आपसी प्रेम और सौहार्द की मिसाल है भिवानी का सुधीवास गांव, यहां से निकले कई सैन्य अधिकारी
हरियाणा-राजस्थान बार्डर पर आबाद गांव सुधीवास प्रदेश के नक्शे पर आदर्श गांव की तस्वीर लेकर उभरा है। गांव में डाक्टर व सैन्य अधिकारियोंं की पूरी खेप तैयार की है। भारतीय प्रशानिक सेवा चिकित्सा सेवा ब्रिगेडियर कर्नल लेफ्टिनेंट सेना अधिकारियों खेल व विभिन्न क्षेत्रों में गांव नाम रोशन कर रहे हैं।
बहल/भिवानी, जेएनएन। भिवानी के गांव सुधीवास कुत्तां का वास तीन झोपड़ी चौथा फीरांश (एक पेड का नाम)। सुधीवास के आबाद होने की एक कहावत गांव के लोगों की जुबानी सुनी जाती है। हरियाणा-राजस्थान बार्डर पर आबाद गांव सुधीवास प्रदेश के नक्शे पर आदर्श गांव की तस्वीर लेकर उभरा है। गांव राज्य सडक़ मार्ग असंध-सुधीवास पर राजस्थान सीमा से महज 150 मीटर दूरी पर आबाद है। गांव में विभिन्न जातीय समीकरण होते हुए भी आपसी मेलजोल को लेकर भाईचारे की मिसाल कायम है।
गांव दोनों राज्यों की सांझी समाज संस्कृति का प्रतीक भी है। राज्य की सीमा के पश्चिमी छोर का अंतिम गांव सुधीवास के अतित में आबाद की कहानी कुछ इस तरह बयां की जाति है कि जब सुधीवास को बसाया गया तो यहां एक तेली, एक अनुसूचित जाति तथा एक पिलानिया जाट की झोपड़ी हुआ करती थी और यहां एक फीरांश का पेड़ हुआ करता था। इसको लेकर ही यह कहा जाता है कि गांव सुधीवास कुत्तां का वास तीन झोपड़ी चौथा फीरांश (एक पेड का नाम)। विडंबना यह है कि वर्तमान में इनमें से कोई भी अतीत की आबादी यहां नहीं है। किंतु उस समय बंजारों द्वारा बनाया कुआं आज भी विरासत के रूप स्थापित है और इसका पानी घरों में सप्लाई किया जाता है। गांव में शिक्षा का स्तर अनुकरणीय व गौरवशाली है।
गांव में डाक्टर व सैन्य अधिकारियोंं की पूरी खेप तैयार की है। भारतीय प्रशानिक सेवा, चिकित्सा सेवा, ब्रिगेडियर, कर्नल, लेफ्टिनेंट, सेना अधिकारियों खेल व विभिन्न क्षेत्रों में गांव नाम रोशन कर रहे हैं। गांव में मकानों की संख्या 1533 तथा वोटर संख्या एक हजार है और हिंदू-मुस्लिम प्रेम प्यार की मिसाल है। गांव में एक हजार से अधिक मतदाताओं की सूची है। गांव के लोग ग्राम देवता के रूप में बाबा धूणे वाली की अटूट मान्यता रखते हैं। गांव में मिडल स्कूल, आंगनबाड़ी, चौपाल, वृद्धा आश्रम तथा हाल में बनकर तैयार सामुदायिक भवन सरकारी सुविधाऐं पर्याप्त हैं। गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र पशु अस्पताल की मांग की जाती रही है।
गांव की उल्लेखनीय उपलब्धि हरियाणा सरकार की 16 सौ करोड़ रूपये की बिजली माफी योजना के दौरान एक भी व्यक्ति डिफाल्टर नहीं था और सरकार ने इनाम के तौर आदर्श गांव घोषित कर 24 घंटे बिजली आपूर्ति हासिल करने वाला प्रदेश का पहला गांव बनने का गौरव मिला हुआ है। आज भी गांव के लिए हरियाणा रोडवेज की बस सेवा नहीं है। अनेकों बार बस सेवा की मांग की जा चुकी है।
गांव में उपलब्ध जन सुविधाएं पर्याप्त है और सुचारू रूप से उपयोग की स्थिति सम्मानजनक है। सरकार द्वारा हाल ही में करीब ढेड करोड़ रूपये की लागत से सामुदायिक भवन का निमार्ण करवाया गया जो राजस्थान सीमा की ओर से आने वाले हर व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करता है। गांव का गौरव ओर भी बढ़ जाता है जब इसकी मिट्टी की सुगंध देश के कोने कोन में सेना के शीर्ष अधिकारी, भारतीय प्रशानिक सेवा, चिकित्सक, खिलाड़ी नाम रोशन कर रहे हैं। सुधिवास का नाम आईपीएस अधिकारी पुष्पा श्योराण की उपलब्धि से जुड़ा है। पुष्पा श्योराण उपमंडल की लोहारू पहली सीधे आइपीएस अधिकारी बनने का गौरव हासिल है।
वहीं गांव का बिग्रेडीयर दीपक श्योराण, कर्नल रामस्वरूप श्योराण, मेजर रोहित श्योराण, शक्ति सिंह श्योराण, विकास श्योराण, नरेंद्र श्योराण, कैप्टन संतलाल श्योराण, वर्षा सिंह, डा. ज्योति श्योराण, डा. श्योराण सहायक निदेशक, डा. रमेश कस्वां एमएस, डा.आशीष पूनियां वीएस, जेसीओ जयनारायण मान, सुरतसिंह मान, सुशील आइटीबीपी तथा अंतरराष्ट्रीय वालबाल खिलाड़ी एवं एनआइएस, एमएस गांव का नाम रोशन कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त गांव में इंजीनियर तथा विभिन्न सरकारी सेवाओं में अपना योगदान दे रहे हैं।