गुजवि में पिछले साल से दाखिले बढ़े
गुरु जंभेश्वर तकनीक एवं प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय में एचएसबी यानी हरियाणा स्कूल आफ बिजनेस व ईसीई यानी इलेक्ट्रिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिग दोनों विभागों का निरीक्षण के बाद एनबीए (नेशनल बोर्ड आफ एक्रिडेशन) की टीम रवाना हो गई।
जागरण संवाददाता, हिसार : गुरु जंभेश्वर तकनीक एवं प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय में एचएसबी यानी हरियाणा स्कूल आफ बिजनेस व ईसीई यानी इलेक्ट्रिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिग दोनों विभागों का निरीक्षण के बाद एनबीए (नेशनल बोर्ड आफ एक्रिडेशन) की टीम रवाना हो गई। अब एनबीए टीम सदस्य अपने स्तर पर मंथन करेगी। इसके बाद अंतिम फैसला आएगा। इसमें करीब दो से तीन माह का समय लग सकता है। अच्छे संकेत यह हैं कि पिछले साल से गुजवि में दाखिले बढ़े हैं। इसकी टीम ने सराहना की। स्टाफ के शोध व अनुभव के आधार पर भी एनबीए का अनुबंध मिलने की उम्मीदें हैं।
विश्वविद्यालय के रिकार्ड के अनुसार इस साल हर विभाग में दाखिले बढ़े हैं। एनबीए टीम शुक्रवार को गुजवि में आई थी और तीन दिन दौरा किया। गुजवि के प्लेसमेंट विभाग के अनुसार पिछले दो साल में गुजवि में प्लेसमेंट अच्छा हुआ है। पहले 100 से 150 विद्यार्थियों की ही कैंपस प्लेसमेंट में नौकरी लगी थी, अब यह आंकड़ा बढ़कर 250 तक हो गया है।
एनबीए टीम का एक सदस्य गुजवि में आया हुआ था और बाकी चेयरमैन सहित दो सदस्य आनलाइन माध्यम से जुड़े हुए थे। टीम सदस्य ने आनलाइन से ही संबंधित विभाग के सदस्य को निरीक्षण करवाया। मौके पर टीम सदस्यों ने कुछ नहीं बताया। स्टाफ से आनलाइन या आफलाइन टीम सदस्य पूछताछ करते रहे और साथ की साथ नोट कर रिपोर्ट बनाई। एचएसबी ने पहली बार और इसीइ विभाग ने चौथी बार एनबीए का अनुबंध के लिए आवेदन किया था। इसीइ में बीटेक व मटेक को पहले तीन बार अनुबंध मिल चुका है। एचएसबी का संकाय ठीक है, जिससे उम्मीदें ज्यादा है। एनबीए का यह दौरा दो साल पहले होना था, पर कोरोना के चलते नहीं हो पाया और आफलाइन ही होता था। इस बार आनलाइन करना पड़ा। एनबीए अनुबंध के लिए एक हजार नंबर के अंक का दायरा निर्धारित है। यह भी जानें
- इलेक्ट्रिक विभाग संबंधित प्रो. ने ईसीई विभाग की लैब, क्लासरूम, कारिडोर का दौरा किया। उन्होंने विभाग में छात्रों और पासआउट छात्रों से भी बातचीत की, जो अभी बाहर कंपनी में काम कर रहे है। उनसे भी फीडबैक लिया।
- एमबीए संबंधित प्रो. ने एचएसबी की लैब, लाइब्रेरी, प्लेसमेंट आदि का जायजा लिया। स्टाफ से पूछताछ की कि आपका कितना अनुभव है, क्या और किस तरह के शोध किए है, जो विशेष रहे। इस साल कितने दाखिले है और उनके लिए क्या सुविधा है।
- विश्वविद्यालय का सेंट्रल संकाय, हास्टल व स्पोर्ट्स ग्राउंड, सेंट्रल लैब, कंप्यूटर सेंटर, लाइब्रेरी, हेल्थ सेंटर, इलेक्ट्रिक लैब व क्लासरूम और कारिडोर आदि का चेयरमैन ने खुद जायजा लिया। यह होगा फायदा
एनबीए का अनुबंध होने से विश्वविद्यायल के साथ कोर्स वैल्यू भी बढ़ती है। अगर कोई छात्र विदेश में शिक्षा के लिए जाता है तो उसे भी फायदा मिलेगा। इससे ग्रांट तो अधिक मिलती ही है, पर शोध के लिए ज्यादा मिलती है।