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आंगनबाड़ी वर्कर्स ने की खिलाफत, ड्यूटी नहीं की तो विभाग ने 200 से अधिक को थमाया नोटिस

महिला एवं बाल विकास विभाग ने आंगनबाड़ी वर्कर्स व हैल्पर्स पर सख्ती रुख अपना लिया है। हिसार में कुल 553 आंगनबाड़ी विरोध कर रहीं हैं जिसमें 200 से अधिक को विभाग ने कारण बताओ नोटिस थमाया है। इसके बाद भी अगर कार्यकर्ता वापस नहीं लौटीं तो विभाग दो और नोटिस देगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Jan 2022 09:11 PM (IST)Updated: Mon, 10 Jan 2022 09:11 PM (IST)
आंगनबाड़ी वर्कर्स ने की खिलाफत, ड्यूटी नहीं की तो विभाग ने 200 से अधिक को थमाया नोटिस
आंगनबाड़ी वर्कर्स ने की खिलाफत, ड्यूटी नहीं की तो विभाग ने 200 से अधिक को थमाया नोटिस

जागरण संवाददाता, हिसार : महिला एवं बाल विकास विभाग ने आंगनबाड़ी वर्कर्स व हैल्पर्स पर सख्ती रुख अपना लिया है। हिसार में कुल 553 आंगनबाड़ी विरोध कर रहीं हैं जिसमें 200 से अधिक को विभाग ने कारण बताओ नोटिस थमाया है। इसके बाद भी अगर कार्यकर्ता वापस नहीं लौटीं तो विभाग दो और नोटिस देगा। जिसका जवाब संतोषजनक न होने पर उनकी सेवाएं भी समाप्त की जा सकती हैं। एक तरफ तो विभाग सख्ती कर रहा है वहीं दूसरी तरफ आंगनबाड़ी वर्कर्स ने अपने ही विभाग से खिलाफत कर ली है। मुख्यालय में वर्करों की मांगें नहीं मानी गई तो उन्होंने धरना जारी रखने का फैसला लिया। जिसके बाद हरकत में आए विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है। दअसल जब सरकार से बात नहीं बनी तो महिला एवं बाल विकास विभाग ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को अपने केंद्र पर वापस लौटने की बात कही गई थी। इसमें चेतावनी भी दी गई थी कि अगर वह अपनी ड्यूटी पर वापस नहीं लौटती हैं तो उनकी सेवाएं समाप्त की जा सकती हैं। ठीक वैसा ही हुआ, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपनी मांग को लेकर सरकार और विभाग के सामने अडिग खड़ी हो गई हैं। नोटिस में दी गई है चेतावनी

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कार्यकत्रियों व सहायिकाओं को डयूटी न ज्वाइन करने का कारण तो बताना ही गया है साथ ही उन्हें नोटिस के माध्यम से चेतावनी दी जा रही है। विभागीय अधिकारियों का कहना है धरना प्रदर्शन से कार्य काफी प्रभावित हो रहे हैं। संभवत: जल्द इन मामलों का समाधान निकलेगा। 1739 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 30 प्रतिशत ही आ रहा स्टाफ

विभागीय आंकड़ों की मानें तो जिला में 1739 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। जिन पर करीब 3458 कार्यकत्रियां व सहायिकाएं कार्यरत हैं। जिसमें से 553 कर्मचारी अभी भी विरोध कर रहीं हैं। यहां पर मौजूदा समय में 30 प्रतिशत ही कार्यकत्रियां आ रही हैं। बाकी कुछ धरने पर तो कुछ केंद्र पर नहीं आ रही हैं। ऐसे में 70 प्रतिशत कार्यकत्रियों के न आने पर विभाग का कामकाज ठप हो गया है। हालांकि बच्चे कोविड के कारण केन्द्रों पर नहीं आ रहे हैं। मगर फिर भी बच्चों के घर पर राशन पहुंचाना, परिवार पहचान पत्र, पोषण अभियान आदि योजनाओं को संचालित करने में दिक्कत हो रही है। ड्यूटी ज्वाइन करने के कार्यकत्रियों को आदेश दिए गए थे। इस मामले में 200 से अधिक को कारण बताओ नोटिस दिया गया है।

-सुशीला रानी, डीपीओ, महिला एवं बाल विकास विभाग


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