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जीजेयू में फूटा कोरोना बम, कोरोना के 22 केस मिले, सभी छात्राओं काे हॉस्टल खाली करने के निर्देश

गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय में कोरोना के 22 केस मिले हैं। विवि प्रशासन ने छात्राओं को हॉस्टल खाली करने को कह दिया है। जबकि नियमानुसार इन्हें क्वारंटाइन करना चाहिये। ऐसे में संक्रमित हॉस्टल से बाहर जाएंगी तो हालात बिगड़ सकते हैं।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 07:32 AM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 07:32 AM (IST)
जीजेयू में फूटा कोरोना बम, कोरोना के 22 केस मिले, सभी छात्राओं काे हॉस्टल खाली करने के निर्देश
जीजेयू ने ऑफलाइन कक्षाएं भी 2 मई तक बंद कीं। ऑनलाइन तरीके से पढ़ाई होगी। परीक्षाएं होती रहेंगी।

हिसार, जेएनएन। स्वास्थ्य विभाग का प्रोटोकॉल कहता है कि यदि कोई संक्रमित मिलता है तो तुरंत उसे क्वारंटाइन किया जाए ताकि संक्रमण काे फैलने से रोका जा सके। लेकिन गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी इन नियमों की धज्जियां उड़ा रही है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कोरोना केस मिलने के बाद लिखित आदेश देकर हॉस्टल खाली करने के निर्देश दिए हैं। 

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कोरोना संक्रमित छात्राएं हॉस्टल से बाहर जाएंगी तो न केवल ऑटो रिक्शा, बसों में संक्रमण फैलेगा, बल्कि घर जाकर परिजनों और रास्ते में मिलने वालों को भी संक्रमित करेंगी। लिखित आदेश देने के बावजूद अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 2 मई तक ऑफलाइन कक्षाओं पर ब्रेक लगा दिया है और इस दौरान केवल ऑनलाइन पढ़ाई होगी। स्पोर्ट्स एक्टिविटी भी रोक दी गई है।

जीजेयू कैंपस में पिछले हफ्ते कोरोना संक्रमित मिले थे। ऐसे में व्यापक स्तर पर सैंपलिंग करवाई गई। इनमें विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों, प्राध्यापकों, हॉस्टल के छात्र और छात्राओं सहित अन्य स्टाफ कर्मचारियों के भी सैंपल लिए गए। इसकी अब रिपोर्ट आई है जिसमें पता चला है कि कैंपस में 22 केस कोरोना संक्रमण के मिले हैं। इस पर यूनिवर्सिटी प्रशाासन ने मंगलवार को नये आदेश जारी किए। लेकिन इन आदेशाें से हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं की परेशानी बढ़ गई है।

छात्राएं बोलीं, वापस लिए जाएं आदेश

हॉस्टल की छात्राओं ने बताया कि उन्हें यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से कहा जा रहा है कि सभी विद्यार्थी हॉस्टल खाली करें। केवल वे विद्यार्थी हॉस्टल में रहेंगे जिनकी परीक्षा है। छात्राओं ने कहा कि हॉस्टल में तो संक्रमित छात्राएं भी हैं। ऐेसे में यदि वे भी घर जाएंगी तो बाहर संक्रमण फैलाएगी। छात्राओं ने इस आदेश को वापस लेने की मांग की है।

वीसी ने जारी किए लिखित आदेश

यूनिवर्सिटी कैंपस में कोरोना केस मिलने के बाद वीसी प्रो. टंकेश्वर कुमार ने अधिकारियों की मीटिंग ली। इसमें डीन, सभी विभागों के चेयरपर्सन, चीफ वार्डन और कोविड-19 टास्क फोर्स के सदस्य उपस्थित थे। इस मीटिंग में मंथन के बाद फैसले लिए और आदेश जारी किए। इसमें कहा गया है कि यूनिवर्सिटी में 2 मई तक ऑफलाइन कक्षाएं नहीं लगेंगी। केवल ऑनलाइन पढ़ाई होगी। परीक्षाएं निर्धारित शेड्यूल अनुसार चलती रहेंगी। हॉस्टल में रहने वाले विद्यार्थियों, जिनमें पीएचडी स्कॉलर्स भी शामिल हैं, उन्हें हॉस्टल छोड़ने के लिए कहा गया है। जिनकी परीक्षा है, केवल वे हॉस्टल में रहेंगे। यूनिवर्सिटी कैंपस में इंडोर स्पोर्ट्स एक्टिविटी भी 2 मई तक सस्पेंड कर दी गई है। जो विद्यार्थी संक्रमित मिले हैं, उनकी परीक्षा बाद में होगी। पूरे कैंपस काो सैनिटाइज किया जाएगा।

संक्रमितों को जाने के लिए हमने नहीं कहा : चीफ वार्डन

जीजेयू की चीफ वार्डन प्रो. सोनिका ने कहा कि कैंपस में कोरोना केस मिलने के बाद मीटिंग हुई है। इसमें फैसला लिया गया है कि जिनकी परीक्षा है, उन्हें छोड़कर बाकी विद्यार्थी घर जाएं। जो संक्रमित आए हैं, उनमें से तीन छात्राएं तो पहले ही जा चुकी हैं और अन्य किसी को हमने जाने के लिए नहीं बोला है। क्योंकि संक्रमण फैलने का खतरा है।

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