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फतेहाबाद में विवादित जमीन की रजिस्‍ट्री करने के मामले में आरोपित एसडीएम व हेड कांस्टेबल को मिली हाइकोर्ट से अग्रिम जमानत

स्टांप चोरी करने के आरोपित एसडीएम भारत भूषण उसकी पत्नी सारिका व पुलिस से बर्खास्त हेड कांस्टेबल को सोमवार को हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई। वहीं अब अन्य आरोपित भी जमानत के लिए हाई कोर्ट का रूख किया है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 04:54 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 04:54 PM (IST)
फतेहाबाद में विवादित जमीन की रजिस्‍ट्री करने के मामले में आरोपित एसडीएम व हेड कांस्टेबल को मिली हाइकोर्ट से अग्रिम जमानत
विवादित जमीन की रजिस्‍ट्री करने के मामले में आरोपितों को कोर्ट से अग्रिम जमानत मिली है

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : विवादित जमीन में रजिस्ट्री के दौरान स्टांप चोरी करने के आरोपित एसडीएम भारत भूषण उसकी पत्नी सारिका व पुलिस से बर्खास्त हेड कांस्टेबल को सोमवार को हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई। वहीं अब अन्य आरोपित भी जमानत के लिए हाई कोर्ट का रूख किया है। उक्त तीनों आरोपितों की फतेहाबाद की जिला अदालत ने गत 3 जनवरी को याचिका खारिज कर दी है। लेकिन अब हाइकोर्ट ने उनको अग्रिम जमानत देते हुए एक बार फोरी राहत दी है। हालांकि अब उनको जांच में शामिल होना होगा। प्रदेश सरकार ने आरोपित एसडीएम को गत 31 दिसंबर को पदोन्नति देते हुए कला एवं सांस्कृतिक विभाग में संयुक्त निदेशक बनाया दिया था।

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विजिलेंस ने गत 25 दिसंबर को मामला दर्ज किया था। जिसमें आरोप है कि एसडीएम भारतभूषण कौशिक ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपनी पत्नी सारिका व पुलिस से बर्खास्त हेड कांस्टेबल बाला सिंह की पत्नी कर्मजीत कौर के नाम गत वर्ष 29 अक्टूबर को 5 कनाल 16 मरले की रजिस्ट्री करवाई थी। इसका रजिस्ट्री नंबर 10429 था। यह जमीन मिगलानी अस्पताल के पास लक्ष्मी आयल एवं काटन फैक्टरी की है। जमाबंदी व फर्द में इस जमीन को गैर मुमकिन व कारखाना लिखा है। मगर भूमि का कोड बदलकर कृषि भूमि दर्शाकर 45 लाख रुपये में रजिस्ट्री करवा ली।

इस जमीन की रजिस्ट्री करवाते समय नगरपालिका से न तो प्रोपर्टी आईडी बनवाई गई और न ही एनओसी ली गई। यह रजिस्ट्री कांता देवी ने करवाई थी। मगर जीरकपुर निवासी अमृतपाल ने इस जमीन पर अपना मालिकाना हक बताते हुए नवंबर के पहले सप्ताह में प्रशासन को इसकी शिकायत दी। इस शिकायत के बाद रजिस्ट्री को इंपाउंड कर दिया गया। बिजिलेंस ने उक्त चारों जमीन खरीदने वालों के साथ पटवारी मदनलाल व नायब तहसीलदार भजन सिंह पर भी मामला दर्ज किया गया।

विजिलेंस 1 महीने से सिर्फ पटवारी को किया गिरफ्तार, बाकी पर रहे फरार :

बेशक विजिलेंस ने 25 दिसंबर को मामला दर्ज करने के उपरांत अपनी कार्रवाई धीमी रखी। रतिया के विधायक के हस्तक्षेप के बाद मामला तो दर्ज कर लिया, लेकिन 27 दिसंबर को पटवारी मदनलाल को ही गिरफ्तार कर पाई। न ही नायब तहसीलदार भजन सिंह को गिरफ्तार किया न ही बाकी चारों जमीन खरीदने वालों को। नायब तहसीलदार भजन सिंह व व बाला सिंह की पत्नी कर्मजीत कौर को अभी तक भी किसी प्रकार की कोर्ट से राहत नहीं मिली। फिर भी उनको गिरफ्तार नहीं किया जा रहा। आरोपितों के स्वजनों का कहना है कि बाकि की भी हाईकोर्ट में याचिका लगाई जाएगी।

विजिलेंस ने लगाया था एसडीएम पर भूना मोड पर जमीन खरीदने का आरोप :

गत 3 जनवरी को फतेहाबाद में मामले की सुनवाई हुई थी। उस दौरान विजिलेंस व सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि आरोपित एसडीएम ने दबाव देकर अधिकारियों व पटवारी के मार्फत रजिस्ट्री करवाई है। पहले रजिस्ट्री क्लर्क ने प्रोपर्टी आइडी न होने के चलते रजिस्ट्री करने से मना कर दिया। गलत प्रोपर्टी आइडी बना कर रजिस्ट्री करवाई। जिसमें एसडीएम ने ही पटवारी व नायब तहसीलदार पर दबाव डाला। सरकारी वकील ने विजिलेंस रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट को बताया था कि इससे पहले एसडीएम भारत भूषण के एक विकास नाम के स्वजन के नाम पर रतिया में भूना मोड पर स्थित एक प्राइम लोकेशन पर जमीन की रजिस्ट्री करवाई गई। जिसमें 3 लाख रुपये खुद एसडीएम ने तो 7 लाख रुपये एसडीएम की पत्नी ने दिए। ये रुपये बकायदा आनलाइन ट्रांजेक्शन के माध्यम से दिए गए।


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