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दुकानदारों से छह लाख ऐंठने की वारदात में बड़ा सवाल, थाने तक मामला पहुंचने के बाद कैसे हो गई ठगी

बहादुरगढ़ की अग्रवाल कालोनी निवासी विनीत गुप्ता ने बताया कि उन्होेंने गांधी मार्केट में पंसारी की दुकान कर रखी है। रविवार शाम को फोर्च्युनर गाड़ी में तीन व्यक्ति उसकी दुकान पर आए। उनमें से एक व्यक्ति ने हवन का कुछ सामान मांगा। वे दुकान से सामान निकालने लगे।

By Naveen DalalEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 07:22 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 07:22 PM (IST)
दुकानदारों से छह लाख ऐंठने की वारदात में बड़ा सवाल, थाने तक मामला पहुंचने के बाद कैसे हो गई ठगी
थाने के अंदर पुलिस से भी मिले थे खुद को वाइल्ड लाइफ अफसर बताने वाले।

बहादुरगढ़, जागरण संवाददाता। बहादुरगढ़ के शहर की गांधी मार्केट में दो दुकानदारों से छठ लाख रुपये ऐंठने के मामले में इस सवाल का जवाब किसी को नहीं मिल रहा है कि मामला थाने तक पहुंचने के बावजूद यह ठगी कैसे हो गई। जो खुद को वाइल्ड लाइफ विभाग का अफसर बता रहे थे, वे थाने के अंदर पुलिस से भी मिले थे। ऐसे सवाल यह भी है कि दुकानदारों को ठगने वाले क्या पुलिस को भी चकमा दे गए। अब केस दर्ज करके पुलिस ने जांच तो शुरू कर दी है, लेकिन अब स्थिति साफ नहीं हो पाई है। अभी तक पुलिस ने वाइल्ड लाइफ विभाग से भी इस बारे में जानकारी हासिल नहीं की है कि अमुक नाम के अफसर विभाग में हैं या नहीं।

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शातिर ने जो नाम बताया, उस नाम का कोई गार्ड भी नहीं

दरअसल, अग्रवाल कालोनी निवासी विनीत गुप्ता ने बताया कि उन्होेंने गांधी मार्केट में पंसारी की दुकान कर रखी है। रविवार शाम को फोर्च्युनर गाड़ी में तीन व्यक्ति उसकी दुकान पर आए। उनमें से एक व्यक्ति ने हवन का कुछ सामान मांगा। वे दुकान से सामान निकालने लगे। तभी एक व्यक्ति जिसके हाथ में एक थैला था उसने थैला खोलकर दिखाया कि यह सामान तेरी दुकान से मिला है। उसने अपना नाम वाइल्ड लाइफ का इंस्पेक्टर अभिषेक इंस्पेक्टर बताया और अपना पहचान पत्र दिखाया। दूसरे ने अपना नाम दीपक बताया। उन्होंने बताया कि यह प्रतिबंधित सामान है। विनीत गुप्ता ने बताया कि उस थैले में किसी जानवर के नाखून जैसा कुछ था। उसने मना किया कि यह सामान उसकी दुकान में नहीं था लेकिन उन्होंने धमकाते हुए कहा कि यह सामान तेरी दुकान से ही निकला है। एक व्यक्ति गाड़ी में पहले से बैठा था। विनीत के मुताबिक उसके पड़ोसी चाचा अशोक की दुकान पर भी यहीं सामान बरामद होने की बात। दोनों लाइनपार थाना के बाहर ले गए। बाहर गाड़ी में ही एफआइआर दर्ज करवाने का भय दिखाकर उनसे तीन-तीन लाख रुपये ऐंठ लिए। उधर, वाइल्ड लाइफ विभाग के राेहतक के मंडल अधिकारी शिव सिंह ने बताया अभिषेक नाम का कोई गार्ड भी मंडल में नहीं है। उधर, लाइनपार थाना पुलिस इस मामले में कुछ भी कहने से बच रही है। हालांकि यह बात साफ हो चुकी है कि खुद को वाइल्ड लाइफ विभाग के अफसर बताने वाले शातिर थाने के अंदर गए थे और पुलिस से भी मिले थे। मगर पुलिस भी उन्हें नहीं पकड़ पाई। अब सवाल है कि जब दुकानदारों को थाने लेकर गए और बाद में बिना किसी कार्रवाई के ही निकल गए, तब पुलिस को माजरा समझ में क्यों नहीं आया।

जांच अधिकारी के अनुसार

इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है। अगर पुलिस की कही पर मिलीभगत मिली तो उसे भी बख्शा नहीं जाएगा। आरोपितों का पता लगाने के लिए पुलिस टीम जुटी हुई है।

--पवन कुमार, डीएसपी, बहादुरगढ़।


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