दादरी में छात्रा की मौत व उसके दादा द्वारा आत्महत्या करने का मामला गहराया, ग्रामीणों ने की पंचायत
छात्रा का शव गांव के तालाब से बरामद हुआ था। इससे क्षुब्ध मृतका के दादा सावंत राम ने जहरीला पदार्थ निगल कर आत्महत्या कर ली थी। मृतक के पास से सुसाइड नोट भी मिला था जिसे पुलिस को दिया गया। आरोप है कि कोई कार्रवाई नहीं हुई।
संवाद सूत्र, झोझू कलां : करीब दो माह पूर्व गांव डाढ़ी बाना में एक छात्रा की मौत व उसके बाद मृतका के दादा द्वारा आत्महत्या करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। ग्रामीणों ने पुलिस पर इस मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को जिला पुलिस अधीक्षक से मिलने व अगला कदम उठाने का निर्णय लिया है। दादरी जिले के गांव डाढ़ी बाना में रविवार को ग्रामीणों की पंचायत हुई। जिसमें मौजूद लोगों ने पुलिस पर करीब दो माह पहले गांव की छात्रा की मौत और उसके बाद मृतका के दादा द्वारा आत्महत्या करने के मामले में कोई ठोस कार्रवाई ना करने के आरोप लगाए। ग्रामीणों ने कहा कि पुलिस मामले की अनदेखी कर रही है। मृतक सावंत राम के सुसाइड नोट पर भी पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया है।
पंचायत के दौरान 20 सदस्यीय कमेटी का गठन कर ग्रामीणों ने फैसला लिया कि वे 22 नवंबर को पुलिस अधीक्षक से मिलेंगे और एक सप्ताह का समय प्रशासन को संबंधित मामले में कार्रवाई के लिए दिया जाएगा। इसके बाद भी यदि न्याय नहीं मिला तो अनिश्चितकालीन रोड जाम किया जाएगा। जब तक आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होगी रोड जाम रखा जाएगा। मृतका के स्वजन अनशन पर भी बैठने से पीछे नहीं हटेंगे। पंचायत में डा. ओमप्रकाश, पूर्व सरपंच छाजूराम, सज्जन सिंह, नफे सिंह नंबरदार रामकिशन, प्रदीप रोहिल्ला, जीतू पंडित, जयभगवान सहित सैकड़ों ग्रामीण शामिल रहे।
यह है मामला
बता दें कि गांव डाढ़ी बाना निवासी 11वीं कक्षा की एक छात्रा 26 सितंबर की देर रात को घर से लापता हो गई थी। देर रात करीब एक बजे स्वजन उठे तो उन्हें छात्रा घर पर नहीं मिली। जब वे अपने स्तर पर तलाश करते हुए घर के समीप स्थित खेल ग्राउंड में पहुंचे तो वहां बने हाल में उक्त नाबालिग छात्रा गांव बलाली निवासी एक युवक के साथ मौजूद थी। जिसके बाद वे परिवार के अन्य सदस्यों को बुलाने चले गए। जब वे वापस लौटे तो वहां से नाबालिग युवती व उक्त युवक गायब मिले। 27 सितंबर को छात्रा के स्वजन गांव बलाली में उक्त युवक के घर गए। बाद में स्वजनों ने झोझू कलां पुलिस स्टेशन में शिकायत दी। 29 सितंबर की सुबह उक्त छात्रा का शव गांव के तालाब से बरामद हुआ था।
जिसके बाद स्वजनों ने नेशनल हाइवे 148बी पर भी जाम लगाया। मौके पर पहुंचे तत्कालीन एसपी विनोद कुमार द्वारा मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित करने के आश्वासन पर ग्रामीणों ने जाम खोला था। लेकिन कई दिन गुजरने के बाद भी कोई कार्रवाई पुलिस की ओर से नहीं की गई तो इससे क्षुब्ध मृतका के दादा सावंत राम ने जहरीला पदार्थ निगल कर आत्महत्या कर ली थी। मृतक के पास से सुसाइड नोट भी मिला था जिसे पुलिस को दिया गया।
ग्रामीणों ने पंचायत में कहा कि पुलिस ने सुसाइड नोट मामले में भी कोई जांच आगे नहीं बढ़ाई और कार्रवाई नहीं की है। ग्रामीणों का कहना है कि छात्रा की मौत के मामले में पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने से ही क्षुब्ध सांवत राम ने अपनी जीवन लीला समाप्त की है। सांवत राम व उनका परिवार बार-बार पुलिस से उन्हें न्याय दिलाने की गुहार लगा रहा था। लेकिन पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की। आखिरकार सांवत राम ने परेशान होकर घर के समीप स्थित प्लाट में जहरीला पदार्थ निगलकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने इन दोनों घटनाओं को लेकर कोई गंभीर कदम नहीं उठाए। छात्रा के स्वजन न्याय के लिए भटक रहे हैं।
भय के माहौल में जी रहे स्वजन : जयप्रकाश
मृतक छात्रा के पिता और सावंत के बेटे जयप्रकाश ने बताया कि 29 सितंबर को उसकी दो दिन से लापता बेटी का शव गांव के ही तालाब में मिला था। इस मामले में आरोपित पक्ष द्वारा उसे व उसके परिवार को जान से मारने की धमकियां दी जा रही थी। लेकिन पुलिस द्वारा कोई सहयोग नहीं किया गया। पुलिस प्रशासन की लापरवाही व आरोपित पक्ष द्वारा बार-बार परेशान करने के कारण उसके परिवार में भय का माहौल बना हुआ है। इसी के कारण उसके पिता ने आत्महत्या की। उनके मृतक पिता से मिले सुसाइड नोट में भी पुलिस पर लापरवाही, अनदेखी के आरोप हैं। मामले की गहनता से जांच कर आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
पुलिस पर उठाए सवाल
गांव डाढीबाना के पूर्व सरपंच छाजूराम व मृतक के बेटे जयप्रकाश ने बताया कि 29 सितंबर को तालाब में मिले छात्रा के शव मामले में पुलिस द्वारा कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं की गई। मृतक द्वारा सुसाइड नोट में भी यह लिखा गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर वे गृह मंत्री अनिल विज से भी मिले थे। इसके बाद भी कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई।