Bharat Bandh Impact: सिरसा में सड़काें पर उतरे कृषि कानून विरोध लोग, ट्रेन रोकी, बाजार बंद
किसान आंदोलन के चलते आम आदमी को खासी परेशानी झेलनी पड़ी। अपने निजी वाहनों से इधर उधर जा रहे राहगीरों को प्रदर्शनकारियों ने वापस भेज दिया। हालांकि एंबुलेंस व बीमार को लेकर जाने वाले वाहन को जाने दिया जा रहा था।
सिरसा, जेएनएन। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा किए गए बंद का जिलेभर में व्यापक असर देखने को मिला। हाथों में किसान यूनियनों के झंडे थामे किसान सुबह सवेरे ही सड़कों पर नारेबाजी करते दिखाई देने लगे। किसान अलग अलग टोलियों में मुख्य चौक चौराहों पर बैठे रहे। हिसार रोड पर मुख्य बस स्टैंड के निकट, बरनाला रोड पर भूमणशाह चौक, डबवाली रोड पर लालबत्ती चौक सहित अन्य बाजारों में किसानों ने सड़क के बीच अवरोधक लगा दिये। शहर के सभी बाजार बंद रहे। दुकानदार दुकानों के आगे बैठे रहे।
किसान आंदोलन के चलते आम आदमी को खासी परेशानी झेलनी पड़ी। अपने निजी वाहनों से इधर उधर जा रहे राहगीरों को प्रदर्शनकारियों ने वापस भेज दिया। हालांकि एंबुलेंस व बीमार को लेकर जाने वाले वाहन को जाने दिया जा रहा था। सिरसा में सुबह साढ़े पांच बजे आने वाली गंगानगर रेवाड़ी ट्रेन व साढ़े छह बजे आने वाली किसान एक्सप्रेस रवाना हो गई लेकिन सुबह 10 बजे पहुंची रेवाड़ी फाजिल्का ट्रेन को प्रदर्शनकारी किसानों ने रोक दिया। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस व रेलवे पुलिस बल के जवान मौजूद रहे। रेलवे अधिकारियों ने भी किसानों को समझाने का प्रयास किया परंतु किसान अपनी जिद पर डटे रहे।
ट्रेन में सवार महिला यात्रियों ने भी किसानों से ट्रेन को जाने की गुहार लगाई परंतु किसानों ने कहा कि शाम छह बजे से पहले ट्रेन नहीं जाने देंगे। उन्हाेंने कहा कि यात्रियों को लंगर, चाय इत्यादि दी जाएगी किसी को परेशानी नहीं होने दी जाएगी। उधर भावदीन टोल प्लाजा, खुइया मलकाना टोल प्लाजा, पंजुआना हाइवे पर भी किसान डटे रहे। डबवाली, ऐलनाबाद, रानियां, चौपटा में भी किसानों द्वारा बुलाए गए बंद का असर देखने को मिला और अधिकतर बाजार व मंडिया बंद रही। किसानों के समर्थन में जिला बार एसोसिएशन ने भी नो वर्क डे रखा। बंद के चलते रोडवेज के पहिए भी थमे रहे। बस स्टेंड पर पहुंचने वाले यात्री भी निराश दिखाई दिये।