फतेहाबाद नगर परिषद की बजट बैठक कल, 18 करोड़ के प्रस्तावित विकास कार्यों पर होगी चर्चा
18 करोड़ रुपये के प्रस्तावित बजट परर चर्चा की जाएगी। बैठक में विकास कार्यों को लेकर पार्षदों से भी सुझाव मांगे हैं। जिन पर भी चर्चा होगी। वहीं पार्षद अपने क्षेत्र के विकास कार्य चेयरमैन व अधिकारियों के सामने रखेंगे। वैसे बैठक के लिए 11 एजेंडे तय किए गए है।
फतेहाबाद, जेएनएन। नया वित्त सत्र शुरू होने के बाद नगर परिषद की बैठक का आयोजन 13 अप्रैल को किया जाएगा। जिसमें 18 करोड़ रुपये के प्रस्तावित बजट परर चर्चा की जाएगी। बैठक में विकास कार्यों को लेकर पार्षदों से भी सुझाव मांगे गउ हैं। जिन पर भी चर्चा होगी। वहीं पार्षद अपने क्षेत्र के विकास कार्य चेयरमैन व अधिकारियों के सामने रखेंगे। वैसे बैठक के लिए 11 एजेंडे तय किए गए है। उनमें शहर की सीमा बढ़ने के बाद अधिक कर्मचारियों की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में कर्मचारियों की मंजूरी के लिए चर्चा होगी। वहीं कच्चे कर्मचारियों को भी समान काम समान वेतन के आधार पर बढ़े हुए वेतन का लाभ दिए जाने की संभावना है। शहर में बढ़ती अतिक्रमण की समस्या को दूर करने के लिए पीली पट्टी का भी प्रावधान किया गया है। अब शहर में पीली पट्टी न होने के चलते शहर के सभी बाजारों में अतिक्रमण की समस्या बनी हुई है। इससे परेशानी बढ़ रही है। शहर की अनेक स्ट्रीट लाइटें लंबे समय से बंद है। अब उनको ठीक करवाने के लिए चर्चा होगी।
नगर परिषद की बैठक 8 महीनों बाद होगी आयोजित
नगर परिषद की सामान्य बैठक भी पिछले 8 महीनों से आयोजित नहीं की गई। न ही पार्षदों ने बैठक बुलाने की मांग की। अब बजट बैठक आयोजित करनी पड़ेगी। ऐसे में अधिकारी व चेयरमैन बजट बैठक आयोजित करवा रहे है। नियमानुसार 2 महीने में एक बैठक आयोजित होना जरूरी है। पार्षद बैठक बुलवाने की आवाज उठाते तो अधिकारियों को बैठक बुलानी पड़ती। लेकिन अधिकारी भी संक्रमण काल के दौरान बैठक को उचित नहीं समझते।
पिछले साल थे 11 मुद्दे, जिसमें 9 हुए पूरे
पिछले साल बजट बैठक में भी 11 मुद्दे थे। जिसमें से 9 मुद्दे पूरे हो गए। उनमें से शहर की स्ट्रीट लाइट लगाने का मुद्दा अब भी अधूरा है। प्रदेश सरकार द्वारा टेंडर जारी होने से न तो खराब स्ट्रीट लाइट ठीक की गई न ही नई लगाई गई। इसके अलावा शहर में पांच वाटर कूलर की घोषणा पर काम नहीं हुआ। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि इनको छोड़कर सभी कार्य हुए है। जिनमें पार्कों के रख-रखाव के लिए नगरपरिषद ने पार्क संस्थाओं को ठेके पर देने, जल शक्ति के तहत रिचार्ज बोर की मरम्मत करने, नगरपरिषद की सफाई शाखा की फोगिंग मशीन की रिपेयरिंग करवाने, शहर के सार्वजनिक शौचालयों की मरम्मत, घर-घर कूड़ा एकत्रित करने व कूड़े के निस्तारण का कार्य, गैस संचालित शव दाह ग्रह बनाना सहित अधिकांश कार्य पर काम हुआ है।
अब इन 11 एजेंडों पर होगी चर्चा
- शहर के मुख्य बाजार में पीली पट्टी लगवाने बार
- कोविड-19 के तहत सफाई कर्मचारियों को तेल, साबून, सेनिटाइजर, मास्क व अन्य सामान उपलब्ध करवाने बारे
- पुरानी बैठक में रखे गए एजेंडों की पुष्टि करने
- स्वच्छता के लिए शहर में विभिन्न जगहों पर बैनर, पेंटिंग व फ्लेक्स लगवाने बारे
- टाटा एस गाड़ियों की सर्विस व अन्य बीमा संबंधित भुगतान बारे
- पालिका रोल व आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत कर्मचारियों का सामान काम सामान वेतन लागू भुगतान करने बारे
- पार्षदों की मांग अनुसार उनके वार्डों के अनुसार उनके विकास कार्य करवाने
- नगर परिषद सीमा विस्तार के मध्य नजर विभिन्न पदों की संख्या बढ़ाने बारे
- नगर परिषद के सीमा में पड़े कबाड़े की खुली बोली बारे
- मुख्य सफाई निरीक्षक सफाई दरोगा को शहर में निरीक्षण के तेल भुगतान बारे
- नई स्ट्रीट लाइट लगवाने व उनको मरम्मत करवाने बारे
पिछले तीन सालों का बजट
2018-19 8 करोड़ 63 लाख 19 हजार
2019-20 12 करोड़ 23 लाख 49 हजार
2020-21 14 करोड़ 27 लाख 89 हजार
2021-22 18 करोड़ प्रस्तावित
75 से अधिक बजट का रुपया वेतन भत्ते पर खर्च
नगर निकाय को शहर में होने वाले जमीन की खरीद फरोख्त से आय होती है। इसके अलावा आमजन से हाउस टैक्स सहित सहित कर प्रकार के टैक्स लगाकर रुपये एकत्रित किए जाते है। ये रुपये 75 फीसद कर्मचारियों को वेतन व भत्ते पर खर्च कर दिए जाते है। आमजन से रुपये लेकर मोटा वेतन लेने वाले क्लर्क से लेकर अधिकारी तक अपना व्यवहार तक सही नहीं करते। छोटे से कार्य के लिए कई दिनों तक चक्कर कटाए जाते है। गत वर्ष बजट में 14 करोड़ 27 लाख में से 10 करोड़ 80 लाख वेतन पर खर्च हुए थे। महज 1 करोड़ 34 लाख विकास कार्य पर खर्च करने के लिए रखे गए थे। 1 करोड़ 86 लाख रुपये अन्य कार्यों पर खर्च कर दिए।
बजट बैठक में शहर के कई विकास कार्यों पर लगेगी मोहर : चेयरमैन
नगरपरिषद चेयरमैन फतेहाबाद दर्शन नागपाल ने कहा कि मंगलवार को प्रस्तावित बजट सत्र में करीब 18 करोड़ रुपये के बजट पर चर्चा होगी। जिसमें शहर के कई विकास कार्यों पर मोहर लगेगी। शहर की सीमा बढ़ने पर कर्मचारी की अधिक जरूरत पड़ेगी। उसकी भी मंजूरी दी जाएगी। वहीं पार्षदों से भी उनके क्षेत्र के विकास कार्यों के अनुरूप चर्चा होगी। वैसे मेरे कार्यकाल में शहर में खूब विकास हुए है।