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हिसार सिविल अस्पताल के बायोलॉजिस्ट व कोरोना वॉरियर नाम से प्रचलित डा. रमेश पूनिया पर केस दर्ज

हिसार की महिला चिकित्सक की शिकायत पर सिविल अस्पताल के बायोलॉजिस्ट डा. रमेश पूनिया पर केस दर्ज किया गया है। महिला चिकित्सक ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि डा. रमेश पूनिया ने जांच के दौरान उनको धमकाया और अभ्रद भाषा का प्रयोग किया।

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 05 Feb 2021 08:25 AM (IST)Updated: Fri, 05 Feb 2021 08:25 AM (IST)
हिसार सिविल अस्पताल के बायोलॉजिस्ट व कोरोना वॉरियर नाम से प्रचलित डा. रमेश पूनिया पर केस दर्ज
डॉ. पूनिया ने कोरोना संक्रमित डॉक्‍टर के ओपीडी देखने को लेकर कार्रवाई की थी, अब इस मामले में केस दर्ज

हिसार, जेएनएन। हिसार शहर के एक प्राइवेट अस्पताल की महिला चिकित्सक की शिकायत पर सिविल अस्पताल के बायोलॉजिस्ट डा. रमेश पूनिया पर केस दर्ज किया गया है। महिला चिकित्सक ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि डा. रमेश पूनिया ने जांच के दौरान उनको धमकाया और अभ्रद भाषा का प्रयोग किया। इससे उसकी लज्जा भंग हुई है।

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उल्लेखनीय है कि 12 सितंबर को निजी अस्पताल का डॉक्टर और उसका पिता दोनों संक्रमित मिले थे। डॉक्टर की पत्नी पहले ही संक्रमित मिल चुकी थी। इसलिए उनको क्वारंटीन किया गया था। मगर 12 सितंबर को कोविड-19 नोडल अधिकारी डॉ रमेश पूनिया और उनकी टीम अस्पताल पहुंची तो देखा कि संक्रमित डॉक्टर कोरोना नियमों को दरकिनार करते हुए अस्पताल में ओपीडी देख रहे थे।

वहीं कोरोना पॉजिटिव पिता भी मरीजों को दवा वितरण कर रहा था। उस समय डॉक्टर खुद को संक्रमित होने से मना कर रहा था और इसी बात को लेकर विभागीय टीम और डॉक्टर के बीच बहस हो गई। यही नहीं डॉक्टर ने कोविड-19 पोस्टर लगाने से भी मना किया था।

ऐसे में टीम को पुलिस भी बुलानी पड़ी थी। इस मामले में डा. रमेश पूनिया ने स्वास्थ्य विभाग को शिकायत दी थी। जिस पर इन्कवारी शुरू हुई। महिला डॉक्टर का आरोप है इसी जांच के दौरान डाक्टर ने उनके साथ अभ्रदता की।

-- -- मैंने 12 दिसंबर को पीएमओ में महिला डॉक्टर के खिलाफ शिकायत दी थी। क्यूंकि उन्होंने सरकारी ड्यूटी के दौरान सरकारी कोटे से और सरकारी वेतन पर एनिस्थिया में डिप्लोमा किया और इस डिप्लोमा में सिक्योरिटी बॉंड भरकर देना होता कि या तो मैं सर्विस करूंगी या बॉंड की राशि बयाज सहित भरूंगी। इस महिला डॉक्टर ने दोनों ही काम नहीं किए। जिसकी शिकायत मैंने पीएम ऑफिस में शिकायत की थी। यह इन्कवारी 15 दिसंबर को हुई है। इसमें डाॅक्टर का पति और महिला के ससुर को बुलाया गया था। इस इन्कवायरी में महिला डॉक्टर को नहीं बुलाया गया था। इसके बावजूद यह महिला वहां आकर बैठ गईं। जांच कमेटी की चेयरमैन ने काफी बार इनको कहा कि आपको नहीं बुलाया गया आप दूसरे कक्ष में बैठे। मगर इन्होंने बात नहीं मानी और उलटा मुझे धमकी दी। मेरे को जानबूझकर दवाब बनाने के लिए केस दर्ज करवाया गया है। मैं शुक्रवार को आइजी से मिलकर न्याय की मांग करूंगा।

- डा. रमेश पूनिया, बॉयोलॉजिस्ट, सिविल अस्पताल


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