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बस स्टैंड शिफ्टिंग प्रोजेक्‍ट बना फुटबॉल, एयरपोर्ट के सामने नहीं बनेगा, जमीन के लिए तलाश जारी

एडीसी ने रोडवेज जीएम को प्रोजेक्ट बनाने के दिए आदेश फिर शुरु हो जमीन की तलाश। एयरपोर्ट के सामने बस स्टैंड शिफ्टिंग में ग्रीनरी व स्काड़ा जलघर बन रहा अड़चन।

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 10:36 AM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 10:36 AM (IST)
बस स्टैंड शिफ्टिंग प्रोजेक्‍ट बना फुटबॉल, एयरपोर्ट के सामने नहीं बनेगा, जमीन के लिए तलाश जारी
बस स्टैंड शिफ्टिंग प्रोजेक्‍ट बना फुटबॉल, एयरपोर्ट के सामने नहीं बनेगा, जमीन के लिए तलाश जारी

हिसार [पवन सिरोवा] बस स्टैंड शिफ्टिंग फुटबॉल की तरह हो गया है। इंटरनेशनल एयरपोर्ट के सामने बस स्टैंड शिफ्टिंग प्रोजेक्ट पर ब्रेक लग गया है। मगर यह पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले भी चार से पांच बार जगह सुनिश्चित की जा चुकी है और कैंसिल भी। ऐसे में शहरवासियों को बसों के कारण जाम की स्थिति से राहत मिलती नजर नहीं आ रही है।

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कारण है कि एनएचएआइ के तहत नेशनल हाईवे के साथ ग्रीनरी होनी अनिवार्य है। उसको ध्यान में रखते हुए बस स्टैंड के प्रोजेक्ट को यहां सिरे चढ़ाने में दिक्कल आ रही है। इसके अलावा फार्म की जमीन के ट्यूबवेल और स्काडा जलघर की भविष्य की प्लानिंग में भी बस स्टैंड में दिक्कत आ सकती है। इसलिए इन सभी प्वाइंटों को ध्यान में रखते हुए फिर से प्रोजेक्ट पर विचार-विमर्श शुरु हो गया है।

अब भविष्य की 10-15 साल की प्लानिंग को ध्यान में रखते हुए बस स्टैंड शिफ्टिंग के लिए बनाई कमेटी ने नए सिरे से जमीन तलाशेगी। यह फैसला बृहस्पतिवार को एडीसी की अध्यक्षता वाली बैठक में लिया। बैठक में बस स्टैंड शिफ्टिंग को लेकर एडीसी ने कमेटी सदस्यों को कई बिंदुओं पर बस स्टैंड शिफ्टिंग प्रोजेक्ट पर कार्य करने के बारे में निर्देश दिए।

विधायक ने जगह पर दी थी सहमति, ताकि एयरपोर्ट के नजदीक बने बस स्टैंड

एडीसी की अध्यक्षता वाली कमेटी ने पूर्व में बस स्टैंड शिफ्टिंग के लिए राजकीय पशुधन फार्म और जनस्वास्थ्य विभाग की जमीन चिन्हित की थी। विधायक डा. कमल गुप्ता ने भी बस स्टैंड को यहां शिफ्टिंग के लिए प्रपोजल पर हामी भरी थी। उनकी हामी के बाद कमेटी ने जीएलएफ की 74 कनाल 15 मरले और जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिक विभाग की 78 कनाल 14 मरला जमीन सहित कुल 153 कनाल और 9 मरला भूमि बस स्टैंड बनाने के लिए फाइनल कर ली थी। जिसे राज्य परिवहन निदेशक की ओर से भी स्वीकृति दी गई। इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास ही बस स्टैंड बनाने के उद्देश्य से विधायक ने इस जगह को सही ठहराया था लेकिन अब यहां का प्रोजेक्ट पर ब्रेक लग गया है।

4 साल 8 माह में भी सीएम घोषणा को नहीं मिली जमीन

11 अगस्त 1969 को हिसार बस स्टैंड बना। वर्तमान में यहां प्रतिदिन जाम की स्थिति बनने लगी। ऐसे में जनता को ट्रैफिक जाम की स्थिति से राहत मिल सके इसके लिए प्रदेश मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 29 दिसंबर 2014 को हिसार के बस स्टैंड शिफ्टिंग की 29 दिसंबर 2014 को घोषणा की थी। सीएम की घोषणा को चार साल आठ महीने 21 दिन बीतने के बावजूद भी आज तक जमीन नहीं मिल पाई है।

आगामी 10-15 साल की व्यवस्था ध्यान में रखते हुए बनेगा नए सिरे से प्रोजेक्ट

बैठक में एडीसी ने रोडवेज अधिकारियों को बस स्टैंड शिफ्टिंग प्रोजेक्ट के लिए उचित जमीन कितनी चाहिए इसके लिए प्रोजेक्ट बनाने के आदेश दिए है। उन्होंने कहा कि पहले रोडवेज प्रशासन भविष्य की 10-15 साल प्लाङ्क्षनग को ध्यान में रखते हुए उन्हें बस स्टैंड के लिए कितनी जगह चाहिए यह निर्धारण करे। उसके बाद जमीन तलाश की आगामी कार्रवाई बढ़ाई जाएगी। ताकि आगामी समय में बसों की बढ़ती संख्या और जाम की स्थिति न बने इन बातों को ध्यान में रखते हुए प्लानिंग के साथ कार्य किया जा सके। साथ ही कमेटी सदस्यों को कहा गया कि बस स्टैंड शिफ्टिंग के लिए जगह पर विचार विमर्श करते समय इस बात का ध्यान रखा जाए कि वह शहर और एयरपोर्ट से अधिक दूर पर न हो।

अफसरों ने किया मौके का भ्रमण, कमेटी में रखे अपने पक्ष, अब एनएचएआइ से करेंगे संपर्क

रोडवेज जीएम, डीसीपी, जनस्वास्थ्य विभाग अधिकारी और निगम अफसरों सहित कमेटी सदस्यों ने बैठक शुरु होने से पहले एयरपोर्ट एरिये के सामने प्रस्तावित बस स्टैंड की जगह का निरीक्षण किया। वहां पर नेशनल हाईवे के साथ लगती ग्रीन बेल्ट की स्थिति देखी। जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अपनी जमीन को लेकर अपना तर्क दिया। अब कमेटी सदस्य प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने से पहले एनएचएआई से भी राय ली जाएगी। उनसे पूछा जाएगी कि नेशनल हाइवे के साथ कितनी जगह ग्रीनरी के लिए छोड़ी जाती है। उनका क्या नियम है इत्यादी। ताकि कहीं भी प्रोजेक्ट सिरे चढ़ाया जाए तो उनके नियम भी ध्यान में रहे।

----बस स्टैंड शिफ्टिंग को लेकर कमेटी सदस्यों की बैठक हुई थी। रोडवेज अधिकारियों को भी आगामी 10-15 साल की प्लानिंग के साथ उन्हें कितनी जमीन चाहिए इस बारे में रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए है। वे आगामी बैठक में अपनी रिपोर्ट देंगे इसके बाद प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाने के तीन अलग-अलग स्थानों पर जमीन की तलाश करेंगे। ताकि प्रोजेक्ट को लेकर हमारे पास विकल्प भी तैयार रहे।

- उत्तम सिंह, एडीसी, हिसार।


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