बैल का सींग घुसने से कटी सांस नली, पीजीआइ चिकित्सकों ने सर्जरी कर दिया जीवनदान
चार घंटे तक कार्डिएक सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने किया मरीज का ऑपरेशन। पीजीआइ में पहली बार चिकित्सकों ने की सांस की नली की इतनी जटिल सर्जरी
रोहतक, जेएनएन। पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीजीआइएमएस) के चिकित्सकों ने एक मरीज की कटी हुई सांस की नली को ऑपरेशन करते हुए सफल सर्जरी की है। करीब चार घंटे तक चली सर्जरी के दौरान चिकित्सकों ने मरीज को नया जीवन प्रदान किया है। फिलहाल मरीज की हालत बेहतर बताई जा रही है और उसे वार्ड में भर्ती किया हुआ है।
जींद निवासी 22 वर्षीय युवक का 24 मई को एक्सीडेंट हो गया था। बताया जा रहा है कि जब वह साइकिल पर जा रहा था तो एक एक बैल ने उसे गर्दन के पास टक्कर मार दी थी। जिसके चलते वह गंभीर रूप से घायल हो गया था और सांस की नली कट गई। उसे सांस लेने में भी समस्या हो रही थी। गंभीर हालत में मरीज को पीजीआइएमएस में भर्ती कराया गया था।
कार्डिएक विभाग के अध्यक्ष डा. एसएस लोहचब ने बताया कि मरीज को ट्रिकोस्टमी ट्यूब और एंडोट्रिक्यल ट्यूब डालना असंभव लग रहा था। मरीज की मुख्य सांस की नली दो भागों में विभाजित थी और उसका निचला हिस्सा छाती में धंस गया था। मुख्य सांस नली का नीचे वाला हिस्सा सिर्फ दो सेंटीमीटर ही बचा हुआ था। ऐसे में मरीज की सर्जरी करना चिकित्सकों के लिए एक चुनौती था।
इस दौरान एनस्थीसिया विभाग की चिकित्सक डा. सविता सैनी, ईएनटी विभाग से डा. आदित्य भार्गव ने बताया कि बेहोशी की हालत में मरीज को सांस की ट्यूब डालना जोखिम भरा था, जिसके चलते यह फैसला बदला गया। इसके बाद मरीज को आर्टिफिशियल लाइफ सपोर्ट (कृत्रिम जीवन प्रणाली) पर रखकर ऑपरेशन करने का फैसला लिया।
एनस्थीसिया विभाग की डा. कीर्ति व डा. सुबधा ने मरीज को बेहोश किया और दर्द निवारक दवाएं दी। ह्दय शल्य चिकित्सा विभाग के रेजिडेंट चिकित्सक डा. अप्रेश, डा. फ्रैंकलीना, डा. वरूण, स्टाफ नर्स रेखा, सुदेश, भागवंत, सुमन, परफ्यूनिस्ट विरेंद्र और धर्मबीर ने मरीज की सफल सर्जरी कराने में सहयोग दिया। करीब चार घंटे के ऑपरेशन के बाद मरीज की सांस नली को सफलतापूर्वक जोड़ दिया गया। फिलहाल मरीज को वार्ड में भर्ती किया गया और तीन से चार दिन में उसे घर भेज दिया जाएगा।