मां को कोरोना ने छीना, लेकिन संक्रमण से लड़ी जंग, ऑक्सीजन लेवल 60 होने के बावजूद स्वस्थ हुई बिमला
सिवानी के घंघाला गांव निवासी 58 वर्षीय बिमला देवी ने ऑक्सीजन लेवल कम होने पर भी कोरोना को हराने में सफलता हासिल की है। उनका ऑक्सीजन लेवल 60 पर पहुंच गया था जिसके चलते डाक्टरों ने भी उम्मीद छोड़ दी थी। मगर वे जीती।
हिसार, जेएनएन। इच्छाशक्ति मजबूत हो तो काेरोना भी घुटने टेक ही देता है। यही वजह है कि कुछ लोग मौत के मुंह से लौट आते हैं। ऐसा ही एक उदाहरण सिवानी में सामने आया है। यहां घंघाला गांव निवासी 58 वर्षीय बिमला देवी ने ऑक्सीजन लेवल कम होने पर भी कोरोना को हराने में सफलता हासिल की है। उनका ऑक्सीजन लेवल 60 पर पहुंच गया था, जिसके चलते डाक्टरों ने भी उम्मीद छोड़ दी थी, क्योंकि 80 से नीेचे ऑक्सीजन लेवल जाने पर दिक्कते लगातार बढ़ती जाती हैं और 60 ऑक्सीजन लेवल तो बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। लेकिन कोरोना को हराने के जज्बे ने उन्हें उस स्थिति से उबारा और अब कोरोना से स्वस्थ होकर दोगुने जोश से जिंदगी को जी रही है। हालांकि कोरोना संक्रमण ने उनकी माता को उनसे छीन लिया। लेकिन माता की मौत के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और कोरोना को हराने में सफलता हासिल की।
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बेड भी उपलब्ध नहीं हो पाया था
बिमला देवी को शुरुआत में बेड नहीं मिला था। तीन दिन घर पर रही, इसके बाद बेड के लिए घुमे, लेकिन उस दौरान निजी अस्पतालों में बेड भी नहीं मिला था। जिसके चलते उन्हें तोशाम के एक अस्पताल में दाखिल करवाया था। इसके बाद सिविल अस्पताल में बेड खाली हुआ तो सिविल अस्पताल में 2 मई को दाखिल करवाया गया। जिसके बाद सिविल अस्पताल के आइसालेशन वार्ड के डाक्टरों ने इनका उपचार शुरु किया। बिमला देवी के बुआ के बेटे कृष्ण कुमार ने बताया की बिमला देवी की हालत गंभीर थी। अस्पताल के चिकित्सक और स्टाफ ने उनका उपचार शुरु किया। उस दौरान सिविल अस्पताल में कार्यरत डा. अजय चुघ, डा. अजीत, डा. कर्मवीर सहित सभी स्टाफ नर्सों और अन्य कर्मचारियों ने उनकी देखभाल की।
इसके बाद 60 ऑक्सीजन लेवल से 70 तक पहुंचा, इस दौरान दवा और संतुलित आहार उन्हें लगातार दिया गया। इसके बाद लगातार रिकवर होते हुए ऑक्सीजन लेवल 90 तक पहुंचा। इसके बाद स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज कर दिया गया। कृष्ण कुमार ने बताया कि पहले बहन बिमला के माता और पिता संक्रमित हुए थे। बिमला के पिता करीब 95 वर्षीय लालचंद स्वस्थ होकर घर लौटे। लेकिन बिमला की माता बादामो देवी ने कोरोना संक्रमित होने पर उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।