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वाट्सएप पर मैसेज पढ़ गले में इलायची-कपूर लटका स्‍कूल पहुंचे बच्‍चे, सकते में लोग

गांव के राजकीय स्कूलों में बच्चे चूर्ण की गांठ को गले तथा हाथों पर बांधकर पहुंचे। क्लास रूम में बैठे वे बार-बार चूर्ण की सुगंध लेते रहे, ताकि स्वाइन फ्लू उन पर प्रभावी न हो सकें।

By manoj kumarEdited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 12:21 PM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 12:21 PM (IST)
वाट्सएप पर मैसेज पढ़ गले में इलायची-कपूर लटका स्‍कूल पहुंचे बच्‍चे, सकते में लोग
वाट्सएप पर मैसेज पढ़ गले में इलायची-कपूर लटका स्‍कूल पहुंचे बच्‍चे, सकते में लोग

डबवाली/सिरसा, जेएनएन। वाट्सएप पर कई तरह के मैसेज वायरल होते रहते हैं। मगर वाट्सएप पर वायरल मैसेज के कारण गांव पन्नीवाला रुलदू के ग्रामीणों ने गले में इलायची और कपूर ही लटका लिया। इस मैसेज में इलायची कपूर से स्‍वाइन फ्लू से बचाव होने का दावा किया गया था। दरअसल स्वाइन फ्लू आशंकित गगनदीप (24) की मौत के बाद ग्रामीण सहमे हुए हैं। वाट्सएप पर वायरल हो रहे नुस्खे को सच मानते हुए कपूर की टिकिया तथा छोटी इलायची से बने चूर्ण का प्रयोग कर रहे हैं।

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गांव के राजकीय स्कूलों में बच्चे चूर्ण की गांठ को गले तथा हाथों पर बांधकर पहुंचे। क्लास रूम में बैठे वे बार-बार चूर्ण की सुगंध लेते रहे, ताकि स्वाइन फ्लू उन पर प्रभावी न हो सकें। हालांकि चिकित्सक इस प्रयोग को सिरे से खारिज करते हैं। सीएमओ डा. गोबिंद गुप्ता ने वायरल मैसेज को फेक करार देते हुए कहा है कि चूर्ण की सुंगध लेने से स्वाइन फ्लू खत्म नहीं होता। आयुष विभाग भी इस प्रयोग को सिरे से नकारता है। आयुष विभाग का कहना है कि कपूर-इलायची की सुंगध लेने से छात्ती जरूर साफ होती है। स्वाइन फ्लू के इलाज में एथेंटिक नहीं कहा जा सकता।
वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार दूसरे दिन गांव में पहुंची। गांव में बने सबसेंटर में इकट्ठा हुए ग्रामीणों को जागरूक किया। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि गांव में मास फीवर सर्वे चल रहा है। लोगों को दवा उपलब्ध करवाई जा रही है। इस बीच उपमंडल नागरिक अस्पताल डबवाली से संबंधित एक गांव में डेंगू आशंकित मरीज मिला है। जिसे जांच के लिए सिरसा रेफर किया गया है। बता दें, बठिंडा के आदेश मेडिकल कॉलेज में उपचाराधीन गगनदीप ने सोमवार रात करीब 11.30 बजे दम तोड़ दिया था।

--गगनदीप का जो सैंपल जांच के लिए चंडीगढ़ भेजा गया था, उसकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है। एहतियात के तौर पर ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है। मास फीवर सर्वे करवाया जा रहा है। ऐसा कोई साइंटिफिक डॉक्यूमेंट नहीं है, जिसके आधार पर कहा जा सकें कि कपूर, इलायची के चूर्ण की सुगंध लेने से स्वाइन फ्लू खत्म हो जाएगा। जागरूकता ही इसका हल है।
-सीएमओ डा. गोबिंद गुप्ता, सिरसा

कपूर, इलायची का प्रयोग इम्युनिटी को बिल्डअप करने में मदद करता है। जिससे स्वाइन फ्लू का प्रभाव रोकने में हेल्प जरूरत मिलती है। इससे यह नहीं कहा जा सकता उपरोक्त प्रयोग से स्वाइन फ्लू का पक्के तौर पर इलाज हो सकता है।
-गिरीश चौधरी, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी, सिरसा


यहां स्वाइन फ्लू से एक गर्भवती समेत दो महिलाओं की मौत
दादरी जिले के गांव बीजणा निवासी गर्भवती की स्वाइन फ्लू से रोहतक पीजीआइ में मौत हो गई। महिला के परिजनों ने पीजीआइ प्रशासन पर उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। वहीं, पंजाब के मलूक मानसा निवासी समरजीत कौर (35) पत्नी किरपाल सिंह की हिसार के अग्रोहा मेडिकल कालेज में उपचार के दौरान मौत हो गई। समरजीत को 5 फरवरी को अग्रोहा मेडिकल में भर्ती कराया गया था। समरजीत के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, लेकिन रिपोर्ट अभी नहीं आई है। मोनिका (27) के परिजनों ने उसे 6 फरवरी को बुखार होने पर दादरी के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां से चिकित्सकों ने उसे रोहतक पीजीआइ रेफर कर दिया था।


 


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