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अस्पताल और लैब संचालकों पर प्रशासन सख्त

पुलिस अधीक्षक बलवान सिंह राणा ने कहा कि लगभग 100 पुलिसकर्मियों को कोरोना संबंधी जिम्मेवारियों के लिए आरक्षित किया गया है। कहीं भी सैंपलिग में कानून व्यवस्था की दिक्कत आए तो इनका प्रयोग किया जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 07:03 AM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 07:03 AM (IST)
अस्पताल और लैब संचालकों पर प्रशासन सख्त
अस्पताल और लैब संचालकों पर प्रशासन सख्त

जागरण संवाददाता, हिसार : कोरोना संक्रमण तथा संक्रमितों की बढ़ती मृत्युदर को लेकर प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। किसी भी प्रकार से कोई चूक न हो इसके लिए सिविल अस्पताल, निजी अस्पताल और लैब संचालकों को पहले ही सचेत किया गया है।

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रविवार को डीसी डा. प्रियंका सोनी ने कहा कि कोरोना काल में जो भी अस्पताल या लैब संचालक सरकार द्वारा जारी निर्देशों की अनदेखी करता पाया गया तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। इस दिशा में अब समय-समय पर औचक निरीक्षण कर यह देखा जाएगा कि अस्पताल व लैब संचालकों द्वारा सभी हिदायतों का पालन किया जा रहा या नहीं।

उपायुक्त ने कहा कि कोरोना संक्रमित रोगियों को अस्पताल संचालक तुरंत दाखिल कर उनका इलाज शुरू करें। निजी अस्पतालों में बेड की उपलब्धता के बारे में तथा इलाज के लिए सरकार द्वारा निर्धारित दरों के संबंध में एक बोर्ड लगाकर उस पर सारी जानकारी उपलब्ध होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त कोरोना के संबंध में जागरूकता संबंधी जानकारियां अस्पतालों में चस्पा होनी चाहिए।

साथ ही पुलिस अधीक्षक बलवान सिंह राणा ने कहा कि लगभग 100 पुलिसकर्मियों को कोरोना संबंधी जिम्मेवारियों के लिए आरक्षित किया गया है। कहीं भी सैंपलिग में कानून व्यवस्था की दिक्कत आए तो इनका प्रयोग किया जा सकता है।

मरीज की पूरी जानकारी के साथ करें रेफर

इसके साथ ही असप्तालों से अगर किसी मरीज को आपात परिस्थितियों में रेफर भी करना पड़े तो उसे केस हिस्ट्री के साथ-साथ एंबुलेंस तथा ऑक्सीजन इत्यादि की पूरी सुविधाओं के साथ रेफर किया जाए। इस बात को सुनिश्चित किया जाए कि मरीज रेफर किए गए अस्पताल तक अवश्य पहुंचे। मरीज की मृत्यु होने की स्थिति में सभी प्रोटोकॉल अपनाए जाने चाहिए, अन्यथा जिला प्रशासन इस संबंध में दोषी निजी अस्पताल संचालकों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करेगा। कोरोना से होने वाली मृत्यु का पूरा विवरण भी नियमित रूप से विभाग को भेजा जाए। कोरोना संक्रमितों के लिए अलग हो व्यवस्था

- अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के लिए रैंप, सीढि़यों सहित अन्य सभी व्यवस्थाएं अलग से होनी चाहिए।

- अस्पताल में दाखिल कोरोना संक्रमितों की समय-समय पर काउंसिलिग हो।

- निजी अस्पतालों को फैसिलिटी एप इंस्टॉल कर इस पर सभी अपडेट डालनी होगी।

- निजी अस्पताल संचालक कोविड की सैैंपलिग बढ़ाएं।

- यदि कोई मरीज नि:शुल्क टेस्ट कराना चाहता है तो स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अस्पतालों को टेस्ट किट उपलब्ध करवा दी जाएगी। निजी लैब संचालक समय से करें रिपोर्टिग

उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी ने निजी लैब संचालकों के साथ बैठक में कहा कि कोरोना मामलों को लेकर निर्धारित समयावधि में रिपोर्टिग करते हुए सभी जरूरी कदम उठाएं। उन्होंने निजी लैब संचालकों को सख्त हिदायत दी कि वे अपने यहां पर होने वाली सैंपलिग में पॉजिटिव तथा नेगेटिव पाए गए मरीजों की जानकारी अविलंब स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करवाएं। इस कार्य में देरी होने से कोरोना प्रसार के मामलों में वृद्धि होती है। इसलिए लापरवाही पाए जाने पर लैब संचालकों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।


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