कृषि कानून रद नहीं हुए तो किसानों को जमीन बेचने के लिए होना पड़ेगा मजबूर : अभय चौटाला
संवाद सहयोगी नारनौंद जो किसान सत्ता सौंपना चाहता है वह सत्ता से हटाना भी जानता है स्वामीन
संवाद सहयोगी, नारनौंद :
जो किसान सत्ता सौंपना चाहता है वह सत्ता से हटाना भी जानता है स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने के नाम पर भाजपा के नेताओं ने देश के किसानों के साथ धोखा करने का काम किया है। उक्त शब्द खेल रतन अभय चौटाला ने गांव राखीगढ़ी गांव के चबूतरे पर किसानों को संबोधित करते हुए कहे। इस अवसर पर बाराहा खाप ने अभय चौटाला को पगड़ी पहनाकर सम्मानित भी किया।
किसी कानूनों को रद करवाने के लिए तीन महीने से किसान दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं और भाजपा सरकार षड्यंत्र रचकर इस आंदोलन को खत्म करने में लगी हुई है लेकिन आज किसान जागरूक हो चुका है और वह किसी के बहकावे में आने वाला नहीं वह अपने हकों की लड़ाई के लिए दिल्ली में डटा रहेगा। अगर यह तीनों कृषि कानून रद नहीं हुए तो किसानों को अपनी जमीन बेचनी पड़ेगी। आरएसएस के लोग इस आंदोलन को खत्म करवाने के लिए धरने प्रदर्शन कर रहे हैं। वह अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होंगे।
बाराह खाप के पूर्व प्रधान एवं किसान नेता सुरेश कोथ ने कहा कि आंदोलन करके ही हमारे पूर्वजों ने देश को आजाद करवाया था और इसी आंदोलन से हम इन तीनों कृषि कानूनों को वापस करवाएंगे। आंदोलन से ही सरकार को झुकाने का काम किसान करेगा। इस अवसर पर किसान नेता सुरेश कोथ, सतवीर सिसाय,राजकुमार राखी, पूनम पंडित, विकास सीसर, रवि आजाद, रणवीर लोहान,किरण मलिक, दिनेश श्योराण, रमेश श्योराण, अमन बुढ़ाना प्रताप सिंह, राजीव राजा, पूर्व सरपंच बलराज सिंह इत्यादि के तौर पर मौजूद थे। बॉक्स
उत्तर प्रदेश की युवा नेत्री पूनम पंडित ने कहा कि किसान अपनी फसलों को नष्ट ना करें वह मजबूती से डटे रहें सरकार को झुकना पड़ेगा इनेलो के नेता अभय चौटाला इस्तीफा देकर किसानों के साथ आए हैं। वह सच्चे किसान भगत है। मेरी किसान मोर्चा से अपील है। कि आंदोलन के साथ साथ अनशन भी करें और सबसे पहले अनशन पर उनके साथ मैं बैठूंगी। बॉक्स
युवा किसान नेता विकास जी सर ने कहां की विधायक गौतम पिछले दिनों यह बयान देता था कि मैंने विधायक बनकर पाप कर दिया है। अब समय है और किसान उनसे उनका इस्तीफा मांग भी रहे हैं वह अपना इस्तीफा देकर उस पाप को उतार सकते हैं। इस आंदोलन से देश में भाईचारा बड़ा है। आज जाति-पाति की कोई लड़ाई नहीं रही और आपसी झगड़ों में भी काफी कमी आई है।