लद्दाख में शहीद हुआ हिसार का सपूत, बुझ गया इकलौता चिराग, चार साल का है बेटा
लद्दाख की गलवन घाटी में तैनात गांव अग्रोहा का सपूत 30 वर्षीय सतपाल भाकर शहीद हो गया। परिजनों के अनुसार लद्दाख क्षेत्र में सतपाल सहित पांच अन्य जवान गाड़ी में गश्त करने निकले थे
अग्रोहा, जेएनएन। लद्दाख क्षेत्र की गलवन घाटी में तैनात गांव अग्रोहा का सपूत 30 वर्षीय सतपाल भाकर शहीद हो गया। परिजनों के अनुसार लद्दाख क्षेत्र में सतपाल सहित पांच अन्य जवान गाड़ी में गश्त करने निकले थे। गश्त के दौरान उनकी गाड़ी गहरी खाई में गिर गई। हादसे का पता चलने पर सभी को गंभीर रूप से घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां जवान सतपाल सहित पांचों जवान शहीद हो गए।
रविवार दोपहर बाद सतपाल की शहादत की सूचना स्वजनों तक पंहुचीं तो पूरा गांव शोक में डूब गया। ग्राम सरपंच बलबीर सिंह भांभू, विक्की जाखड़, धर्मवीर जाखड़, बबलू गोदारा, मेवासिंह गोदारा, रवि बैनीवाल, रत्नलाल शर्मा, भूपेंद्र शर्मा ने शहीद के परिवार को सांत्वना दी। शहीद का अंतिम संस्कार मंगलवार को सैन्य सम्मान के साथ गांव में किया जाएगा।
शनिवार को परिवार से हुई थी बात
परिवार ने बताया कि शहीद सतपाल की घर पर करीब सात माह पहले आया था। बीते शनिवार को पत्नी सहित परिवार के अन्य लोगों से बात की थी। सतपाल ने परिवार को जल्द ही घर आने के लिए कहा था, लेकिन उससे पहले उसकी शहीद होने का समाचार गांव में पहुंच गया। परिजनों ने बताया कि शहीद सतपाल दस साल पूर्व सेना में भर्ती हुआ था। सात माह पहले लेह लद्दाख में उनकी ड्यूटी लगी थी।
दो बहनों का इकलौता भाई था सतपाल
शहीद सतपाल के पिता बलवान ¨सह भाकर किसान हैं। सतपाल दो बहनों का इकलौता भाई था। सतपाल की शादी करीब सात साल पहले हुई थी और अपने पीछे चार साल व दो साल की दो बेटियां छोड़ दुनिया से रुखसत हो गए। सतपाल की मौत से पूरे गांव में शोक की लहर है। सतपाल के साथ गाड़ी में सवार जींद का बेटा भी शहीद हुआ है। पिता रह रह कर सतपाल का नाम पुकार रहे हैं।