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शादियों पर फिर से कोरोना का साया, होटल इंडस्ट्री को मोटे नुकसान की सताने लगी चिंता

नाइट कर्फ्यू के चलते होटल इंडस्ट्री को नुकसान की चिंता सता रही है। रिसेप्शन कार्यक्रम नहीं हो पाएंगे। इससे भारी नुकसान होगा। 21 अप्रैल को अबूझ सावा है। अभी से चिंता सता रही है। 20 जुलाई से 15 नवंबर तक चातुर्मास में मांगलिक कार्य नहीं हो पाएंगे।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 05:46 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 05:46 PM (IST)
शादियों पर फिर से कोरोना का साया, होटल इंडस्ट्री को मोटे नुकसान की सताने लगी चिंता
नाइट कर्फ्यू लगाए जाने के बाद पाबंदियां और ज्यादा सख्ती से लागू होंगी।

झज्जर, जेएनएन। 21 अप्रैल, रामनवमी के मौके पर आए अबूझ सावे के साथ शादियों के मुहूर्त की शुरुआत हाे रही है, लेकिन काेराेना भी अपनी रफ्तार बढ़ा रहा है। इसलिए शुभ मंगल के साथ-साथ शादियाें के सीजन में अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है। खरमास के बाद इस साल शादियाें के लिए 55 मुहूर्त हैं, जिनमें चार अबूझ सावे भी शामिल हैं। जिनमें 21 अप्रैल काे भी रामनवमी का अबूझ सावा है। 

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दरअसल, बढ़ रहे कोरोना संक्रमण की वजह से शादी समारोह में मेहमानाें की संख्या निर्धारित कर दी गई है। कोरोना कर्फ्यू लगाए जाने के बाद पाबंदियां और ज्यादा सख्ती से लागू होंगी। क्योंकि, 9 बजे के बाद विशेष परिस्थितियों में ही लोग अपने घर से बाहर निकल पाएंगे। इधर, पंडित गुलशन शर्मा ने बताया कि 21 अप्रैल रामनवमी के अबूझ सावे की श्रृंखला में 14 मई अक्षय तृतीया, 26 मई काे पीपल पूर्णिमा व 18 जुलाई काे भडल्या नवमी पर भी अबूझ मुहूर्त हैं।

पिछले साल जैसे बन रहे हालात

हालांकि, पिछली दफा भी शुभ मंगल कार्यक्रम के काफी मुहूर्त थे। लेकिन, कोरोना संक्रमण के डर की वजह से लोगों ने शादियां रद कर दी थीं और नई उम्मीद के साथ 2021 में तिथियां तय की गईं। अब पुन: हालात बदल रहे हैं। जिससे लोगों की मानसिक परेशानी भी बढ़ने लगी हैं। बता दें कि बहुत से लोगों ने शादी समाराेह को लेकर मैरिज हाॅल, वाटिका, घोड़ी, कैटरर्स, रिसाेर्ट, बैंडबाजा, कैटरिंग, टेंट, आदि भी बुक कर लिए हैं, लेकिन संक्रमण की बढ़ती रफ्तार ने इनके माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं।

चातुर्मास में मांगलिक कार्य नहीं होंगें, 20 जुलाई से 15 नवंबर तक 

20 जुलाई काे आषाढ़ शुक्ल देवशयनी एकादशी हाेने से वैवाहिक या मांगलिक कार्य नहीं हाे पाएंगे। फिर 15 नवंबर काे कार्तिक शुक्ल देवाेत्थान यानी देवउठनी एकादशी से मांगलिक कार्य शुरू होंगे। मई और जून में इस साल विवाह के लिए अधिक और अच्छे मुहूर्त हैं। इन तिथियाें के साथ ही अप्रैल में रामनवमी व अन्य त्याेहाराें पर भी देव मुहूर्त रहता है, जिसमें भी विवाह समाराेह कर सकते हैं। 21 अप्रैल से शुरू हाे रहा यह वैवाहिक मुहूर्त 16 जुलाई तक रहेगा। इसके बाद चातुर्मास लगने से मांगलिक कार्यक्रम बंद हाे जाएंगे।

क्या कहते हैं कारोबारी

शुभ मंगल कार्यक्रम में रिसेप्शन भी एक बड़ा आयोजन रहता हैं। लेकिन, जिस तरह से कोरोना कर्फ्यू लागू किया गया है, इससे रिसेप्शन कार्यक्रम को रद करने की दिशा में अभी से कदम बढ़ने लगा है। इससे इस इंडस्ट्री से जुड़े लोग काफी आहत हैं। कारण कि उन्हें अपने सामने मोटा नुकसान होता हुआ दिख रहा है। कारोबारी हन्नी शर्मा ने बताया कि रात की शादी का कार्यक्रम तो किसी तरह से दिन में हो सकता है। लेकिन, ऐसा होने से भी लाइटिंग, बग्गी, बैंड बाजा आदि को नुकसान होगा। जबकि, रिसेप्शन तो किसी भी सूरत में दिन में नहीं होंगे। कुल मिलाकर, नए सिरे से परेशानियों का समय सिर पर है।

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