भिवानी में अनोखी शादी, 10 साल का दूल्हा, 8 साल की दुल्हन, लड़के की ताई ने बुलाई पुलिस, फिर हुआ ये
भिवानी में अनोखी शादी देखने को मिली। यहां के वार्ड -1 में 10 साल का दूल्हा 8 साल की दुल्हन लेकर आया। पूरे मुहल्ले में चर्चा फैल गई। दूल्हे की ताई ने पुलिस को बाल विवाह की सूचना दे दी। पुलिस दोनों पक्षों को थाने ले गई।
संवाद सहयोगी, लोहारू (भिवानी)। कस्बे के वार्ड नंबर 11 की अनुसूचित जाति वर्ग की बस्ती वीरवार को उस वक्त चर्चा में आ गई जब 10 साल का दूल्हा ब्याह करके अपने साथ आठ साल की कथित दुल्हन लेकर मोहल्ले में पहुंचा। बच्चों की यह शादी इसी मोहल्ले में बने एक छोटे से मंदिर में होनी बताई जा रही है।
बताया जाता है कि वीरवार दोपहर को वार्ड नंबर 11 की अनुसूचित जाति वर्ग में शादी के पूरे रंग-चाव चल रहे थे। बस्ती में ही बने एक छोटे से मंदिर में भगवान को साक्षी बनाकर इस नाबालिग और अबोध जोड़े को सात जन्मों के उस अटूट बंधन में बांधा जा रहा था, जिसके बारे में इन्हें कोई जानकारी तक नहीं थी। इसी दौरान दूल्हे के पिता की भाभी ने ही इस अनोखी शादी की पोल खोल दी। उसने पुलिस को इस बारे में फोन पर सूचना दे दी। पुलिस ने तत्काल मौके पर आकर शादी के बाद की सभी रस्मों को रुकवा दिया।
बहल क्षेत्र के गांव से लाए 8 साल की दुल्हन
शकुंतला ने बताया कि उसका देवर अपने 10-11 साल के बेटे की शादी के लिए 8-9 साल की दुल्हन बहल क्षेत्र के किसी गांव से लेकर आया है। वह वीरवार दोपहर को बस्ती के मंदिर में ही कुछ ही मिनट में शादी कराने वाला है। इसलिए इस नाबालिग शादी को रोका जाए। इधर इस बारे में थाना प्रभारी पवन कुमार ने बताया कि उन्होंने उक्त लोगों को पूछताछ के लिए थाने बुलाया हुआ है।
परिवार बोला, गृह प्रवेश कार्यक्रम था, शादी नहीं
अब तक की पूछताछ में सामने आया है कि यह लड़की लड़के पक्ष के रिश्तेदारों में ही है। इस लड़की की बड़ी सगी बहन का रिश्ता उक्त लड़के के सगे बड़े भाई से हुआ है। पहले से ही रिश्ते में होने के कारण यह लड़की उक्त परिवार में आई हुई थी। घर में गृह प्रवेश कार्यक्रम था। इसलिए लक्ष्मी रूप में इस कन्या से गृह प्रवेश की रस्म पूरी की गई है। गरीब परिवार है। शादी का कोई मामला नहीं है। लड़की के माता-पिता राजस्थान के हैं। उन्हें बुलाया गया है।
दूल्हा-दुल्हन के शारीरिक विकास के लिए खतरनाक
नशा मुक्ति परिषद लोहारू के संस्थापक राकेश आर्य ने बताया कि नाबालिग अवस्था में शादी न केवल समाज के लिए बल्कि दूल्हे-दुल्हन के शारीरिक विकास के लिए खतरनाक है। इसीलिए सरकार ने इसे अवैध घोषित किया हुआ है। यदि उक्त कन्या गरीब परिवार से है तो वे उसे अपनी संस्था के खर्चे से नि:शुल्क शिक्षित कराने के लिए तैयार हैं।