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1971 के युद्ध में जीत के 50 वर्ष मना रही सेना, 11 दिन तक विजय ज्योति को रखेंगे साथ

जागरण संवाददाता हिसार भारतीय सेना शौर्य और साहस का हमेशा से ही प्रतीक रही है। हर

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 06:25 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 06:25 AM (IST)
1971 के युद्ध में जीत के 50 वर्ष मना रही सेना, 11 दिन तक विजय ज्योति को रखेंगे साथ
1971 के युद्ध में जीत के 50 वर्ष मना रही सेना, 11 दिन तक विजय ज्योति को रखेंगे साथ

जागरण संवाददाता, हिसार : भारतीय सेना शौर्य और साहस का हमेशा से ही प्रतीक रही है। हर युद्ध में भारतीय सेनिकों ने अपने लहु से देख को सींचा है। ऐसा ही एक युद्ध 1971 में पाकिस्तान के साथ हुआ, जिसमें भारतीय सैनिकों ने समूचे विश्व में अपना लोहा मनवाया। आज इस युद्ध को 50 वर्ष पूरे हो चुके हैं तो भारतीय सशस्त्र बल विजय दिवस के रूप में मना रहे हैं। इस जीत के जश्न को मनाने के लिए 16 दिसंबर को विजय ज्योति नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सेना को सौंपी थी। यह विजय ज्योति अब आज 15 जनवरी को हिसार आ रही है। विजय ज्योति शुक्रवार को हिसार मिलिट्री स्टेशन पहुंच जाएगी। यहां ज्योति को 11 दिन के लिए रखा जाएगा। इसको लेकर मिलिट्री स्टेशन पूरी तरह से तैयार है। विजय ज्योति पहुंचने पर हिसार मिलिट्री स्टेशन से डॉट ऑन टारगेट डिविजन से जनरल ऑफिसर कमांडिग जनरल देविन्द्र कुमार द्वारा स्वागत किया जाएगा।

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यह आयोजित होंगे कार्यक्रम

विजय ज्योति के हिसार पहुंचने पर स्वर्णिम विजय वर्षोत्सव मनाया जाएगा। इस दौरान विजय ज्योति का हिसार युद्ध स्मारक पर स्वागत समारोह, वार वेटर्नस और वीर नारियों का अभिनंदन, प्रेरक एवं शैक्षिक फिल्मों की प्रदर्शनी, स्क्रीनिग, उपकरण एवं बैंड प्रदर्शनी आदि आयोजित किए जाएंगे। विजय ज्योति शुक्रवार को दोपहर 2 बजे मय्यड़ टोल प्लॉजा से हिसार में प्रवेश करेगी। स्थानीय लोग भी इस विजय ज्योति की झलक देख सकेंगे।

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1971 के युद्ध में भारतीय सेना का योगदान

16 दिसंबर 1971 में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान की सेना पर एक शानदार और एतिहासिक जीत हासिल की थी। इसी के साथ एक नए राष्ट्र बांग्लादेश का निर्माण हुआ।द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पारंपरिक युद्ध में यह सबसे बड़ा सैन्य आत्मसमर्पण था। इस युद्ध में भाग लेने वाले वीरों का आज याद करने का समय है। इस युद्ध को 50 वर्ष पूरे हो चुके हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से वीरों की वीरता, उनके बलिदानों को जानने और सम्मानित करने का प्रयास किया जा रहा है। देशभर में इस कार्यक्रम को मनाने के साथ खुशी भी मनाई जाएगी।


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