'छपाक' फिल्म में एसिड से जलने का दर्द बयां करेंगी रोहतक की एसिड अटैक पीड़िता रितु
वॉलीबाल की राज्यस्तरीय खिलाड़ी रह चुकीं रितु पर 2012 में एसिड अटैक हुआ था। अब वे स्वयं पीडि़ताओं के लिए काम करती हैं। उनकी मोटीवेशनल स्पीकर के रूप में पहचान बनी हुई है।
रोहतक [अरुण शर्मा] एसिड अटैक पीडि़ताओं के दर्द की कहानी बयान करने वाली वाली फिल्म 'छपाक' में रोहतक की एसिड अटैक पीडि़ता रितु सैनी फिल्म की मुख्य किरदार मालती (दीपिका पादुकोण) की सहेली की भूमिका में हैं। उनके अलावा उत्तर प्रदेश की एसिड अटैक पीडि़ताएं जीतू(अलीगढ़), बाला(बिजनौर), कुंती(लखनऊ) भी इस फिल्म में मालती की सहेली की भूमिका निभा रही हैं।
रोहतक के प्रेमनगर की रहने वाली रितु कहती हैं कि हमले के बाद साथ देने वाले कम थे। वह वॉलीबॉल की राज्यस्तरीय खिलाड़ी रह चुकीं थीं। इसलिए उन्होंने हार नहीं मानी। लडऩे का फैसला किया। 26 मई 2012 में जब उनपर हमला हुआ उस समय वह कक्षा 11 में पढ़ रही थीं। वह बताती हैं 'कई बार लगा कि अपनी लड़ाई बीच में ही छोड़ दूं। लेकिन परिवार ने हौसला बढ़ाया। मैं लड़ती रही। हमलावरों को सजा दिलाई। हालांकि हमलावर पांच साल की सजा के बाद छूट गए। मैं छांव फाउंडेशन से जुड़ गई। अब तो फाउंडेशन के बोर्ड की मेंबर भी बन गई हूं। छांव फाउंडेशन एसिड अटैक पीडि़ताओं के लिए कार्य करता है।
बता दें कि रितु मोटीवेशनल स्पीकर के तौर पर भी पहचान बन चुकी है। छांव फाउंडेशन से जुडऩे के बाद उन्होंने फाउंडेशन की तरफ से आगरा में संचालित शिरोज कैफे में कार्य किया। अब वह नोएडा स्थित इसी संस्था के शिरोज होम में एसिड अटैक पीडि़ताओं के लिए कार्य कर रही हैं।
सख्त सजा हो, तभी दर्द होगा कम
रितु कहती हैं कि फिल्म में दिखाया गया है कि अपनी लड़ाई खुद लडऩी होगी। संघर्ष करना होगा। फिल्म से एसिड अटैक पीडि़ताओं को अपना हक लेने की प्रेरणा मिलेगी। वह कहती हैं कि यदि हमलावरों को सख्त सजा हो तो पीडि़ताओं के जख्मों पर मरहम लगता है और का दर्द का एहसास कम हो जाता है।
छपाक फिल्म के ट्रेलर के एक दृश्य में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के साथ रितु सैनी (गुलाबी परिधान में)।
सरकार ने 10 लाख का मुआवजा नहीं दिया
रितु दो दिन पहले देश के सर्वोच्च प्रशिक्षण संस्थान लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी(मसूरी) में देशभर में तैनात तमाम आइएएस के बीच पहुंची। एक प्रशिक्षण के दौरान रितु को बुलाया गया था। रितु का कहना है कि आइएएस अधिकारियों ने तमाम प्रदेशों के उदाहरण देते हुए पीडि़ताओं को 10-10 लाख रुपये मुआवजा दिलाने की बात बताई। हालांकि हरियाणा सरकार निजी अस्पताल में इलाज तो करा रही है, लेकिन आज तक 10 लाख रुपये का मुआवजा नहीं मिला है।
आर्थिक तंगी के कारण पांच माह पहले पिता खो दिया
रितु अपने संघर्ष को याद करते हुए भावुक हो जाती हैं। उन्होंने बताया कि घटना के बाद से ही न्याय पाने के लिए दर-दर भटकीं। होली-दीपावली जैसे त्योहार तक घर में नहीं मनाए गए। आर्थिक तंगी और जिम्मेदारियों के तले दबे पिता सीताराम पांच माह पहले बीमार हुए। कर्ज लेकर निजी अस्पताल में इलाज कराया। लेकिन उन्हें बचा नहीं पाई। इसी साल 28 जुलाई को पिता का निधन हो गया।
10 जनवरी को रिलीज होगी फिल्म
मेघना गुलजार की फिल्म 'छपाक' का ट्रेलर आ चुका है। 10 जनवरी को रिलीज होने वाली इस फिल्म में प्रेम नगर(रोहतक)के अलावा उत्तर प्रदेश की एसिड अटैक पीडि़ताएं जीतू(अलीगढ़), बाला(बिजनौर), कुंती(लखनऊ) भी फिल्म में मालती की दोस्त के किरदार में दिखेंगी।
---'छपाक' फिल्म में हमारी संस्था में कार्य करने वाली बेटियों को भूमिका मिली है। यह महज एक फिल्म नहीं बल्कि समाज की नींद तोडऩे का प्रयास है।
आशीष शुक्ला, निदेशक, छांव फाउंडेशन, उत्तर प्रदेश।