सड़क सुरक्षा को लेकर सबसे अधिक जोखिम में बच्चे
प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण के सचिव द्वारा 15 से लेकर 25 दिसंबर तक स्कूली विद्यार्थियों के लिए सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान शुरू किया गया है।
जागरण संवाददाता, हिसार : परिवहन विभाग का मानना है कि सड़क सुरक्षा को लेकर लोगों को गंभीर होने की जरूरत है। आंकड़ों के अनुसार, यह पाया गया है कि अधिकांश सड़क दुर्घटना के मामले हैं, जिनमें बच्चे शामिल हैं, इसलिए वे अन्य आयु वर्ग के लोगों की तुलना में उच्च जोखिम में हैं। उन्हें कम उम्र से ही सड़क सुरक्षा ज्ञान और शिक्षा की आवश्यकता है।
इसको लेकर प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण के सचिव द्वारा 15 से लेकर 25 दिसंबर तक स्कूली विद्यार्थियों के लिए सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। यह प्रतियोगिता दो समूहों में बांटी गई है। पहला समूह पांचवीं से आठवीं तो दूसरा समूह नौवीं से 12वीं के विद्यार्थियों का होगा। इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रतिभागी अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य या जिला शिक्षाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। तीन चरणों में होगी प्रतियोगिता
पहला चरण - निबंध लेखन
दूसरा चरण- पोस्टर मेकिग
तीसरा चरण- प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता प्रतियोगिता का क्या है उद्देश्य
हम हमेशा खबरों में या अपने दोस्तों द्वारा सड़क दुर्घटनाओं के बारे में सुनते हैं, क्योंकि गलत साइड ड्राइविग, सड़क सुरक्षा नियमों की कमी उपाय, उच्च गति, नशे में ड्राइविग आदि सरकार ने सभी के लिए सड़क यातायात और सड़क सुरक्षा नियमों की विविधता बनाई है। उनकी सुरक्षा के लिए सड़क का उपयोग करना और दैनिक सड़क दुर्घटनाओं की संख्या को कम करना। हमें सभी नियमों और विनियमों का पालन करना चाहिए जैसे रक्षात्मक ड्राइविग का अभ्यास करना, सुरक्षा उपायों का उपयोग करना, गति की सीमा को बनाए रखना, सड़क के संकेतों को समझना आदि।
वाहन चलाते समय सेल-फोन या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग के कारण ड्राइवर की व्याकुलता के कारण सड़क सुरक्षा जोखिम बढ़ गए हैं। ऐसे मामलों में यातायात कानून और नियम हमें सड़क दुर्घटनाओं और चोट से दूर रखने में बहुत मदद करते हैं। सड़क सुरक्षा के उपाय वे साधन हैं जो महंगे ट्रैफिक जुर्माना, गंभीर अपराधों, ड्राइविग लाइसेंसों को हटाने आदि से बचा सकते हैं। पैदल चलने वालों को सड़क पर चलने के नियम भी पता होते हैं जैसे कि क्रॉसवॉक का सही इस्तेमाल, जेब्रा क्रॉसिग का इस्तेमाल आदि।