दूरदर्शन चैनल के नया दौर सीरियल में दिखाया जाएगा भिवानी का सिंघानी गांव, बड़ी खास हैं उपलब्धि
नया दौर सीरियल में देश भर की 26 पंचायतों के कार्यों को इसमें दिखाया जाएगा। ये सभी 26 पंचायतें गत वर्ष राष्ट्रीय स्तर अवार्डी हैं। उन्होंने बताया इस सीरियल के माध्यम से पंचायतों को विकास कार्य करने के लिए प्रेरणा देगा।
ढिगावा मंडी भिवानी ( मदन श्योराण ) सिंघानी ग्राम पंचायत के कार्यो को दूरदर्शन चैनल के नया दौर सीरियल में दिखाया जाएगा। इसके तीन दिन का शूटिंग कार्यक्रम 20 जनवरी तक चलेगा। शूटींग टीम के निदेशक कपिल शर्मा ने बताया कि नया दौर सीरियल में देश भर की 26 पंचायतों के कार्यों को इसमें दिखाया जाएगा। ये सभी 26 पंचायतें गत वर्ष राष्ट्रीय स्तर अवार्डी हैं। उन्होंने बताया इस सीरियल के माध्यम से पंचायतों को विकास कार्य करने के लिए प्रेरणा देगा। उन्होंने बताया कि सिंघानी ग्राम पंचायत को गत वर्ष दिनदयाल सशक्त पंचायत पुरस्कार अवार्ड मिला था।
सिंघानी गाव में स्टेडियम, शहीद स्मारक, ओपन जिम जैसी अनेक उपलब्धियां इस सीरियल के माध्यम से दिखाई जाएगी। शूटींग के दौरान ग्रामीणों, पंचसदस्य व ग्राम सभा के विशेष दृश्य रहेंगे। शूटींग टीम में अर्जित ध्यानी, स्वाति नेगी, राकेश नोडियाल, जयवीर चौहान का ग्रामीणों ने विशेष स्वागत किया। सहायक निदेशक अर्जिता ने बताया कि इस सीरियल का प्रसारण 22 फरवरी से हर सोमवार को शाम 4 बजकर 30 मिनट पर होगा। सिंघानी ग्राम पंचायत का प्रसारण सातवें सप्ताह में किया जाएगा।
उपमंडल अधिकारी जगदीश चन्द्र ने भी सिंघानी ग्राम पंचायत को बधाई दी। उन्हाेंने कहा कि प्रदेश की अन्य पंचायतों के लिए प्रेरणास्रोत रहेगी। सरपंच सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि सभी ग्राम वासियों के आपसी सहयोग से पांच वर्षों तक विकास कार्यों के लिए मिलकर काम किया है। यही गांव की उपलब्धि है।
दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार से सम्मानित हो चुका है सिंघानी गांव
गांव की लगभग 9000 आबादी है। गांव में सभी आधुनिक सुविधा और पंचायत का संचालन बेहतरीन ढंग से । गांव की सीमा के सभी रास्तों व गांव को जाेड़ने वाली सड़कों पर खड़े पेड़ पौधे और साफ-सफाई, गांव के सभी गलियों की नियमित सफाई व गांव में आधुनिक ग्राम सचिवालय का निर्माण करवाया और लोगों के ऑनलाइन सुविधा देने के कार्य भी किए जाते हैं।
8 अगस्त 1935 में यह हुवा था
लोहारू के इतिहास में 8 अगस्त 1935 को 23 लोगों ने सिघानी गांव में नवाबी गोलियों का सामना करते हुए शहादत दी थी। ये लोग नवाब द्वारा लगाए गए ऊंट टैक्स का विरोध करने के लिए एक जगह एकत्रित हुए थे। नवाबी हुकूमत से तंग जनता समानांतर सरकार का भी गठन करना चाहती थी। लोगों के दिलों में आजादी की ज्वाला धधक चुकी थी। लोगों ने डटकर हुकूमत से टक्कर ली थी।
लोहारू की रियासत के तत्कालीन नवाब अमीनुद्दीन अहमद खान थे
लोहारू रियासत में लगभग 52 गांव थे और यह बावनी के नाम से जानी जाती थी। नवाबी हुकूमत द्वारा अपना खजाना भरने के लिए जनता पर तरह-तरह के नाजायज कर थोप दिए जाते थे। ताकत के बल पर जनता से कर की वसूली की जाती थी।
जनता पर थोपे गए थे ये टैक्स
लगान टैक्स, आबियाना, ऊंटो पर टेक्स, आल्हा मिल्कियत व बिस्वेदारी टैक्स, खान टैक्स, बैल व भेड़-बकरी टैक्स, करेपा विवाह टैक्स, नजराना टैक्स, वसीयत टैक्स, चुंगी टैक्स, नंबरदारी व बेलदारी टैक्स, विरासत का टैक्स, नवाब का कर्ज, चबूतरा टैक्स, बेगार व पेड़ कटाई का टैक्स, शामलात व बणी की भूमि पर कब्जा, लगान वसूली सहित अनेक प्रकार के टैक्स जनता पर लगाए गए थे।
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