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रोहतक में एएसआइ की लापरवाही, दर्ज करवाया था मुर्दे का बयान, ASI पर केस दर्ज, लेकिन कार्रवाई नहीं

रोहतक में स्नेचिंग केस में एक एएसआई ने मृतक युवक का बयान दर्ज करवाया था। एएसआई की इस लापरवाही पर उसके खिलाफ केस तो दर्ज हो गया। लेकिन इतना समय बीतने के बाद एएसआइ के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई इस बारे में पुलिस चुप्पी साधे बैठी हुई है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 04:44 PM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 04:44 PM (IST)
रोहतक में एएसआइ की लापरवाही, दर्ज करवाया था मुर्दे का बयान, ASI पर केस दर्ज, लेकिन कार्रवाई नहीं
रोहतक में मुर्दे का भी बयान लेकर आने वाले एएसआई पर नहीं हुई कोई कार्रवाई।

जागरण संवाददाता, रोहतक। स्नेचिंग के केस में मृत युवक के बयान लेने वाले एएसआइ का मामला एक बार फिर से उठा है। कोर्ट के आदेश पर सितंबर माह में आर्य नगर थाना पुलिस ने केस तो दर्ज कर लिया, लेकिन इतना समय बीतने के बाद एएसआइ के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई इस बारे में पुलिस चुप्पी साधे बैठी हुई है। आरोपित पक्ष के अधिवक्ता का कहना है कि बार-बार पूछने के बाद भी पुलिस कोई जवाब नहीं दे रही है। मामले की स्टेट्स रिपोर्ट लेने के लिए अब दोबारा से कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा। जिसके बाद कोर्ट के माध्यम से यह स्टेट्स रिपोर्ट ली जाएगी। 

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यह था मामला 

भगवान कालोनी के रहने वाले करण को नौ नवंबर 2020 को सिटी थाना पुलिस ने पुलिस ने स्नेचिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद शिवाजी कालोनी, सिटी थाना, सिविल लाइन, सदर, अर्बन एस्टेट और आर्य नगर थाना पुलिस ने भी उसे प्रोडक्शन पर लेकर 11 घटनाओं का खुलासा किया था। शिवाजी कालोनी थाना पुलिस ने जून 2020 में हुई मुकदमा नंबर 349 के मामले में भी आरोपित को गिरफ्तार दिखाया था। सितंबर माह में आरोपित के अधिवक्ता पंकज बेरी की तरफ से कोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई थी। इस दौरान अधिवक्ता ने सवाल उठा दिए थे कि जांच अधिकारी रहे एएसआइ ने चार्जशीट में आरोपित करण के भाई नितिन के 13 जनवरी 2021 में बयान दर्ज होना दिखाए हैं। जबकि नितिन की 30 जुलाई 2020 को सड़क हादसे में मौत हो चुकी है। मृत युवक के बयान कैसे हो सकते हैं। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर 27 सितंबर को एएसआइ उधम सिंह के खिलाफ आर्य नगर थाने में मामला दर्ज किया गया था। 

बरामदगी में था पुलिस का खेल 

अधिवक्ता पंकज बेरी ने अलग-अलग थाना पुलिस की तरफ से तैयार की गई चार्जशीट पर भी सवाल खड़े कर दिए थे। 12 नवंबर 2020 को सबसे पहले सिटी थाना पुलिस ने मुकदमा नंबर 802 में आरोपित के मकान में रखे बैड से 2600 रुपये की बरामदगी दिखाई। इसके बाद सिविल लाइन थाना पुलिस ने 13 नवंबर 2020 को मुकदमा नंबर 77 में 21000 रुपये, 15 नवंबर को मुकदमा नंबर 142 में चार हजार रुपये और मुकदमा नंबर 65 में दो हजार रुपये की बरामदगी गई। खास बात यह है कि हर बार उसी बैड से रकम बरामद दिखाई गई। यहीं नहीं मुकदमा नंबर 187 में भी सिविल लाइन थाना पुलिस ने 16 नवंबर को उसी बैड से दो हजार रुपये की बरामदगी दिखाई। 19 नवंबर को सदर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज 238 में पांच हजार रुपये बरामद दिखाए हैं। हर बार उसी बैड से बरामदगी दिखाई गई थी, जो संभव नहीं है। 

मामला दर्ज, लेकिन कार्रवाई नहीं

आरोपित पक्ष के अधिवक्ता पंकज बेरी ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर सितंबर माह में एएसआइ के खिलाफ आर्य नगर थाना पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया था, लेकिन इसके बाद क्या कार्रवाई की इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही। एएसआइ की गिरफ्तारी हुई है या फिर नहीं, इसकी भी कोई जानकारी नहीं है। पुलिस कार्रवाई का पता करने के लिए अब कोर्ट के माध्यम से स्टेट्स रिपोर्ट मांगी जाएगी। 


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