फैसला रोहतक के अस्थल बोहर डेरे में सुना दिया, कि इस डेरे की गद्दी का असली वारिस बाबा पीर शुक्राईनाथ ही रहेंगे। वहीं कमेटी के कुछ सदस्य व प्रशासन ने इस फैसले के बारे में कोई लिखित में आदेश न मिलने पर इसको पूरी तरह से खारिज कर दिया। इसके बाद फैसला लिया गया कि 14 मार्च को कोथकलां गांव में लगने वाले मेले में ही फैसला लिया जाएगा कि गद्दी पर कौन बैठेगा। मगर तीन घंटे चली बैठक के बाद भी पीर शुक्राइनाथ के नाम पर ही मुहर लगने की भनक लगी तो ग्रामीणों का एक गुट भड़क गया और पत्थराव शुरू कर दिया।
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भाईचारा बनाने की अपील करेंगे : सुरेश कोथ
बारह खाप के प्रधान सुरेश कोथ ने बताया कि खाप के मौजिज लोग गांव के लोगों से मिलकर भाईचारा बनाने की अपील कर रहे हैं। अब गांव में पूरी तरह से शांति का माहौल है।
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महंत भी करेंगे सहयोग : उपप्रधान
खाप के उपप्रधान सतबीर ¨सह ने बताया कि डेरे के महंत से मिलकर गुहार लगाई है कि वो गांव में भाईचारा बनाने में अपना योगदान दें और प्रशासन से भी अनुरोध किया गया है कि वो इस मामले में अन्य लोगों को गिरफ्तार ना करे।
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पुलिस करेगी पूरा सहयोग : थाना प्रभारी
इस संबंध में थाना प्रभारी साधुराम ने बताया कि अब गांव में पूरी तरह से शांति का माहौल है। ग्रामीण पुलिस प्रशासन का पूरा सहयोग कर रहे हैं।
वर्जन
गांव में अब शांति का माहौल है। हम मुख्यआरोपित की जल्द गिरफ्तारी करेंगे। हमने सीआइए की स्पेशल टीम मुख्यआरोपित के पीछे लगा दी है।
- प्रतीक्षा गोदारा, एसपी, हांसी