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सदलपुर में फल-सब्जी से भरी गाड़ी लूट पशुओं को खिलाए, सब्जियां नहीं पहुंचने से मंडियों में दोगुने हुए दाम

जागरण टीम, हिसार : किसानों के गांव बंद आंदोलन का दूसरे दिन से ही असर देखने को मिलने लगा। आंदोलन के क

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Jun 2018 08:00 AM (IST)Updated: Sun, 03 Jun 2018 08:00 AM (IST)
सदलपुर में फल-सब्जी से भरी गाड़ी लूट पशुओं को खिलाए, सब्जियां नहीं पहुंचने से मंडियों में दोगुने हुए दाम
सदलपुर में फल-सब्जी से भरी गाड़ी लूट पशुओं को खिलाए, सब्जियां नहीं पहुंचने से मंडियों में दोगुने हुए दाम

जागरण टीम, हिसार : किसानों के गांव बंद आंदोलन का दूसरे दिन से ही असर देखने को मिलने लगा। आंदोलन के कारण दूध व सब्जियां शहरों तक नहीं पहुंच पा रही हैं। आंदोलनकारी रास्तों में ही गाड़ियों को रुकवा रहे हैं। वहीं आंदोलनकारियों के डर से दूधिये रास्ता बदलकर शहर में दूध सप्लाई करने आ रहे हैं। शहरों तक सब्जियां नहीं पहुंचने के कारण मंडियों में सब्जियों के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं जिसका असर आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है। इसी का फायदा उठाकर कई जमाखारों ने जमाबंदी भी शुरू कर दी है। जैसे ही यह बात डीसी अशोक कुमार मीणा तक पहुंची तो उन्होंने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया। इस कमेटी में इंफोर्समेंट ऑफिसर, मार्के¨टग बोर्ड के सचिव और जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक शामिल हैं। कमेटी को जमाखोरों से निपटने और जहां जिन चीजों की कमी है, उसे पूरा करने को कहा गया है।

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वहीं, किसानों के आंदोलन के दौरान कुछ आंदोलनकरी जबरदस्ती पर उतर आए हैं। गांव सदलपुर में कुछ युवकों ने जहां सब्जी विक्रेता की गाड़ी को जबरदस्ती रोककर सब्जियों को गोशाला में गायों के आगे डाल दिया, वहीं आदमपुर में सब्जियों की दुकानें जबरन बंद करवाने आए दो लोगों को पुलिस के हवाले कर दिया गया। यहां के सब्जी व दूध विक्रेताओं ने बताया कि किसान आंदोलन के नाम पर कुछ लोग जबरदस्ती कर रहे हैं। दुकानदारों व डेयरी संचालकों को धमकाया जा रहा है। दुकानदारों का कहना है कि कहने को तो किसान आंदोलन पर हैं, लेकिन गांवों से लोग अब भी आदमपुर आकर अपना लेन-देन कर रहे हैं। एडिशनल मंडी में सब्जी विक्रेता विजय, राहुल, महाबीर, सन्नी, अमित, सुशील आदि ने बताया कि दोपहर को नशे की हालात में 2 व्यक्ति आए और दुकानदारों को धमकाना शुरू कर दिया। दुकानदारों ने बताया कि दोनों लोगों ने दुकानें बंद न करने पर अंजाम भुगतने की बात कही। इस बात को लेकर दुकानदारों में रोष फैल गया और मामले की सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस दोनों को आदमपुर थाने ले गई। दुकानदारों ने बताया कि वे फतेहाबाद से सुबह सब्जी लेकर आते हैं, लेकिन रास्ते में उनके वाहनों को कुछ लोग रोक रहे हैं। दुकानदारों ने पुलिस प्रशासन से गुहार लगाई कि क्षेत्र में बढ़ रही गुंडागर्दी पर रोक लगाई जाए, ताकि वे अपना व्यापार बिना किसी भय के कर सकें। ---------------- हिसार की मंडियों में दोगुने हुए भाव, आम लोग परेशान

एक से दस जून तक किए जाने वाले किसान आंदोलन का असर सब्जीमंडी में दूसरे दिन देखने को मिला। शनिवार को मंडी में सब्जियां बहुत काफी कम मात्रा में पहुंची। ऐसे में सब्जियां दोगुने भाव में बेची गई। वहीं अब दस जून तक मंडी में सब्जियां और भी महंगे दामों पर बिकने की बात सामने आ रही है। कारण है कि पीछे से ही सब्जियां कम पहुंच रही है। जबकि एक दिन पहले शुक्रवार को मंडी के किसानों के एलान का कोई असर नहीं देखने को मिला। दरअसल शुक्रवार को किसानों के आंदोलन के एलान के बाद भी मंडी में सब्जी खरीदारी को लेकर कोई प्रभाव नहीं देखने को मिला था। रोजाना की तरह मंडी में सब्जियां पहुंची थी, लेकिन शनिवार को इसका असर मंडी में काफी देखने को मिला। वहीं मंडी में मासाखोरों का कहना है कि जहां एक ओर सब्जियां कम आ रही हैं, वहीं शनिवार को खरीदारी भी कम हुई थी। रोजाना की तुलना में सब्जियों की खरीदारी आधी थी। ऐसे में लोगों की जेब पर काफी असर देखने को मिलेगा।

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- फोटो संख्या : 204 बी

शनिवार को मंडी में सब्जियां बहुत कम पहुंची थी। ऐसे में खरीदारी भी कम रही। जबकि शुक्रवार को रोजाना की तरह मंडी में सब्जियां खरीदी गई थी।

- भूषणलाल, मासाखोर, नई सब्जीमंडी

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फोटो संख्या : 204 सी

किसानों के एलान का असर शनिवार को देखने को मिला था। 31 मई को महीने का अंतिम दिन था। ऐसे में 1 जून को मंडी में सब्जियों की खूब खरीदारी हुई।

