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बैंकों के बाद अब एलआईसी अधिकारी-कर्मचारी निजीकरण के विरोध में, आज कर रहे हड़ताल

सभी जिलों में एलआईसी के अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। अगस्त 2017 से वेतन वृद्धि की मांग है। इसके अलावा 74 फीसद विदेशी निवेश और निजीकरण के विरोध में यह हड़ताल रहेगी। हड़ताल को लेकर देर रात तक यूनियनों के पदाधिकारी एक-दूसरे के संपर्क में रहे।

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 18 Mar 2021 08:38 AM (IST)Updated: Thu, 18 Mar 2021 08:38 AM (IST)
बैंकों के बाद अब एलआईसी अधिकारी-कर्मचारी निजीकरण के विरोध में, आज कर रहे हड़ताल
सभी जिलों में एलआइसी अधिकारी-कर्मचारी एकजुट होकर करेंगे हड़ताल

रोहतक, जेएनएन। बैंक अधिकारियों-कर्मचारियों के बाद अब एलआईसी अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल करेंगे। वीरवार को सभी जिलों में एलआईसी के अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। अगस्त 2017 से वेतन वृद्धि की मांग है। इसके अलावा 74 फीसद विदेशी निवेश और निजीकरण के विरोध में यह हड़ताल रहेगी। हड़ताल को लेकर देर रात तक यूनियनों के पदाधिकारी एक-दूसरे के संपर्क में रहे।

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एलआईसी रोहतक मंडल के उपाध्यक्ष त्रिलोक बंसल ने बताया कि सरकार सुविधाएं देने के बजाय निजीकरण पर जोर दे रही है। इन्होंने बताया कि विदेशी निवेश का सबसे बड़ा नुकसान यही होगा कि हमारे देश का पैसा विदेशों में चला जाएगा। उपभोक्ताओं के हितों को भी नुकसान होगा। इसलिए विदेशी निवेश नहीं होना चाहिए। पूरे प्रकरण में सरकार से भी वार्ता होने की बात कही।

इन्होंने यह भी बताया कि अगस्त 2017 से अधिकारियों और कर्मचारियों को बार-बार आश्वासन मिल रहे हैं कि वेतन और पदोन्नति होगी। लेकिन वेतन वृद्धि का मामला आज तक हल नहीं हो सका। वेतन वृद्धि न होने से अधिकारी-कर्मचारी आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं। उपाध्यक्ष बंसल ने कहा कि रोहतक के अधिकारी-कर्मचारी एकजुट होकर प्रदर्शन करेंगे। पूरे मामले में सेक्टर-1 स्थित कार्यालय में एकजुट होंगे। यहां प्रदर्शन करेंगे। यह भी चेतावनी दी कि केंद्र सरकार निजीकरण का फैसला वापस नहीं लेगी तो अगली बार अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।

बैंक कर्मचारियों की हड़ताल को दिया समर्थन

बैंक अधिकारियों-कर्मचारियों की हड़ताल सोमवार-मंगलवार को रही। एलआईसी यूनियन से जुड़े पदाधिकारियों ने बताया कि हमारी हड़ताल को तमाम यूनियनों का समर्थन अभी से मिल रहा है। रेलवे, बैंक अधिकारियों के अलावा दूसरी केंद्रीय सेवाओं से जुड़ी यूनियनों के पदाधिकारी हमारे साथ हैं। यह भी कहा कि हम उपभोक्ताओं को परेशान नहीं करना चाहते। हम तो उपभोक्ताओं के हित बने रहें, इसलिए केंद्र सरकार के खिलाफ हड़ताल कर रहे हैं। हड़ताल में उपभोक्ताओं से भी सहयोग मांगा है।


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