हिसार सिविल अस्पताल में ब्लड टेस्ट रिपोर्ट में 15 मिनट की बजाय लग रहे 6 घंटे, लोग परेशान
सिविल अस्पताल की लैब में लैब टेक्नीशियन की 14 पोस्टें सेंक्शन काम कर रहे सिर्फ पांच। लैब अटेंडेंट की तीन पोस्टें लेकिन एक भी उपलब्ध नहीं। लैब में प्रतिदिन होते हैं 900 टेस्ट
हिसार, जेएनएन। मरीजों को विभिन्न टेस्टों की सुविधाएं देने के लिए सिविल अस्पताल में बनाई गई लैब में सामान्य ब्लड टेस्टों की रिपोर्ट के लिए भी 6-6 घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है। जबकि निजी लैब व अस्पतालों में वही टेस्ट रिपोर्ट 10 से 15 मिनट में मिल जाती है। सिविल अस्पताल में लैब टेस्ट में देरी का कारण लैब टेक्नीशियन और लैब अटेंडेंड की कमी है। लैब में लैब टेक्नीशियन के 14 पद सेंक्शन हैं जबकि सिर्फ पांच लैब टेक्नीशियन उपलब्ध हैं। वहीं लैब अटेंडेंट के तीन पद हैं, लेकिन यहां एक भी लैब अटेंडेंट नहीं है।
जबकि लैब में कुछ सामान्य टेस्टों का चार्ज भी लिया जाता है। लेकिन इसके बावजूद टेक्नीशियन और अटेंडेंट की कमी का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। लैब कर्मियों की कमी के कारण लैब के गेट के सामने टेस्ट करवाने और रिपोर्ट लेने के लिए दिनभर मरीजों की भीड़ लगी रहती है, महिलाओं व लड़कियों को भीड़ के कारण परेशानी का सामना भी करना पड़ता है।
प्रतिदिन होते हैं 800 से 900 टेस्ट
सिविल अस्पताल स्थित लैब में प्रतिदिन करीब 150 मरीजों के करीब 800 से 900 टेस्ट किए जाते हैं। लैब में सुबह 9 बजे से लेकर 12.30 बजे तक टेस्ट के लिए रजिस्ट्रेशन होता है। अगर कोई मरीज सुबह 9 बजे ब्लड सैंपल देता है तो उसे विभिन्न टेस्ट की रिपोर्ट दोपहर 3 बजे के बाद ही मिल पाती है। यानि टेस्टों की रिपोर्ट मिलने में 5 से 6 घंटे लग रहे हंै। ऐसे में अपने कार्य छोड़कर व दूर-दराज से आए लोगों को पूरा दिन लैब टेस्ट करवाने में ही निकल जाता है।
डाक्टर को अगले दिन दिखा पाते हैं रिपोर्ट
विडंबना तो यह है कि जो डाक्टर ब्लड टेस्ट लिखते हैं, मरीज उन्हें उसी दिन टेस्ट रिपोर्ट ही नहीं दिखा पाते। क्योंकि जब तक मरीजों की टेस्ट रिपोर्ट आती है तब तक डाक्टर्स के उठने का समय हो जाता है। ऐसे में मरीजों को डाक्टर को टेस्ट रिपोर्ट दिखाने के लिए अगले दिन का इंतजार करना पड़ता है। इससे ब्लड टेस्ट से संबंधित बीमारी का उपचार भी एक दिन लेट शुरू हो पाता है।
सिविल अस्पताल में इन टेस्टों की सुविधा
सिविल अस्पताल की लैब पैथोलॉजी लैब है, जिसमें प्रेगनेंसी, एचआइवी, टायफायड, सीआरपी, सीबीसी, ब्लड काउंड, शुगर और लिपिड प्रोफाइल में 6 से 7 टेस्ट होते हैं। इनमें हार्ट, हाई ब्लड प्रैशर व ब्लड टेस्ट होते है। इन सभी टेस्टों में 15 मिनट से लेकर एक घंटे तक निजी अस्पतालों से रिपोर्ट मिल जाती है। सिविल अस्पताल में लिपिड प्रोफाइल के लिए 100 रुपये ओर सीबीसी टेस्ट के लिए 50 रुपये चार्ज है।
पांच लैब टेक्नीशियन पर बढ़ा वर्कलोड
लैब में काम कर रहे पांच लैब टेक्नीशियन पर कर्मियों की कमी होने से अधिक वर्कलोड है। अपने कार्याें के साथ उन्हें लैब अटेंडेंट का कार्य भी करना पड़ रहा है। लैब टेक्नीशियन को ब्लड के सैंपल लेने के साथ-साथ, क्लेरिकल कार्य, ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट बनाने, ब्लड टेस्टों की रजिस्टर में एंट्री करने और रिपोर्ट बांटने के काम एक साथ करने पड़ते हैं। अधिक वर्कलोड होने के कारण ब्लड टेस्टों की रिपोर्ट में गलती होने और कार्य की क्वालिटी भी प्रभावित होती है। लैब टेक्नीशियन को नियमित मरीजों के लैब टेस्ट करने के साथ-साथ इमरजेंसी केसों में भी बीच में ही टेस्ट करने होते हंै, जिनमें एक से डेढ़ घंटा लग जाता है। वहीं रोड एक्सिडेंट के लिए भी ब्लड सैंपल के लिए जाना पड़ता है।
---सिविल अस्पताल सहित जिले के अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में स्थित लैब में लैब टेक्नीशियन और लैब अटेंडेंट की कमी को दूर करने के लिए पचंकूला स्वास्थ्य विभाग को लिखा गया है। विभाग से जल्द से जल्द कर्मियों की कमी को दूर करने की मांग की है।
- डा. संजय दहिया, सीएमओ, हिसार।