हिसार में भी होगी ड्रोन तकनीक के जरिए खेती
हिसार में सफल हुआ ड्रोन तकनीक का ट्रायल टीटीसी के डायरेक्टर ट्रायल देखने पहुंचे
-हिसार में सफल हुआ ड्रोन तकनीक का ट्रायल , टीटीसी के डायरेक्टर ट्रायल देखने पहुंचे
फोटो- 48 व 49
जागरण संवाददाता, हिसार : बदलते जमाने के साथ साथ अब किसान भी हाईटेक तकनीक अपनाने लगे हैं। अब लाडवा गांव में एग्रीनर्स किसान समूह ने ड्रोन तकनीक का प्रयोग पहली बार कीटनाशक स्प्रे करने के लिए किया है। ड्रोन के जरिए कीटनाशक स्प्रे की यह तकनीक इफको के सहयोग से एग्रीनर्स किसान समूह के किसानों तक पहुंची है। इस तकनीक के ट्रायल के मौके पर खुद कृषि मशीनरी परीक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान के डायरेक्टर मुकेश जैन बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे। डा मुकेश जैन ने किसानों को इस टेक्नोलाजी के बारे में बताया और इससे होने वाले फायदे वे समय की बचत को लेकर किसानों को समझाया। इस दौरान मनोज नेहरा, विजय श्योराण, रायसिंह पुनिया, साधुराम, दीपक, अमित दलाल, विकास, राजू शर्मा आदि किसान भी उपस्थित रहे।
ड्रोन के जरिए कीटनाशक स्प्रे करने पर सरकार साथ
डायरेक्टर डा मुकेश जैन ने किसानों को कहा यह तकनीक हमारे क्षेत्र के लिए अभी नई है और धीरे-धीरे लोग इसे अपना रहे हैं। ड्रोन के जरिए कीटनाशकों का स्प्रे करने की तकनीक को केंद्र सरकार भी प्रमोट कर रही है। इसके साथ साथ इस ड्रोन को खरीदने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किसानों को अच्छी खासी सब्सिडी भी दी जा रही है।
ड्रोन की ये हैं खूबियां
ड्रोन खाद मिले पानी को लेकर सिर्फ 10 मिनट में एक एकड़ फसल पर स्प्रे करेगा। इसे एक स्थान पर बैठकर पांच किलोमीटर परिधि में खेतों पर खाद का स्प्रे किया जा सकेगा। ड्रोन आटोमेटिक मोड पर सेट करें, तो जितना रकबा उसमें जीपीएस के जरिये फीड किया जाएगा, उतने रकबे में स्प्रे करके वापस लौट आएगा।
ड्रोन पर है भारी सब्सिडी
ड्रोन की कीमत लगभग पांच लाख रुपये तक है। केंद्र सरकार तकनीक को प्रमोट करने के लिए इस पर अच्छी सब्सिडी दे रही है जिसके बाद यह ड्रोन एक किसान समूह को करीब ढाई लाख रुपए में मिल जाता है। कोई कस्टम हायरिग सेंटर या फिर किसान निजी तौर पर इसे खरीदना है तो उसे करीब 40 प्रतिशत तक का अनुदान सरकार द्वारा दिया जा रहा है।
ड्रोन से यह होगा फायदा
ड्रोन के जरिए अब वह खेत के किसी भी कोने में बैठ कर आराम से स्प्रे कर सकता है। ट्रैक्टर के जरिए सप्रे करने से एक एकड़ में किसान को दो से 3 घंटे लगते हैं। ड्रोन के जरिए एक दिन में कम से कम 15 एकड़ में स्प्रे कर सकता है। जिससे किसान की लगभग प्रति एकड़ 600 रुपये की लेबर की बचत होगी व समय भी खराब नहीं होगा।