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फतेहाबाद में कृषि विभाग ने बताए किसानों को फसल अवशेष जमीन में मिलाने के फायदे

उपनिदेशक डा. राजेश सिहाग ने बताया किसान खेत में संतुलित खाद का प्रयोग करें। अब किसान अत्याधिक खाद का प्रयोग कर रहे है। इससे जमीन की उर्वरा शक्ति प्रभावित होती है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि किसान अपने खेत की मिट्टी व पानी की समय-समय पर जांच अवश्य करवाए।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 02:40 PM (IST)Updated: Sun, 05 Dec 2021 02:40 PM (IST)
फतेहाबाद में कृषि विभाग ने बताए किसानों को फसल अवशेष जमीन में मिलाने के फायदे
मृदा दिवस पर कृषि विभाग ने आयोजित किया कार्यक्रम

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : विश्व मृदा दिवस पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की तरफ से पंचायत भवन में सेमिनार आयोजित किया। जिसमें किसानों को मिट्टी व पानी के जांच के फायदे बताए गए। कार्यक्रम में कृषि विभाग के उपनिदेशक डा. राजेश सिहाग, फतेहाबाद के उपमंडल अधिकारी भीम सिंह कुलड़िया व टोहाना के मुकेश महला, इफको के अधिकारी गुरदीप विर्क, सहायक कृषि अभियंता सुभाष भाम्भू, टीए राकेश कुंट, संदीप कुमार व अनूप कुमार मौजूद रहे।

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उपनिदेशक डा. राजेश सिहाग ने कार्यक्रम में मौजूद किसानों को बताया कि किसान खेत में संतुलित खाद का प्रयोग करें। अब किसान अत्याधिक खाद का प्रयोग कर रहे है। इससे जमीन की उर्वरा शक्ति प्रभावित होती है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि किसान अपने खेत की मिट्टी व पानी की समय-समय पर जांच अवश्य करवाए। फतेहाबाद व कुलां में स्थित सरकारी लैब किसानों के लिए बनाई गई है। जहां पर मिट्टी व पानी की जांच निशुल्क होती है। इसका किसान लाभ उठाए। उन्होंने किसानों से आग्रह किया जांच रिपोर्ट के आधार पर ही अपने खेत में फर्टिलाइजर का प्रयोग करें।

इस दौरान उन्होंने किसानों से जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए ढेंचा व मूंग की खेती करने का आग्रह किया। वहीं उन्होंने कहा कि फसलों के अवशेष जमीन में मिलाने से आर्गेनिक कार्बन की मात्रा बढ़ती है। अब जमीन में लगातार इसकी कमी आ रही है। जो भविष्य के लिए खतरनाक है। इस दौरान उपमंडल अधिकारी भीम सिंह कुलड़िया व मुकेश महला ने किसानों को जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के तरीके बताए।

उन्होंने किसानों को बताया कि जिन किसानों ने इस बार फसलों के अवशेष जमीन में मिलाया है। उनकी गेहूं की फसल अच्छी होगी। उन्होंने कहा कि इस बार बड़ी संख्या में किसानों ने धान के अवशेष जमीन में मिलाए है। किसान गेहूं के फाने व धान व अन्य फसलों के अवशेष इसी तरह से जमीन में मिलाए तो जमीन की स्वत: उपजाऊ शक्ति बढ़ जाएगी। इस दौरान बड़ी संख्या में कृषि विभाग के एडीओ, फिल्ड अधिकारी व किसान मौजूद रहे।


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