एक जोहड़ी के पास रहता था बिज्जू जानवर, उसी पर गांव का नाम पड़ गया बिज्जूवाली, जानिए रोचक कहानी
सिरसा के गांव बिज्जूवाली वर्ष 1957 में ग्राम पंचायत मुन्नांवाली से अलग होकर अस्तित्व में आया और सर्वप्रथम ग्राम पंचायत का गठन 1957 में किया गया जिसमें बिशनदास को गांव के पहले सरपंच के रूप में चुना गया। गांव के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है।
हेमराज बिरट, गोरीवाला। सिरसा मुख्यालय से करीब 44 किलोमीटर की दूरी पर स्टेट हाइवे-32 पर बसे बिज्जूवाली गांव का इतिहास काफी पुराना है। गांव के लोग बताते हैं कि गांव कई बार उजड़कर वर्तमान स्थान पर बसाया है। सबसे पहले गांव मौजूदा जगह से डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित जोहड़ी के पास बसा था। पुरानी जोहड़ी की व्यवस्था वर्तमान गांव में थी तो लोग यहीं वापस आकर रहने लगे। ग्रामीण बताते हैं कि जोहड़ी के पानी के पास ही बिज्जू नामक जानवर रहता था। इसी वजह से उस समय के लोगों ने गांव का नाम बिज्जूवाली रख दिया गया।
भाईचारे की मिसाल है गांव
गांव बिज्जूवाली वर्ष 1957 में ग्राम पंचायत मुन्नांवाली से अलग होकर अस्तित्व में आया और सर्वप्रथम ग्राम पंचायत का गठन 1957 में किया गया जिसमें बिशनदास को गांव के पहले सरपंच के रूप में चुना गया। गांव के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। मौजूदा समय में हरिजन (मेघवाल), मेहता, अरोड़ा, सुथार, महाशया, नायक, बाजीगर, कुम्हार, कम्बोज, सिख, सुनार, शर्मा, ठाकर, राजपूत, ओड, जाट, बावरी, वाल्मीकि सहित सभी बिरादरी के लोग भाईचारे के साथ मिलजुलकर रहते हैं।
गांव में ये है सुविधाएं
गांव में बस स्टैंड, सीनियर सेकेंडरी स्कूल, प्राइमरी स्कूल, प्राइवेट स्कूल, कम्यूनिटी हाल, उपस्वास्थ्य केंद्र, पशु अस्पताल, तीन आंगनबाड़ी केंद्र, सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक, दी प्राथमिक कृषि सहकारी समिति लि. (पैक्स), जलघर, डाकघर, श्री कृष्ण गोपाल गोशाला, रामदेव मंदिर, गोगामेड़ी, शिव मंदिर, हनुमान मंदिर, शनि मंदिर व मस्जिद सहित रामलीला मैदान, खरीद केंद्र, पतवार भवन, धर्मशाला, स्टेडियम, पंचायत घर सहित अनेक सुविधाएं है। गांव में अब तक सरपंच बने लोगों में बिशनदास मेहता, धनुराम मेहता, जयभगवान मेहता, जनकराज मेहता, चंद्रावती देवी, श्यामदास मेहता, राजाराम व अब अनिल अनेजा शामिल है।
समस्याएं
- कुछ गलियों में पानी निकासी की व्यवस्था नहीं है।
- गांव में सफाई व्यवस्था का भी बुरा हाल है।
गांव की मुख्य मांग
- गांव के सरकारी अस्पताल में दवाइयां उपलब्ध करवाई जाए।
- युवाओं के लिए जिम खोला जाए।
- गांव में बंद पड़ी लाइटों को शुरू करवाया जाए।