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Agriculture Department: रोहतक में पराली जलाने के मामलों में इजाफा, अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर किया मुआयना

रोहतक में पराली जलाने से रोकने के लिए विभाग की टीमें गांव गांव में निगरानी रख रही है। इसके अलावा अन्य माध्यमों से भी निगरानी रखी जा रही है। पराली जलाने की जो भी सूचना मिलती है तो विभाग की टीम पटवारी व ग्राम सचिव जाते हैं।

By Naveen DalalEdited By: Published: Fri, 19 Nov 2021 09:43 AM (IST)Updated: Fri, 19 Nov 2021 09:43 AM (IST)
Agriculture Department: रोहतक में पराली जलाने के मामलों में इजाफा, अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर किया मुआयना
रोहतक में पांच किसानों के खेतों में पराली जलाए जाने की पुष्टि हुई।

रोहतक, जागरण संवाददाता। रोहतक में पर्यावरण प्रदूषण के बड़े कारणों में पराली जलाना भी हैं। रोहतक में भी पराली जलाने के मामलों में अब इजाफा हो रहा है। हालांकि अभी इसकी गति धीमी है और जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। जिले में पराली जलाए जाने के अब तक पांच मामले सामने आ चुके हैं जबकि दो अन्य मामले में जांच पड़ताल की जा रही है, जिनकी रिपोर्ट एकाध दिन में पूरी होने की संभावना है। 

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अधिकारियों ने मौके का किया मुआयना किया

पराली जलाने के मामलों की रोकथाम के लिए कृषि विभाग के अधिकारी भी अलर्ट बने हुए हैं। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक जिले में कहीं से भी पराली जलाने संबंधित कोई सूचना मिलने पर मौका मुआयना किया जा रहा है। इस महीने में अब तक विभाग को पराली जलाने से जुड़ी कुल 33 सूचनाएं मिली है। जिनका मौका मुआयना भी किया गया है। अधिकारियों का दावा है कि इनमें से 26 सूचनाओं के आधार पर विभाग की टीम जब मौके पर पहुंची तो वहां पराली जलाई न होकर घास-फूस में आग लगी होना पाया गया।

किसानों को गांवों में जाकर किया जागरूक

अब तक जिन पांच किसानों के खेतों में पराली जलाए जाने की पुष्टि हुई है, उन किसानों पर विभाग की ओर से जुर्माना लगाया गया है। प्रत्येक किसान पर 2500-2500 रुपये जुर्माना किया गया है। अधिकारियों के मुताबिक अनेक किसान अब जागरूक भी हो रहे हैं और उन्होंने पराली जलाने की बजाय उससे मुनाफा कमाना शुरू कर दिया है। लेकिन कुछ किसान अब तक भी ऐसे हैं जो जाने अनजाने में पराली जला रहे हैं। ऐसे किसानों पर सरकार की टेढी नजर हैंं। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से गांवों में निगरानी भी की जा रही है। पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माना करने के साथ ही उनको सख्त हिदायत भी दी गई है। विभाग की ओर से पराली प्रबंधन के प्रति किसानों को गांवों में जाकर जागरूक भी किया जा रहा है। 

गांव गांव में निगरानी रख रही टीमें 

पराली जलाने से रोकने के लिए विभाग की टीमें गांव गांव में निगरानी रख रही है। इसके अलावा अन्य माध्यमों से भी निगरानी रखी जा रही है। पराली जलाने की जो भी सूचना मिलती है तो विभाग की टीम पटवारी व ग्राम सचिव को साथ लेकर मौके पर जाती है। हालांकि अब तक मिली सूचनाओं का विश्लेषण करें तो अनेक सूचनाएं घास-फूस जलाने की भी पाई गई हैं। लेकिन खेत में पराली जलाने का जो मामला मिलता है तो उसमें तुरंत कार्रवाई की जा रही है। 

रोहतक के जिला कार्यकारी कृषि उपनिदेशक डां इंद्र सिंह के अनुसार

जिले में पराली प्रबंधन पर फोकस किया जा रहा है। किसानों को यत्र भी सब्सिडी पर दिए गए हैं। पराली जलाने से रोकने के लिए निगरानी की जा रही है। जिले में अब तक कुल 33 सूचनाएं मिली थी। जिनकी छानबीन की गई तो उनमें से पांच मामले पराली जलाने के पाए गए। जिन पर जुर्माना किया गया है। 


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