बीमारी को मात देकर सिरसा की कंचन ने बनाई लेखन में पहचान, तीन बिलियन रीडर्स पढ़ते हैं रचनाएं
कंचन महक सुथार जो दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर से ग्रस्त होकर भी अपने हौंसले के बलबूते आसमां की ऊंचाई को नापती जा रही है। करीब 15 वर्ष से इस असहनीय पीड़ा को झेल रही कंचन ने कभी जीवन को पश्चाताप की नजर से नहीं देखा
जागरण संवाददताा, सिरसा। जब हौंसला बना लिया ऊंची उड़ान का, फिर देखना फिजूल है कद आसमान का ऐसे ही जज्बे की धनी है कंचन महक सुथार, जो दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर से ग्रस्त होकर भी अपने हौंसले के बलबूते आसमां की ऊंचाई को नापती जा रही है। करीब 15 वर्ष से इस असहनीय पीड़ा को झेल रही कंचन ने कभी जीवन को पश्चाताप की नजर से नहीं देखा, अपितु भविष्य के प्रति एक सकारात्मक नजरिया बनाकर हमेशा आगे बढऩे का निश्चय किया।
संघर्ष और इच्छाशक्ति से उसने कवियित्री के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनाई। स्नातक तक पढ़ाई पूरी कर चुकी कंचन ने लेखन के क्षेत्र में अलग मुकाम बनाया है। उसका लक्ष्य है कि वह आइएएस अधिकारी बनकर दिव्यांगजनों के लिए काम करे। उसके फैमस ऐप प्रतिलिपि पर साढ़े 12 हजार फोलोवर्स व तीन मिलियन रीडर के साथ-साथ कूकू एफएम ऑडियो पर एक हजार फोलोवर्स और 2.80 लाख श्रोता हैं। कंचन अब तक 300 से ज्यादा रचनाएं लिख चुकी हैं, जो समाज में विघटित हो रही घटनाओं के इर्द-गिर्द घूमती हैं।
कंचन महक सिरसा जिले के गांव गोरीवाला में एक बहुत ही साधारण परिवार की बेटी है। पिता प्रेम कुमार कारपेंटर का कारोबार करते हैं और मां रोशनी देवी गृहणी हैं। कंचन बताती हैं कि उसे हमेशा से ही पढऩे का शौक रहा है। शरीर में पीड़ा बहुत होती थी, लेकिन मन में ख्याल था कि पढऩा तो है ही। उपचार के दौरान एक बार सोलन शहर, हिमाचल प्रदेश के एक नामी अस्पताल में जाना हुआ, जहां के चिकित्सकों ने मुझे इतना मोटिवेट किया कि मेरी हिम्मत बढ़ गई।
मैंने देखा कि वहां पर मुझसे भी ज्यादा बीमार बच्चे हंसी-खुशी जीवन जीने का प्रयास कर रहे हैं। समाज शास्त्र व पंजाबी में ग्रेजुएशन कर चुकी कंचन महक ने दसवीं व बारहवीं 90 प्लस ग्रेडिंग से पास की। लडखड़ाते हाथों से पैन पकड़कर जब वह लिखना शुरू करती है तो फिर रुकने का नाम नहीं लेती। हालांकि परीक्षा में उसे एक घंटा अतिरिक्त समय मिलता रहा है, लेकिन इस दुर्लभ बीमारी में अव्वल श्रेणी में जगह बनाना भी अपने आप में दुर्लभ है।
मोबाइल से पकड़ी साहित्य की राह, मिली नई पहचान:
