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Akshaya Tritiya 2021: अक्षय तृतीया पर कोरोना का साया, लोगों ने घर पर रहकर की पूजा

अक्षय तृतीया के दिन त्रेता युग का आरंभ हुआ था। यह दिन दान प्रधान भी है। इस दिन किया दान व तप अक्षय होता है। इसीलिए इसे अक्षय तृतीया कहते हैं। अक्षय तृतीया को प्रात चावल घी चीनी नमक फल वस्त्र बर्तन आदि का दान करना चाहिए

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 08:59 AM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 08:59 AM (IST)
Akshaya Tritiya 2021: अक्षय तृतीया पर कोरोना का साया, लोगों ने घर पर रहकर की पूजा
कोरोना के कारण फीकी हुई दिवस विशेष अक्षय तृतीया की रौनक, दान करने से मिलेगा पुण्य फल

झज्जर, जेएनएन। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच आज अक्षय तृतीया है। जिसे आखा तीज भी कहते हैं। अक्षय तृतीया पर अबूझ मुहूर्त होता है, इसलिए हर साल इस दिन सैकड़ों की तादाद में युवा वैवाहिक बंधन में बंधते हैं। घर व दुकानों के मुहूर्त होते हैं। बच्चे का कुआं पूजन भी होता है। यानि मांगलिक कार्यो के लिए यह दिन बेहद ही शुभ है। क्योंकि, मौजूदा समय में सिर्फ प्रतिबंधों का दौर चल रहा हैं। शुभ मंगल कार्यक्रम के लिए भी प्रतिबंध लगाए गए हैं। लॉकडाउन की वजह से बाजार बंद हैं।

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शादी के लिए सिर्फ 11 लोग शामिल हो सकते हैं। कुल मिलाकर, इस समय पर पूजा अर्चना की जा सकती है या की जानी चाहिए। क्योंकि, लॉकडाउन से अक्षय तृतीया का पर्व बेरंग रहेगा। दरअसल, यह दिन केवल आयोजनों की दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इसे भगवान विष्णु का दिन माना जाता है। इस दिन हम घर पर ही रहकर भगवान विष्णु की पूजा करेंगे और पुण्य फल की प्राप्ति करेंगे।

बकौल ज्योतिषाचार्य पं. वीरेंद्र शर्मा के मुताबिक इस दिन त्रेता युग का आरंभ हुआ था। यह दिन दान प्रधान भी है। इस दिन किया दान व तप अक्षय होता है। इसीलिए इसे अक्षय तृतीया कहते हैं। अक्षय तृतीया को प्रात: चावल, घी, चीनी, नमक, फल, वस्त्र, बर्तन आदि का दान करना चाहिए। अक्षय तृतीया भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम भी अवतरित हुए थे।

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा स्नान के बाद भगवान विष्णु का शांत चित्त से विधि-विधान से पूजा करें। गेहूं या जौ का सत्तू, ककड़ी और चने की दाल का नैवेद्य अर्पित करें। अक्षय तृतीया का महत्व युधिष्ठिर के पूछने पर भगवान कृष्ण ने बताया था कि यह तिथि परम पुण्यदायक है। इस दिन सोना खरीदना भी बहुत शुभ माना गया है, लेकिन अबकी लॉकडाउन में लोगों के लिए घर में रहना ही हितकारी होगा। ऐसे में बाजार में खरीदारी कर पाना तो संभव नहीं।

सीमित हुए आयोजन, फीका हुआ दिवस विशेष

पंडित गुलशन शर्मा के मुताबिक अक्षय तृतीया पर जिलेभर में ही बड़ी तादाद में शादियां धूमधाम से होती थी। वर-वधू पक्ष के लोग तैयारियों में भी जुटे थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से इन शािदयों को सीमित कर दिया गया है या फिर स्थगित कर दिया गया है। लॉकडाउन खुलने के पश्चात ही बहुत से लोग आगे शुभ मुहूर्त निकलवाएंगे। इधर, जिनके यहां पर आयोजन है, उन्हें  अपना सामान जुटाने में भी दिक्कत हो रही है।


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