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डीएसपी के गनमैन द्वारा हत्‍या करने के मामले में बेटे ने कहा मां को पापा ने ही बंदूक से गोली मारी

गनमैन ने 16 अप्रैल की सुबह अपनी पत्नी रिंकू की हत्या कर दी थी। हत्‍या गोली मार कर करने का आरोप है और पुलिस ने इसे शराब के नशे में सोटे से हत्‍या करने की रिपोर्ट बनाया था। मामले में जांच चल रही है। अगली सुनवाई 9 अप्रैल को होगी।

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 17 Mar 2021 04:45 PM (IST)Updated: Wed, 17 Mar 2021 04:45 PM (IST)
डीएसपी के गनमैन द्वारा हत्‍या करने के मामले में बेटे ने कहा मां को पापा ने ही बंदूक से गोली मारी
डीएसपी के गनमैन द्वारा लॉकडाउन के दौरान पत्‍नी की हत्‍या करने के मामले में जांच आगे बढ़ रही है

हिसार, जेएनएन। हिसार के हाउसिंग बोर्ड कालोनी में जींद के तत्कालीन डीएसपी के गनमैन विक्रम द्वारा 16 अप्रैल 2020 में अपनी पत्नी रिंकू की हत्या के मामले में मंगलवार को एडीजे डा. पंकज की अदालत में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान डीएसपी अभिमन्यू ने मामले की स्टेट्स रिपोर्ट पेश की। वहीं मामले में पीड़ित पक्ष के वकील हरदीप ने बताया कि मंगलवार को सुनवाई के दौरान स्टेट्स रिपोर्ट में आरोपित विक्रम के बेटे के धारा 164 सीआरपीसी के तहत बयान की बात सामने आई। आरोपित के बेटे ने अपने बयान में बताया कि उसके सामने ही उसके पिता ने उसकी मां को बंदूक से गोली मारी है। व

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हीं इस मामले से जुड़े सभी पुलिसकर्मियों जिनमें जींद के तत्कालीन डीएसपी कप्तान सिंह, तत्तकालीन हिसार सिटी थाना एसएचओ सहित अन्य पुलिसकर्मियों की कॉल डिटेल और लोकेशन को सीज कर दिया गया है। संबंधित अधिकारी जो इस मामले में मौके पर पहंचे थे, उनकी भी कॉल डिटेल और लोकेशन सीज की गई है। वहीं विक्रम की सर्विस रिवाल्वर से संबंधित सभी रिकॉर्ड को भी सीज किया गया। स्टेट्स रिपोर्ट में सामने आया कि आरोपित विक्रम 13 अप्रैल 2020 को जींद से छुट्टी पर आया था, 13 अप्रैल को अपनी ससुराल से अपनी पत्नी को लेकर हिसार आया और 16 अप्रैल की सुबह अपनी पत्नी रिंकू की हत्या कर दी थी। हत्‍या गोली मार कर करने का आरोप है और पुलिस ने इसे शराब के नशे में सोटे से हत्‍या करने की रिपोर्ट बनाया था। मामले में जांच चल रही है। इस मामले में अगली सुनवाई 9 अप्रैल को होगी।

13 अप्रैल के बाद जींद नहीं गया विक्रम, लेकिन 15 अप्रैल तक की फर्जी हाजिरी लगी मिली

एडवोकेट हरदीप ने बताया कि मामले में स्टेट्स रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि आरोपित विक्रम 13 अप्रैल के बाद कभी जींद नहीं गया, लेकिन उसकी हाजिरी फर्जी तरीके से जींद के डीएसपी के गनमैन के तौर पर हाजिरी वहां लगती रही। वहीं वारदात के दिन ही उसकी सर्विस रिवाल्वर जींद के पुलिस लाइन कोत में 16 अप्रैल को शाम 4 बजे जमा की गई थी। जबकि वारदात 16 अप्रैल की अलसुबह की गई थी। सवाल यह है कि बिना पुलिसकर्मियों की मिलीभगत के हथियार वहां कैसे पहुंच गया।

इन अधिकारियों के रिकॉर्ड सीज किए

मामले में जींद के तत्कालीन डीएसपी कप्तान सिंह, हिसार डीएसपी अशोक, तत्कालीन सिटी थाना एसएचओ विनोद, अनाज मंडी चौकी प्रभारी एएसआई रविंद्र सहित अन्य पुलिसकर्मियों के रिकॉर्ड को सीज किया गया है।

लैब से तिथि निर्धारित होने पर होंगे आरोपितों के टेस्ट

वहीं मामले में आरोपित विक्रम ने अदालत के सामने नार्को टेस्ट करवाने के लिए हां की थी। कोर्ट ने मामले में पुलिस से 12 मार्च तक इस प्रक्रिया को पूरी करवाने बारे रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन डीएसपी अभिमन्यु लोहान ने स्टेटस रिपोर्ट में बताया कि उन्होंने गुजरात के गांधीनगर की लैब को इस बारे में पत्र भेजा हुआ है, जहां से तिथि मिलने पर आरोपित विक्रम को वहां ले जाकर उसके उपरोक्त नार्को, पाॅलिग्राफ टेस्ट करवाए जाएंगे। इससे पहले हो चुकी सुनवाई में डीएसपी भारती डबास ने एक जांच रिपोर्ट पेश की थी। जिसमें पुलिस कर्मचारियों एसआइ विनोद और एएसआई रविंद्र को सही जांच न करने का दोषी पाया गया था। इस रिपोर्ट के आधार पर एसपी ने दोनों कर्मचारियों को शो-कॉज नोटिस जारी किया गया था। साथ ही दोनों की 5-5 वेतनवृद्धियां रोकने के संबंध में 15 दिन में जवाब दाखिल करने को कहा गया था।


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