मां रोशनी देवी बताती हैं कि जब कंचन बीए प्रथम वर्ष में थी तो उसे स्क्रीन टच वाला फोन दिला दिया था, ताकि वह फ्री समय में मन बहला सके। लेकिन कंचन ने बिना किसी मदद के मोबाइल फोन से खुद में छिपी कला को निखारना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे टाइपिंग सीखती गई और शेयरों-शायरी व छोटी रचनाएं लिखने लगी। कंचन खुद बताती है कि मैंने जब पहली बार रचना लिखी तो बड़ी खुशी हुई। मेरी अधिकतर रचनाएं वास्तविकता से जुड़ी हुई हैं। मोबाइल फोन से मुझे प्रतिलिपि एप व कूकू एफएम ऐप के बारे जानकारी मिली।
मैंने अपनी रचनाएं इन ऐप को भेजी तो उन्होंने इनको प्रकाशित और प्रसारित कर दिया। अब तक 300 से ज्यादा रचनाएं इन दोनों ऐप के द्वारा 4 बिलियन पाठकों तक पहुंच चुकी हैं। कूकू एफएम मुझे रिवार्ड भी देती है, जिससे पढ़ाई का खर्च मैं खुद उठाने लगी हूं। मुझे पुस्तकें पढऩे का बहुत शौक है। मुंशी प्रेमचंद का निर्मला, सेवासदन, गोदान उपन्यास कई बार पढ़ चुकी हूं, बाकि साहित्यकारों को भी पढऩे का प्रयास करती हूं।
आइएएस बनने का है सपना
कंचन सुथार बताती है कि जीवन में जो कुछ मिला है, उसी में खुश रहने की कोशिश करनी चाहिए। मैंने भी यह निश्चय कर लिया है कि कभी नीरस नहीं होना, जो मैं कर सकता हूंए उससे भी बढ़कर करने की कोशिश करूंगी। मेरा सपना है कि मैं आइएएस बनकर देश की सेवा में रोल अदा करूं, खासकर उन लड़कियों के लिए प्रेरणा बनूं, जो दिव्यांग होने के चलते हिम्मत हार जाती हैं।
ये है कंचन सुथार का अब तक साहित्यिक सफर
प्रतिलिपि भारत का सबसे बड़ा स्टोरी प्लेटफार्म है, जिस पर कंचन महक सुथार की पहचान हरियाणा की छोरी से है। कंचन के यहां 12421 फोलोअर्स हैं और 3762961 यानि तीन मिलियन रीडर संख्या है। 300 रचनाएंए जिसमें शायरी, कविता, लेख व बीस छोटी कहानियां शामिल हैं। प्यार तो होना ही था, टशन, इश्क, एक अनोखी दास्तां, राखी, मैं फिर भी तुमको चाहूंगी, प्यार तूने क्या किया पहली कहानी, बनूं मैं राजा की रानी पहली पांच घंटे की रचना व 3.5 लाख पाठक संख्या, हसीना क्यों बनी कातिल पहली हार्रर संस्पेस स्टोरी, जिसके 3 लाख पाठक हैं, पुरानी हवेली एक अफसाना, जिसके एक लाख पाठक, मनमर्जियां, कसक, दिल, मुश्किल वेबसीरीज स्टोरी, हीरो बट रोल ऐज विलेन, रक्षक बना भक्षक सामाजिक कहानी के अब तक एक लाख पाठक हैं। बेहद वाला इश्क सीजन वन उपन्यास फेमस और प्रिमियम स्टोरी जिसके 1.6 मिलियन पाठक हैं।
इसी प्रकार कूकू एफएम प्रसिद्ध ओडियो ऐप पर 922 फोलोअर्स हैं और 2 लाख 80 हजार से अधिक श्रोता हैं। कंचन की रचनाएं जो ऑडियो में आ चुकी हैं, प्यार तो होना ही था, टशन, इश्क, एक अनोखी दास्तां पहली दो घंटे की रचना राखी, मैं फिर भी तुमको चाहूंगी, प्यार तूने क्या किया, बनूं मैं राजा की रानी पहली पांच घंटे की रचनाए हसीना क्यों बनी कातिल पहली हार्रर संस्पेस स्टोरी, पुरानी हवेली एक फसाना, कैसी! महोब्बत है सबसे बड़ा उपन्यास है।