बस स्टैंड फुटओवर ब्रिज विवाद : चीफ इंजीनियर बोले- 2.39 करोड़ के एस्केलेटर लगाने का कोई औचित्य नहीं
तलाकी गेट पर करीब दो करोड़ रुपये से बने फुटओवर ब्रिज पर 2.39 करोड़ रुपये की लागत से एक्सेलेटर लगाने के मामले में फिजूलखर्ची के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है। मामले ने तूल पकड़ लिया
हिसार, जेएनएन। तलाकी गेट पर करीब दो करोड़ रुपये से बने फुटओवर ब्रिज पर 2.39 करोड़ रुपये की लागत से एक्सेलेटर लगाए जाने पर चीफ इंजीनियर ने भी हैरानी जताई है। चीफ इंजीनियर ने कहा कि अगर बस स्टैंड अपनी जगह से कहीं ओर शिफ्ट हो रहा है तो ऐसे में भीड़ कम हो जाएगी और एक्सेलेटर लगाने का कोई औचित्य नहीं बनता। फिर भी इसके बारे में वे अधिकारियों से बात करेंगे।
वहीं बीते कई सालों से प्रयोग में नहीं आ रहे फुटओवर ब्रिज पर फिजूलखर्ची के खिलाफ शहर की जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। प्रशासन ने भी जनता के रुख को भांपते हुए सोमवार को एस्केलेटर की फाइल तलब करने की बात कही। डीसी ने इस मामले को गंभीरता से देखने और पूरे प्रोजेक्ट की जानकारी लेने की बात कही है। वहीं मेयर गौतम सरकार ने इसे कांग्रेस सरकार की नाकामी करार दिया। उन्होनें कहा कि भाजपा सरकार पिछली सरकार के फिजूलखर्चे को किस तरह कामयाब किया जाए इस पर काम कर रही है। मेयर का कहना है कि बस स्टैंड तो हर हाल में शिफ्ट होगा मगर एक्सेलेटर का इस्तेमाल वह कैसे कर सकते हैं इस पर बैठकर विचार करेंगे।
पांच साल पहले एक करोड़ 98 लाख 18 हजार रुपये खर्च कर तलाकी गेट पर फुटओवर ब्रिज का निर्माण किया गया था। मकसद था पैदल यात्री उसके ऊपर से निकलें, लेकिन पुल सफेद हाथी बनकर रह गया। पुल से पैदल यात्री ही नहीं निकले। उस खर्च के बाद अब विभाग उस पर दो करोड़ 39 लाख रुपये खर्च करने जा रहा है। इस खर्च पर शहर की अनेक संस्थाएं और प्रबुद्धजन एक मंच पर आ गए हैं। विरोध में खड़े होते हुए लोगों ने इसे सरासर जनता के पैसों की फिजूलखर्ची बताया है।
ये है पुल का इतिहास
तलाकी गेट पर 2012 में फुटओवर ब्रिज बनाने के लिए मंत्री ने शिलन्यास किया था। 2013-14 में ब्रिज का निर्माण पूरा होने के बाद पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल ने उद्घाटन किया। उसके बाद शुरुआत में कुछ लोग इस पर जोश में चढ़े। करीब 100 मीटर लंबा पुल होने के कारण बुजुर्ग लोग इस पर नहीं चढ़ते थे। युवा भी बाद में लंबा पुल होने के कारण चढऩा बंद हो गए। आज के समय में हालात यह है कि कोई इस पर नहीं चढ़ता। पुल का उपयोग नहीं होने के कारण भाजपा सरकार आने पर इस पर हैंगिग मार्केट बनाने की योजना बनी लेकिन बाद में उस पर काम नहीं हुआ। फिर मुख्यमंत्री ने इस पर एस्केलेटर लगाने की घोषणा की।
ये है तलाकी गेट की स्थिति
- तलाकी गेट की सड़क : करीब 35 फीट
- फुट ओवरब्रिज की लंबाई : करीब 100 मीटर
- फुट ओवर ब्रिज का शिलान्यास - वर्ष 2012
- अब तक इतने हो चुके हैं खर्च : एक करोड़ 98 लाख 18 हजार रुपये
- अब आगे इतने होने हैं खर्च : 2.39 करोड़
---तलाकी गेट पर बना फुट ओवर ब्रिज किसी काम का नहीं है और अगर बस स्टैंड शिफ्ट हो रहा है तो एक्सेलेटर लगाने का कोई औचित्य नहीं है। फिर भी वे अधिकारियों से बात करेंगे।
- राकेश मनोचा, चीफ इंजीनियर, बीएंडआर
---सोमवार को मैं बीएंडआर के अधिकारियों से एस्केलेटर की फाइल तलब करूंगा। पहले मैं पूरा मामला देख लूं इसके बाद ही कुछ कह पाऊंगा।
- अशोक कुमार मीणा, डीसी
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