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पुरातत्‍व विभाग ने 120 मीटर की ऊंचाई से ड्रोन से करवाई थेहड़ गांव की मैपिंग

खुदाई के लिए पांच फुट लंबे व पंखों सहित छह फुट चौड़ाई वाले जहानुमा ड्रोन से मैपिंग का कार्य किया गया। मैपिंग कार्य से पहले अधिकारियों ने थेहड़ पर पहुंच कर हवा के स्तर का जायजा लिया

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 05:42 PM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 05:42 PM (IST)
पुरातत्‍व विभाग ने 120 मीटर की ऊंचाई से ड्रोन से करवाई थेहड़ गांव की मैपिंग
पुरातत्‍व विभाग ने 120 मीटर की ऊंचाई से ड्रोन से करवाई थेहड़ गांव की मैपिंग

सिरसा, जेएनएन। वायुसेना केंद्र से अनुमति मिलने के बाद शुक्रवार दोपहर सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने ड्रोन की मदद से थेहड़ की मैपिंग के लिए तस्वीरें ली। दोपहर 12 बजे शुरू हुआ मैपिंग कार्य करीब 30 मिनट तक चला। इस दौरान करीब साढ़े चार किलो वजनी छोटे हवाई जहाजनुमा ड्रोन की मदद से करीब 120 मीटर ऊंचाई से थेहड़ क्षेत्र की तस्वीरें ली गई। करीब ढाई किलोमीटर एरिया तक ड्रोन ने उड़ान भरी।

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थेहड़ की निशानदेही के लिए सर्वे ऑफ इंडिया की पांच सदस्यीय टीम में सर्वेक्षक विजय कुमार, कंवलजीत, जीपीएस कंट्रोल राम कलाश व एमटीएस गोबिंद शामिल रहे। जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम जयवीर यादव, कानूनगो धर्मपाल मौजूद रहे। इसके साथ ही अपना घर बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य प्रधान सुभाष मेहरा, राज करण, जगमीत गिद्दू, गुरदीप ङ्क्षसह, दीपक फुटेला भी मौजूद रहे। टीम की सुरक्षा के लिए पुलिस बल भी मौजूद रहा।

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करीब पांच फुट लंबे व पंखों सहित छह फुट चौड़ाई वाले जहानुमा ड्रोन से मेङ्क्षपग का कार्य किया गया। मेङ्क्षपग कार्य से पहले अधिकारियों ने थेहड़ पर पहुंच कर हवा के स्तर का जायजा लिया। 12 बजकर 5 मिनट पर ड्रोन को सेट कर उड़ान भरी गई। इस कार्य में जहां सर्वेक्षक विजय कुमार ने थर्मोकोल से बने ड्रोन को सेट किया और उसके बाद उसे रिमोट से संचालित किया। दूसरे सर्वेक्षक कंवलजीत गाड़ी में लेपटॉप की मदद से ड्रोन की लोकेशन व उसके द्वारा भेजी जा रही तस्वीरों को देख रहे थे। उड़ान से पहले उसमें मिशन फीड किया जिसके बाद ड्रोन ऊंचाई से थेहड़ के चारों तरफ चक्कर लगाता दिखाई दिया। करीब 30 मिनट बाद ड्रोन नीचे आता दिखाई दिया, जिसे सर्वेक्षक विजय कुमार व एमटीएस गोङ्क्षबद ने कंट्रोल किया। वहीं इस सर्वेक्षण कार्य को लघु सचिवालय में टीम सदस्य राम कलाश ने जीपीएस के माध्यम से कंट्रोल किया।

थेहड़ की डिजिटल मार्केशन करवाई है

भारतीय सर्वेक्षण विभाग की टीम द्वारा थेहड़ की डिजिटल मार्केशन करवाई गई है, ताकि सही स्थिति का पता लगाया जा सके। यह मामला उच्च न्यायालय में है, इसलिए ज्यादा कुछ नहीं कह सकते।

---जयवीर यादव, एसडीएम

संघर्ष समिति ने भी करवाई हुई है थेहड़ की डिजिटल मेपिंग

ड्रोन की मदद से सर्वेक्षण के दौरान अपना घर बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य भी थेहड़ पर पहुंच गए। संघर्ष समिति के सदस्यों ने सर्वेक्षकों को थेहड़ का डिजिटल मेप भी दिखाया जो उन्होंने जनवरी माह में करवाया था। सदस्यों ने बताया कि मानेसर की कंपनी से ड्रोन की मदद से ऊपर से फोटो खींचे गए है। उन्होंने अधिकारियों को 2009 में आरकोॅलाजिकल विभाग व प्रशासन द्वारा तैयार किया गया थेहड़ का नक्शा दिखाया। उनका कहना था कि प्रशासन ने 2017 में फिर सर्वे करवाकर थेहड़ के आसपास के एरिया को भी थेहड़ में दिखा दिया। अदालत ने इस मामले में स्थानीय जिला प्रशासन को आपत्तियां दर्ज करवाने के निर्देश दिये थे, जो उन्होंने दर्ज करवा दी। इस मामले में कोर्ट में आगामी 25 फरवरी को सुनवाई है।

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120 मीटर की ऊंचाई से हुई मेपिंग

2.5 किलोमीटर एरिया में हुई मेपिंग

30 मिनट मेपिंग में लगा समय

85.5 एकड़ भूमि की होनी है निशानदेही

31.5 एकड़ करवाया जा चुका है खाली

3040 थेहड़ पर बसे परिवार

713 विस्थापित परिवार

2327 परिवार अभी भी थेहड़ पर रह रहे


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