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हांसी में 5 साल से बच्‍चे को मंदिर में कर रखा था दान, अधिकारी ने पूछा कहां जाना है बेटा, बोला- घर

5 साल पूर्व हांसी के समाधा मंदिर में बेटे को दान देने वाले पिता ने कहा कि मेरे 3 माह के बेटे को सांप ने काट लिया था। मैनें बाबा से कहा कि मेरे बच्चे की जान बची तो तेरा नहीं तो मेरा। बच्‍चा बच गया और मैनें दे दिया।

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 05:25 PM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 05:25 PM (IST)
हांसी में 5 साल से बच्‍चे को मंदिर में कर रखा था दान, अधिकारी ने पूछा कहां जाना है बेटा, बोला- घर
हांसी में दान किए गए दूसरे बच्‍चे को भी बचाया गया है

हिसार/हांसी [मनप्रीत सिंह] जिस उम्र में मासूम बच्चों को मां की लोरी और पिता का प्यार चाहिए उस नाजुक उम्र में अपने नवजात शिशु को दान देने वाले अंधविश्वास में डूबे माता-पिता की अजीब दलीलों को सुनकर रेस्ट हाउस के कमरे में मौजूद बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम भी हैरान रह गई। 5 साल पूर्व मंदिर में अपने बेटे को दान देने वाले पिता ने कहा कि मेरे जब मेरा बेटा 3 माह था तो उसे सांप ने काट लिया था, इसके बाद वह बच्चे को मंदिर में लेकर आया और बाबा से कहा कि मेरे बच्चे की जान बचा ली तो यह आपका है, नहीं तो मेरा ही है।

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रेस्ट हाउस में चारों तरफ भीड़-भाड़ से घिरे महज 5 साल के मासूम बच्चे को अहसास ही नहीं था कि ये पूरा प्रशासनिक अमला उसकी हिफाजत के लिए जुटा है। बच्चा गुमसुम संरक्षण अधिकारी की गोदी में बैठा था। बच्चे से चेयरपर्सन ने पूछा कि बेटा कहा जाना है तो बच्चे ने बड़े मासूमित भरे लहजे में कहा कि घर जाना है। पिता सामने खड़ा था, लेकिन बच्चे ने पिता की तरफ नहीं देखा। पिता गिड़गिड़ाया कि बच्चा उसे दे दिया जाए, लेकिन आयोग टीम पिता की दलीलों से बिल्कुल संतुष्ट नहीं थी और बच्चे को शैशव कुंज में संरक्षण कमेटी के देखरेख में भेजने के निर्देश दिए।

मासूम बच्चा भी आयोग की टीम के साथ खुशी-खुशी चला गया। वहीं, चार दिन पूर्व मंदिर में कथित तौर पर बच्चा दान करने के बाद पुलिस कार्रवाई होने पर वापिस लेने वाले माता-पिता को भी तलब किया था। आयोग ने दोनों माता-पिता को फटकार लगाते हुए भविष्य में ऐसा कदम ना उठाने की सख्त चेतावनी दी। माता-पिता की आयोग की चेयरपर्सन ने स्वयं काउंसलिंग की।

बता दें कि हांसी के एक मंदिर में बच्‍चों को दान कर दिया जाता था। इसमें हाल में ही एक महीने के बच्‍चे को दान करने के‍ लिए माता पिता पहुंचे थे, मगर पुलिस को इसकी जानकारी मिल गई थी। बच्‍चे का रेस्‍क्‍यू किया गया। इस मामले में बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया था और मंदिर में जांच करने के लिए आयोग की टीम पहुंची थी। इस दाैरान एक और बच्‍चा मिला, जिसे पांच साल से यहां दान में दिया हुआ था। मगर जब बच्‍चे से पूछा तो पहले ही सवाल में यह पता लग गया कि बच्‍चा यहां खुश नहीं है।

ट्रैक पर होगा बच्चा का रिकॉर्ड

रेस्क्यू किये गए बच्चे के अलावा चार दिन पूर्व कथित रूप से दान देने के बाद वापिस करवाए गए 30 दिन के बच्चे के आधार कार्ड व अन्य सभी दस्तावेज तैयार करवाए जाएंगे व इसके बाद उनकी जानकरी विभाग के पोर्टल पर अपलोड होगी। जिससे बच्चे पर बाल संरक्षण विभाग की टीम व आयोग नजर रख सके।

मंदिर के लोगों की होगी पुलिस वैरिफिकेशन

मंदिर में रहने वाले सभी महंतों व अन्य लोगों की पुलिस वैरिफिकेशन होगी। चेयरपर्सन ने मौके पर मौजूद डीएसपी को निर्देश दिए कि जल्दी वैरिफिकेशन करके रिपोर्ट दी जाए। इसके अलावा बच्चा का मेडिकल भी करवाने के निर्देश दिए गए व देर शाम हिसार में बच्चे का मेडिकल करवाया गया।

कमरे में मिली चिल्म, सिगरेट, बीड़ी

मंदिर के जिस कमरे में बच्चे को रखा जाता उसमें तलाशी के दौरान टीम को बीड़ी, सिगरेट, चिल्म आदि चीजें मिली। इसके अलावा कुछ सीडी भी मिली हैं। कमरे से मिले सामान को जांच के लिए पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है। चेयरपर्सन ने कहा कि बच्चे के रहने के लिए ये स्थान बिल्कुल उपयुक्त नहीं है। बच्चे से जुड़ा किसी प्रकार का रिकॉर्ड मंदिर में नहीं मिला।

नारायणपुरी के बाद पूनमपुरी को लौटाया बचपन

चार दिन पूर्व डडल पार्क निवासी माता-पिता ने बच्चे को मंदिर में दान किया था। जिसका नाम नारायणपुरी रखा गया था। लेकिन एसपी के प्रयासों से उसे वापिस लौटाया गया था। वहीं, मंगलवार को 5 सालों पूर्व मंदिर में दान दिए बच्चे जिसका नाम पूनमपुरी रखा गया था उसे भी साधुत्व से मुक्त कर बचपन लौटा दिया। चेयरपर्सन ने कहा कि बच्चे बालिग होने के बाद अपनी जिंदगी का निर्णय लेने के लिए मुक्त हैं, लेकिन उससे पूर्व उनकी परवरिश की जिम्मेदारी माता-पिता की है।


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