भूपेंद्र सिंह हुड्डा चौथे ऐसे पूर्व सीएम जो अपने गढ़ से बाहर लड़ रहे लोकसभा चुनाव
भजनलाल देवीलाल और भगवत दयाल शर्मा ही गढ़ से बाहर लड़े चुनाव अब हुड्डा सोनीपत से ठोंक रहे ताल। चौधरी बंसीलाल और राव बीरेंद्र सिंह अपने गढ़ से बाहर नहीं लड़े कभी चुनाव।
रोहतक [ओपी वशिष्ठ]। हरियाणा की राजनीति मुख्यमंत्री पद तक पहुंचने वाले तीन बड़े नेता ही ऐसे रहे हैं, जिन्होंने अपने गढ़ को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में चुनाव लड़े और सफल भी हुए। कहीं से भी चुनाव लड़ने की हिम्मत जननायक चौधरी देवीलाल में थी, इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल और प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री भगवत दयाल शर्मा ने भी अपने क्षेत्र को छोड़कर लोकसभा चुनाव लड़े और जीत हासिल की। चौधरी बंसीलाल और राव बीरेंद्र सिंह अपने इलाके से बाहर कभी चुनाव नहीं लड़े।
अब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक को छोड़कर सोनीपत से मैदान में उतरने का साहस दिखाया है। अब देखना होगा कि वह अपने गढ़ से बाहर कितने कामयाब होते हैं। कहा जाता है कि हरियाणा की राजनीति लंबे समय तक तीन लाल चौधरी देवीलाल, चौधरी बंसीलाल और चौधरी भजनलाल के इर्द-गिर्द घूमती रही।
चौधरी देवीलाल 1989 में लड़े तीन राज्यों में लोकसभा चुनाव
अपने मजबूत राजनीतिक गढ़ को छोड़कर अन्य जगहों से चुनाव लड़ने वालों में पहला नाम चौधरी देवीलाल का आता है। चौधरी देवीलाल ने तो 1989 में तीन राज्यों में लोकसभा चुनाव लड़ा और दो लोकसभा क्षेत्रों में जीत भी हासिल की। इसमें रोहतक लोकसभा और राजस्थान की सीकर लोकसभा सीट से जीत हासिल की जबकि पंजाब के फिरोजपुर से चुनाव हार गए।
देवीलाल इसके अलावा 1980 में सोनीपत से भी सांसद चुने गए। हालांकि देवीलाल का गढ़ सिरसा आरक्षित लोकसभा क्षेत्र था, यह भी दूसरे क्षेत्रों में चुनाव लड़ने का कारण माना जाता रहा है। ऐसा नहीं है कि हर बार ही उनको जीत मिली। रोहतक से जीतकर उपप्रधानमंत्री बने तो यहां से उनकी हार भी हळ्ई है।
भजनलाल भी निकले गढ़ से बाहर, जीत भी दर्ज की
चौधरी भजनलाल का विधानसभा क्षेत्र आदमपुर रहा है। लेकिन हिसार भी उनका मजबूत गढ़ रहा। लेकिन चौधरी भजनलाल हिसार के अलावा 1989 में फरीदाबाद, 1998 में करनाल और 2009 में हिसार से सांसद चुने गए। 2009 में कांग्रेस से अलग हरियाणा जनहित कांग्रेस बीएल से लड़े थे और जीत भी हासिल की। इसके बाद उनके पुत्र कुलदीप बिश्नोई हिसार के अलावा भिवानी से भी सांसद रह चुके हैं।
बंसीलाल और राव बीरेंद्र ने नहीं छोड़ा अपना गढ़
पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल ने कभी भी अपना गढ़ भिवानी नहीं छोड़ा। भिवानी से सांसद बनकर वह देश के रक्षामंत्री भी रहें। लेकिन वह भिवानी से बाहर कभी लोकसभा का चुनाव नहीं लड़े।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पहली बार गढ़ से बाहर भरा नामांकन
पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा का परिवार भी रोहतक में ही राजनीतिक करता रहा है। उनके पिता चौधरी रणबीर सिंह आजादी के बाद पहले आमचुनाव में रोहतक से सांसद बने। इसके बाद 1957 में फिर से संसद पहुंचे। इसके बाद भूपेंद्र हुड्डा भी यहां से चार बार सांसद रह चुके हैं।
यह नेता भी हो चुके हैं कामयाब
हरियाणा के पहले मुख्यमंत्री पंडित भगवत दयाल शर्मा रोहतक से थे। लेकिन वह 1977 में करनाल से सांसद चुने गए। इसी तरह पूर्व केंद्रीय जहाजरानी मंत्री चौधरी चांदराम मूल रूप से रोहतक से थे।