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पश्चिमी विक्षोभ से बदला मौसम का मिजाज, हरियाणा में बारिश से बढ़ेगी ठंड

हरियाणा में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से मौसम का मिजाज बदल गया है। राज्‍य में कई जिलाें में सुबह से बारिश हो रही है। इससे ठंड में तेजी आ गई है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 27 Nov 2019 09:39 AM (IST)Updated: Wed, 27 Nov 2019 09:39 AM (IST)
पश्चिमी विक्षोभ से बदला मौसम का मिजाज, हरियाणा में बारिश से बढ़ेगी ठंड
पश्चिमी विक्षोभ से बदला मौसम का मिजाज, हरियाणा में बारिश से बढ़ेगी ठंड

हिसार, जेएनएन। हरियाणा के उत्तरी व पश्चिमी जिलों में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के कारण मौसम ने करवअ ली है। कई क्षेत्रों में सुबह से बारिश हो रही है। मंगलवार को भी राज्‍य में बारिश हुई। मौसम विज्ञानी का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ ने ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान होते हुए भारत में प्रवेश किया है।  इस बार पश्चिमी विक्षोभ कुछ अधिक सक्रिय है।

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बुधवार सुबह से रोहतक, हिसार,भिवानी सहित कई जिलों में बारिश हो रही है। इससे तापमान में गिरावट आई है और ठंड ने तेजी पकड़ ली है। एचएयू के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के कारण आज रात  गरज चमक के साथ बारिश होगी। मौसम के इस परिवर्तन से प्रदेश में  रात्रि के साथ दिन के तापमान में भी गिरावट आ रही है। आने वाले दिनों में सर्दी अधिक बढ़ सकती है। इससे पंजाब में भी सर्दी बढ़ेगी और राजस्थान के कुछ इलाकों में ओलावृष्टि भी हो सकती है, हालांकि हरियाणा में ओलावृष्टि की आशंका कृषि मौसम विज्ञान विभाग ने अभी तक नहीं जताई है।

राेहतक की अनाजमंडी में फसल को बारिश से बचाने के लिए ढकते किसान।

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28 नवंबर के बाद पास कर जाएगा पश्चिमी विक्षोभ

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि 28 नवंबर के बाद पश्चिमी विक्षोभ प्रदेश से मैदानी इलाकों की तरफ बढ़ जाएगी। चूंकि वह पहले ही पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी कर चुका होगा। ऐसे में वहां से उत्तरी हवाएं या उत्तर पश्चिमी हवाएं चलेंगी तो मैदानी क्षेत्रों में रात्रि तापमान में गिरावट कर ठंड को बढ़ाएंगी। उन्होंने बताया कि अक्टूबर से मार्च माह तक अगर बारिश होती है तो उसका कारण पश्चिमी विक्षोभ ही होता है।

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भिवानी में बारिश के बीच स्‍कूल जाते बच्‍चे।

गेहूं और सरसों के किसानों को होगा फायदा

जिन किसानों ने अगेती गेहूं या सरसों लगाया है, उन किसानों को मौसम परिवर्तन से हुई बारिश का फायदा मिलेगा। क्योंकि फसल के 22 से 25 दिन होने के बाद अक्सर किसान पानी देते हैं, अगर मध्यम बारिश होती है तो किसानों की पानी की जरूरत को पूरा करेगी। ऐसे में किसानों को नुकसान न होकर फायदा ही होगा।

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  जिला-      अधिकतम तापमान-       न्यूनतम तापमान

अंबाला-       18.4 डिग्री सेल्सियस - 13.4 डिग्री सेल्सियस

भिवानी-       23.9 डिग्री सेल्सियस- 12.6 डिग्री सेल्सियस

चंडीगढ़-       22.2 डिग्री सेल्सियस - 13.8 डिग्री सेल्सियस

फरीदाबाद-    28 डिग्री सेल्सियस-     16.1 डिग्री सेल्सियस

गुरुग्राम-       27.8 डिग्री सेल्सियस- 16.2 डिग्री सेल्सियस

हिसार-         24.4 डिग्री सेल्सियस - 13.5 डिग्री सेल्सियस

करनाल-      25.2 डिग्री सेल्सियस-    14.4 डिग्री सेल्सियस

कुरुक्षेत्र-       20 डिग्री सेल्सियस-       13.4 डिग्री सेल्सियस

रोहतक-      25.5 डिग्री सेल्सियस-    16.4 डिग्री सेल्सियस

सिरसा-       22 डिग्री सेल्सियस-        13 डिग्री सेल्सियस


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