अफगानिस्तानी छात्र भारत में पीएचडी की कर रहे मांग, परिवार भी यहीं लाना चाहते हैं
हिसार के एचएयू और लुवास में पढ़ने वाले विद्यार्थी अफगानिस्तान में सरकारी नौकरी में थे
-हिसार के एचएयू और लुवास में पढ़ने वाले विद्यार्थी अफगानिस्तान में सरकारी नौकरी में थे जागरण संवाददाता, हिसार : अफगानिस्तान में तालिबान के कहर ने हर किसी को हैरान कर दिया है। वहां के हालातों से लोग इतना डरे हुए हैं भारत छोड़कर भी नहीं जाना चाहते। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विवि और लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विवि से मास्टर डिग्री करने के बाद अब विद्यार्थियों को कई दिक्कतें आ रही हैं। उनका भारत में गुजारा स्कालरशिप की मदद से चलता था। छात्रों ने बिना नाम बताए हालात जाहिर किए। उन्होंने बताया कि उनकी आखिरी स्कालरशिप जुलाई के आखिरी में आई थी। यह अफगानिस्तानी छात्र एग्रीकल्चर विभाग में सरकारी अफसर थे, मगर तख्ता पलटने से उनकी नौकरी चली गई। अब परिवार और उन्हें खुद भारत में रहना और रहकर खर्चा चलाना काफी मुश्किल हो गया है। छात्रों ने बताया कि उन्होंने दो महीने पहले पीएचडी के लिए देशभर के कई शिक्षण संस्थानों सहित अफगानिस्तान एंबेसी में आवेदन किया था, मगर अभी तक कोई रेस्पांस नहीं आया है।
विवि ने रहने के लिए जगह दी
छात्र ने बताया कि स्थानीय विश्वविद्यालयों ने उन्हें रहने का स्थान तो दिया है मगर भोजन आदि के खर्चे वह अपने स्तर से चला रहे हैं। उनकी आर्थिक मदद करने कोई नहीं आया। ऐसे में अब घर से बड़ी मुश्किल से थोड़े-थोड़ रुपये मंगाने पड़ रहे हैं। इन रुपयों को खाते में डालने के लिए भी परिवार को कितना कष्ट झेलना पड़ रहा है यह शब्दों में बयां भी नहीं किया जा सकता है।
आगे की पढ़ाई के लिए भारत से आस
हिसार में कुल 14 अफगानिस्तानी छात्र हैं जिसमें से दो छात्र पीएचडी कोर्स में हैं तो बाकी मास्टर डिग्री कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि जब तक अफगानिस्तान में हालात सामान्य न हो जाएं तब तक भारत में ही रहें। यहीं रहकर पढ़ाई करें। इसके साथ ही इन छात्रों ने भारत में खर्चा निकालने के लिए नौकरी की तलाश भी की मगर कहीं पर भी नौकरी नहीं मिल सकी। वह बताते हैं कि पीएचडी की एप्लीकेशन प्रोसेस में है, मगर तब तक कौन हमें संभालेगा।