भिवानी के प्लास्टिक उद्योग को संजीवनी की जरूरत, कोरोना काल के बाद से मंदी की चपेट में
कोरोना के दौर के बाद से ही उद्योग क्षेत्र का कामकाज एक तरह से ठप है। इसके बाद रही सही कसर किसान आंदोलन ने पूरी कर दी। उद्योग क्षेत्र में तैयार होने वाला माल की आवाजाही बंद है और ज्यादातर लेबर भी यहां से छोड़कर अपने घरों में जा चुकी।
भिवानी, जेएनएन। भिवानी शहर के उद्योग क्षेत्र को संजीवनी की जरूरत है ।कोरोना के दौर के बाद से ही उद्योग क्षेत्र का कामकाज एक तरह से ठप है। इसके बाद रही सही कसर किसान आंदोलन ने पूरी कर दी। उद्योग क्षेत्र में तैयार होने वाला माल की आवाजाही बंद है और ज्यादातर लेबर भी यहां से छोड़कर अपने घरों में जा चुकी है।
हालांकि कुछ हद तक मजदूर वापस भी लौटे हैं लेकिन यह उद्योग अभी तक ट्रैक पर नहीं लौट पाया है। औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े उद्योगपतियों का कहना है कि मंदी से उबरने के लिए सरकार को उद्योगपतियों को विशेषकर लघु उद्योग पतियों को राहत पैकेज देने की जरूरत है। हरियाणा सरकार से उद्योग पतियों को उम्मीद है कि भिवानी जैसे क्षेत्र में उद्योग को राहत देकर इस को पटरी पर लाने में मदद करें।
कभी थी एशिया में पहचान आज मंदी की मार से उबरने की कोशिश
एक जमाना था जब तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल ने भिवानी को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित करने का सपना देखा था। उसके आधार पर उन्होंने यहां पर औद्योगिक क्षेत्र डेवलप किया। उद्योगपतियों ने यहां पर निवेश करके अपने उद्योग भी लगाए जिनमें मुख्य रुप से प्लास्टिक दाना, प्लास्टिक निवार, पाइप फैक्ट्री, स्टील फैक्ट्री आदि यहां पर काम करने लगी थी। धीरे-धीरे सुविधाओं के अभाव में कई उद्योगपतियों ने अपना काम समेट लिया। उस समय यहां पर 700 से ज्यादा उद्योग होते थे। अब घटकर यह 450 - 500 के आसपास ही बचे हैं। अभी भी यहां पर सुविधाओं का टोटा बना हुआ है।उद्योगपति सरकार से राहत पैकेज और बिजली सस्ती जैसी मांग उठाते रहे हैं। अभी तक सरकारों की तरफ से भिवानी के उद्योग क्षेत्र को किसी प्रकार की बड़ी राहत नहीं दी गई है। उद्योगपतियों को इसका अभी भी इंतजार बना हुआ है।
उद्योगपति एवं भिवानी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रधान धर्मवीर नेहरा बताते हैं कि एक जमाना था जब भिवानी का उद्योग बड़ी पहचान रखता था। हम सरकार से मांग करते हैं कि भिवानी के उद्योग को विशेषकर मंदी की चपेट से उबारने के लिए राहत पैकेज दे। बिजली सस्ती दे और लघु उद्योग पतियों को सस्ते ब्याज पर लोन दे।
लघु उद्योगपति रमेश बंसल कहते हैं कि भिवानी का उद्योग एक जमाने में बहुत बड़ा उद्योग होता था लेकिन सुविधाओं के अभाव में यह कमजोर होता जा रहा है। यहां के व्यापारी लोग उद्योग से मुंह फेर रहे हैं। भिवानी जैसे क्षेत्र में दूसरे देश के उद्योगपति निवेश करने के लिए नहीं आ रहे हैं। सरकार भी ध्यान नहीं दे रही है। सरकार को चाहिए कि इस उद्योग को बचाने के लिए राहत पैकेज दे।