एनसीआर के उद्यमियों का आरोप, प्रदूषण कम हुआ, अभी भी डीजी सेट चलाने की नहीं मिल रही अनुमति
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने डीजी सेट के संचालन पर प्रतिबंध लगा रखा है। उद्यमियों की ओर से लगातार कई बार डीजी सेट चलाने की मांग उठाई गई है। मशीनों में आग भड़कने का हवाला देकर सिर्फ दो घंटे के लिए भी डीजी सेट चलाने की मांग की गई थी
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान 15 अक्टूबर 2021 से लागू हो गया था। यह मार्च तक लागू रहेगा। इस अवधि में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने डीजी सेट के संचालन पर प्रतिबंध लगा रखा है। उद्यमियों की ओर से लगातार कई बार डीजी सेट चलाने की मांग उठाई गई है। मशीनों में आग भड़कने का हवाला देकर कम से कम उन्हें ठंडा करने के लिए ही आपात स्थिति में सिर्फ दो घंटे के लिए भी डीजी सेट चलाने की मांग की गई लेकिन आयोग की ओर से इस दिशा में अब तक कोई राहत उद्यमियों को नहीं दी गई है। पिछले सप्ताह हुई बारिश से प्रदूषण बिल्कुल साफ हो गया है।
इस बात का हवाला देकर भी बहादुरगढ़ चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री एसोसिएशन(बीसीसीआइ) और कानफेडरेशन आफ बहादुरगढ़ इंडस्ट्रीज(सीओबीआइ) ने वायु गुणवत प्रबंधन आयोग के सीधे पत्र भी लिखे, मगर अब तक डीजी सेट के संचालन पर लगी रोक नहीं हटाई गई है। सीआेबीआइ के कोषाध्यक्ष अशोक मित्तल ने बताया कि हर इंडस्ट्री को लाखों रुपये का नुकसान डीजी सेट न चलाने से हो चुका है। हमने डीसी, एसडीएम व प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों के माध्यम से आयोग को पत्र लिखा है। मगर अब तक डीजी सेट के संचालन पर लगी रोक नहीं हट पाई है।
फुटवियर इंडस्ट्री को करोड़ों का हो चुका नुकसान:
बीसीसीआइ के वरिष्ठ उपप्रधान नरेंद्र छिकारा व उद्यमी पवन जैन ने बताया कि बहादुरगढ़ में देश का सबसे बड़ा नाद लैदर फुटवियर पार्क है। इन फैक्ट्रियों में 24 घंटे का लगातार प्रोसेस होता है। अगर बिजली चली जाती है तो फुटवियर की मशीनों को ठंडा करने में दो घंटे का समय लगता है। उस दौरान अगर डीजी सेट नहीं चलाया जाता है तो भयंकर आग भड़क सकती है। जान-माल का नुकसान हो सकता है। इस नुकसान से बचने के लिए बैकअप के तौर पर दो घंटे डीजी सेट चलाने की मांग की गई थी। छिकारा ने बताया कि डीजी सेट की अनुमति न मिलने से फुटवियर की कई फैक्ट्रियों में उत्पादन 30 से 40 फीसद कम है। इस तरह यहां की फुटवियर इंडस्ट्री को ही करोड़ों का नुकसान हो चुका है।