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बुढ़ापे में जवानी सा जोश, हिसार निवासी होरीलाल ने 90 वर्ष की उम्र में जीते तीन स्वर्ण पदक

90 वर्षीय होरीलाल सुबह चार बजे उठकर रोजाना तीन किमी दौड़ लगाते हैं और आधा लीटर दूध बादाम अखरोट के साथ पीते हैं। पंचकूला में हुई मास्टर एथलीट प्रतियोगिता में होरीलाल के प्रदर्शन से हर कोई चकित रह गया है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 05:51 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 05:51 PM (IST)
बुढ़ापे में जवानी सा जोश, हिसार निवासी होरीलाल ने 90 वर्ष की उम्र में जीते तीन स्वर्ण पदक
मास्टर एथलीट प्रतियोगिता में तीन मेडल जीतने वाले होरीलाल

हिसार, जेएनएन। 90 वर्ष की उम्र में भी ऐसा जोश कि नौजवना भी शरमा जाए। हिसार के मिलगेट स्थित विनोद नगर निवासी होरीलाल ने पंचकुला में आयोजित 30वीं हरियाणा मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण पदक जीते हैं। इस प्रतियोगिता में उन्होंने 90 वर्ष से अधिक आयुवर्ग में हिसार का प्रतिनिधित्व करते हुए 1500 मीटर रेस, 800 मीटर रेस और 400 मीटर रेस में स्वर्ण पदक प्राप्त किए। मास्टर एथलीट होरीलाल अपने जमाने में कुश्ती के नेशनल चैंपियन रह चुके हैं। वे अब भी बच्चों को टिब्बा दानाशेर मंदिर में कुश्ती के गुर सिखाते हैं।

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मास्टर एथलीट होरीलाल पिछले 13 वर्षों से मास्टर एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में खेल रहे हैं और विभिन्न खेल मुकाबलों में 58 से अधिक गोल्ड मेडल प्राप्त कर अपने वर्ग में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। विशेष बात यह है कि होरीलाल इतनी अधिक आयु होने के बावजूद आज भी पूरी तरह से तंदुरूस्त है और अब भी सुबह चार बजे से दौड़ लगाने की प्रैक्टिस करते हैं, वहीं शाम को बच्चों को कुश्ती सिखाते हैं। इसके अलावा लाठी व तलवार चलाने में उन्हें महारत हासिल है।

रोजाना आधा लीटर पीते हैं दूध

होरीलाल का कहना है कि वह आज भी किसी जवान व्यक्ति से ज्यादा मेहनत कर सकते हैं। आठ साल की उम्र से वह कुश्ती कर रही है। पिछले 14 साल से वह रोजाना दौड़ लगा रहे हैं। पूरे जीवन में काफी मेहनत की है। जलेबी और समोसे की रेहड़ी लगाकर बच्चों को पाला है। होरीलाल के चार बच्चे हैं। चारों बच्चे अपना-अपना काम करते हैं।

होरीलाल ऐसे बीताते हैं पूरा दिन

- सुबह चार बजकर उठकर गर्म पानी पीना।

- इसके बाद जिंदल पार्क में रोजाना तीन किमी की दौड़ लगाना और आधा घंटा व्यायाम करना

- घर पर आकर स्नान करने के बाद नाश्ता करना। नाश्ते में आधा लीटर गाय का दूध, रात के भीगे पांच बादाम और दो अखरोट खाना।

- नाश्ते के तुंरत बाद एक गोंद का लड्डू खाना।

- इसके बाद आराम करना। फिर दोपहर में एक बजे भोजन करना।

- दोपहर के भोजन में दो कटोरी दाल के साथ दो देसी घी लगी रोटी खाना।

- इसके बाद शाम चार बजे गाजर का जूस पीना। जूस में खट्टे फल नहीं लेते।

- शाम को दोस्तों के साथ समय बीताना या घर के कुछ काम करना।

- रात को आठ बजे दाल, सब्जी के साथ दो रोटी खाना।

- रात को 10 बजे सो जाना और फिर चार बजे सुबह उठ जाना।


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