समूह बनाकर ऐसे किस्मत बदल सकते हैं किसान, बागवानी पर 90 प्रतिशत अनुदान
किसान उत्पादक समूह का गठन करें और प्रदेश सरकार की नीति के तहत विभिन्न योजना पर 90 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ उठाएं। समूह का बागवानी विभाग के माध्यम से निशुल्क पंजीकरण करवाया जाता है
हिसार, जेएनएन। किसान समूह बनाकर काम करें तो अपनी तकदीर बदल सकते हैं। बागबानी कर किसान बेहद कम खर्च में ज्यादा पैसे कमा सकते हैं। किसान सहकारिता के सिद्धांत का अनुसरण करते हुए किसान उत्पादक समूह का गठन करें और प्रदेश सरकार की नीति के तहत विभिन्न योजनाओं पर 90 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ उठाएं। किसानों के समूह का बागवानी विभाग के माध्यम से निशुल्क पंजीकरण करवाया जाता है।
यह जानकारी बागवानी विभाग की जिला परियोजना अधिकारी डॉ. रितु ने गत सायं गांव मोठसरा में जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के रात्रि ठहराव एवं विशेष प्रचार अभियान के दौरान ग्रामीणों को संबोधित करते हुए दी। कार्यक्रम के दौरान जनसंपर्क विभाग के कलाकारों ने जहां नाटक, भजनों, गीतों व मनोरंजक किस्सों के माध्यम से ग्रामीणों को सामाजिक बदलाव के संदेश दिए वहीं विभाग के उप निदेशक डॉ. साहिब राम गोदारा ने प्रदेश सरकार के चार वर्ष की उपलब्धियों व महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी देते हुए ग्रामीणों से इनका लाभ उठाने का आह्वान किया।
डीपीओ डॉ. रितु ने बताया कि अकेला किसान जब खेत के लिए जरूरी बीज-खाद व अन्य उत्पाद खरीदता है तो ये वस्तुएं उसे महंगी मिलती हैं जबकि अन्य किसानों के साथ समूह बनाकर जब वह ये वस्तुएं खरीदता है तो उसे ये सस्ती भी मिलती है और सरकार की ओर से अनुदान का लाभ भी मिलता है। इसी प्रकार अकेले किसान के लिए अपने कृषि उत्पाद अधिक भाव वाली मंडी तक लेकर जाना आसान नहीं होता जबकि समूह के साथ काम करते हुए वह अपने उत्पादों के अधिक भाव ले सकता है।
इनके अलावा प्रदेश सरकार पंजीकृत समूह में शामिल किसानों को विभिन्न कार्यों पर 70 से 90 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान करती है। उन्होंने आह्वान किया कि किसानों को आपस में मिलकर समूह का गठन करना चाहिए और बागवानी विभाग के माध्यम से निशुल्क पंजीकरण करवाकर इस योजना का लाभ उठाना चाहिए।
प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए बागवानी विभाग के माध्यम से अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं चला रखी हैं। खेत में पानी का पक्का टैंक बनवाने के लिए विभाग जहां 100 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रहा है वहीं टपका-फव्वारा व अन्य तकनीकों के लिए भी 50 से 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंने बागवानी विभाग की सभी महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी देते हुए किसानों से इनका लाभ उठाने का आह्वान किया।
जनसंपर्क विभाग के उपनिदेशक डॉ. साहिब राम गोदारा ने कहा कि धान निकालने के बाद खेतों में बची पराली को आग लगाने से पर्यावरण दूषित होता है और दिल्ली में प्रदूषण बढऩे के पीछे हरियाणा के किसानों को जिम्मेदार ठहरा दिया जाता है लेकिन सच्चाई तो यह है कि हमारे किसान पर्यावरण संरक्षण के प्रति पहले से काफी अधिक जागरूक हो चुके हैं और पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष पराली जलाने के मामलों में 50 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की गई है जिसके लिए प्रदेश सरकार ने भी हरियाणा के किसानों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि हमें सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे सभी सामाजिक अभियानों में बढ़-चढक़र भाग लेना चाहिए ताकि आदर्श समाज का निर्माण किया जा सके।
जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के कलाकारों ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पर आधारित एक मार्मिक नाटक प्रस्तुत किया जिसके माध्यम से ग्रामीणों को संदेश दिया गया कि यदि हम बेटियों को सशक्त नहीं बनाएंगे तो समाज में अनेक समस्याएं पैदा हो जाएंगी। कलाकारों ने पराली मत ना फूंक किसान, इसका ढूंढ लिया समाधान नामक गीत सुनाकर किसानों को पराली के उचित प्रबंधन के प्रति जागरूक किया। एआईपीआरओ छोटूराम ने भी किसानों को आयुष्मान भारत योजना, भावांतर भरपाई योजना, स्वास्थ्य व शिक्षा सहित अनेक विषयों पर जानकारी देते हुए ग्रामीणों को सजग होकर आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया।