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नेशनल हैंडबाल टीम के कप्तान रहे एवं नेवी आफिसर हिसार के दर्शन का निधन, घिराय में हुआ अंतिम संस्‍कार

घिराय गांव निवासी दर्शन बूरा का डेंगू के उपचार के दौरान निधन हो गया दर्शन भारतीय हैंडबॉल टीम के कप्तान भी रह चुके हैं इसके साथ ही वह नेवी में चीफ पेटी ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे। वहीं डेंगू का शिकार हो गए।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 29 Aug 2021 01:51 PM (IST)Updated: Sun, 29 Aug 2021 01:51 PM (IST)
नेशनल हैंडबाल टीम के कप्तान रहे एवं नेवी आफिसर हिसार के दर्शन का निधन, घिराय में हुआ अंतिम संस्‍कार
घिराय गांव के निवासी हैं दर्शन, छुट्टी पर घर आते थे तो बच्चों को सिखाते थे हैंडबॉल

जागरण संवाददाता, हिसार। हिसार के घिराय गांव निवासी दर्शन बूरा का डेंगू के उपचार के दौरान निधन हो गया दर्शन भारतीय हैंडबॉल टीम के कप्तान भी रह चुके हैं इसके साथ ही वह नेवी में चीफ पेटी ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे वही वर्ल्ड डेंगू का शिकार हो गए कुछ दिन उपचार चला इसके बाद उन्होंने आखिरकार आखरी सांस ली। अपने युवा खिलाड़ी को खोने का असर पूरे हिसार में दिख रहा है । सूचना मिलते ही गांव में लोगों का एकत्रित होना शुरू हो गया । हैंडबॉल से जुड़े कई खेल प्रेमियों को दर्शन भूरा के जाने से काफी नुकसान हुआ है। अभी कुछ समय पहले ही दर्शन बूरा हिसार में हैंडबॉल की स्टेट चैंपियनशिप में प्रतिभाग करते भी नजर आए थे। खास बात यह है कि वह ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने पाकिस्तान को कई बार धूल चटाई। वह भारतीय हैंडबॉल टीम की शान थे। दोपहर बाद उनका पार्थिव शरीर उनके पृतक गांव घिराय में पहुंचा और उन्‍हें सलामी देकर उनका अंतिम संस्‍कार किया गया। गांव में भीड़ एकत्र हो गई और हर किसी की आंख नम थी।

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देश के नाम किये कई पदक

पूरे करियर में 15 पदक 15 बार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं। वह मौजूदा समय में भारतीय नौसेना में चीफ पेटी अफसर के पद पर कार्यरत थे। दिवंगत खिलाड़ी का शव आज दोपहर बाद घिराय गांव में पहुंचेगा।

हैंडबाल से जुड़े अनुभव किये थे साझा

दर्शन बूरा ने कुछ समय पहले जागरण को दिए साक्षात्कार में बताया था कि उन्होंने हमेशा से हैंडबॉल की तैयारी मैदान पर की। मगर 2014 में जब राष्ट्रीय प्रतियाेगिताओं के लिए ट्रायल हुए तो उन्हें इंडोर खिलाया गया। तब पहली बार ग्लू के साथ बाॅल को पकड़ा और थ्रो किया तो बॉल हाथ में ही चिपकी रह गई। सिर्फ यह नहीं बल्कि इस बॉल से खेलते-खेलते उंगलियों की खाल तक फट गई। इंडोर में सब कुछ नया था, ऐसे में शुरुआत से यहां खेलने की प्रैक्टिस शुरू की। बॉल के साथ तालमेल बैठाया तब विदेशी टीमों से टक्कर ली। यह बॉल भी पाकिस्तान से आती है ऐसे में पाकिस्तान की टीम की पकड़ काफी अच्छी थी। फिर भी हमारी टीम के खिलाड़ियों ने पाकिस्तान को मान दी। 2014 से लेकर 2018 तक पाकिस्तान की टीम को मात दे चुके थे।


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