सुरेंद्र, मासाखोर, नई सब्जीमंडी

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फोटो संख्या : 204 डी

सब्जियों के रेट में तेजी आ गई है। किसानों के एलान के दूसरे दिन मंडी में सब्जियां कम पहुंची। ऐसे में सब्जियों के भाव में उछाल आ चुके है।

जितेंद्र वर्मा, मासाखोर, नई सब्जीमंडी

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एक ही दिन में सब्जियों के रेट में हुआ इतना उछाल

1 जून 2 जून

- आलू : 15 रुपये किलो 20 से 25 रुपये किलो

- टमाटर : 8 रुपये किलो 15 रुपये किलो

- हरी मिर्च : 15 रुपये किलो 25 से 30 रुपये किलो

- प्याज : 12 रुपये किलो 15 से 18 रुपये किलो

- तोरी : 10 रुपये किलो 20 रुपये किलो

- घिया : 8 रुपये किलो 15 रुपये से 20 रुपये किलो

- नींबू : 50 रुपये किलो 60 रुपये से 65 रुपये किलो

- करेला : 10 रुपये किलो 15 रुपये किलो

- फली : 65 रुपये किलो 70 से 80 रुपये किलो

- बैंगन : 10 रुपये किलो 15 से 20 रुपये किलो

- ¨भडी : 12 रुपये किलो 18 रुपये किलो

- फूल गोभी : 15 रुपये किलो 20 से 25 रुपये किलो

- खीरा : 10 रुपये 15 रुपये किलो

हांसी की सब्जी मंडी में घटी आवक, शिमला मिर्च के चार गुना बढ़े भाव

किसानों की हड़ताल के कारण शनिवार को हांसी सब्जी मंडी में दूसरे राज्यों से आने वाली सब्जियों के दाम में कई गुना इजाफा हो गया। हड़ताल के कारण मंडी में हांसी क्षेत्र में पैदा होने वाली सब्जियों की आवक कम होने से आने वाले दिनों में सब्जियों के दामों में भारी बढ़ोतरी हो सकती है। हांसी सब्जी मंडी में राजस्थान, गुजरात, दिल्ली, यूपी व आध्रप्रदेश के अलावा हरियाणा के पानीपत करनाल आदि शहरों से सब्जियों की आवक होती है और किसानों की हड़ताल के कारण शुक्रवार रात को सब्जी मंडी में आने वाले अनेक ट्रकों को रास्ते में ही रोक दिया गया, जिसके कारण शनिवार को जो टमाटर आठ रुपये किलो बिक रहा था वो थोक में 15 रुपये किलो तक बिकने लगा। मंडी में आवक कम होन से हरी मिर्च 4 रुपये किलो से बढ़कर 20 रुपये किलो तक पहुंच गयी। वहीं शिमला मिर्च 10 से बढ़ाकर 40 रुपये किलो हो गई, आलू 10 बढ़कर 22 रुपये तक बिका। सब्जी मंडी के व्यापारी नरेश रखेजा ने बताया कि हड़ताल के कारण व्यापारी दूसरे राज्यों से सब्जी लाने से डर रहे हैं व हड़ताल जारी रही तो आने वाले दिनों में सब्जियों के दाम रिकार्ड स्तर पर पहुंच सकते हैं।

आदमपुर में गुंडागर्दी व समस्याओं पर जनसंघर्ष समिति की बैठक आज आदमपुर में बढ़ रही गुंडागर्दी व असामाजिक तत्वों की बढ़ती संख्या पर लगाम लगाने को लेकर जनसंघर्ष समिति व विभिन्न सामाजिक संगठनों की बैठक रविवार 3 जून को हुडा पार्क में आयोजित की जाएगी। समिति के प्रवक्ता प्रताप चंद्र शर्मा और विनोद वर्मा ने बताया कि शाम 5 बजे होने वाली बैठक में आदमपुर की समस्याओं तथा आंदोलन के नाम पर सब्जी व दूध की सप्लाई जबरन रोकने तथा सब्जी व दूध विक्रेताओं को धमकाने पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके अलावा रेलवे स्टेशन पर पुलिस चौकी हटाने के निर्णय को लेकर भी रेलवे विभाग व प्रशासन को ज्ञापन देने की रणनीति तय की जाएगी। खेदड़ गांव के दूधियों ने शहर व थर्मल में दूध की सप्लाई शुरू की किसान संगठनों द्वारा शहरों में दूध, फल व सब्जियों आदि की सप्लाई शहरों में रोकने के एलान का जो असर खेदड़ गांव में सामने आया था। उसे अब खेदड़ गांव के दूधियों ने बैठक करके वापस ले लिया है और शनिवार शाम से शहर के साथ-साथ थर्मल पावर प्लांट कॉलोनी में दूध की आपूर्ति शुरू कर दी है। प्रधान सतबीर सहारण ने बताया कि जिन किसान संगठनों के आह्वान पर दूधियों ने ऐसा निर्णय लिया था। उन्हीं संगठनों का ही उन्हें समर्थन नहीं मिला। किसान स्वयं यह चाहते हैं कि वे उनके घरों से दूध लेकर जाएं और सप्लाई करें। ऐसे में दूध सप्लाई करने वालों को ही नुकसान के सिवाये कुछ हाथ नहीं लग रहा। जब किसान ही उनका साथ नहीं दे रहे तो ऐसे में दूध सप्लाई करने वालों ने अपना निर्णय वापस ले कर दूध सप्लाई शनिवार शाम से शुरू कर दी गई है। कई इलाकों में दूध सड़कों पर बहाने के कदम को उन्होने गलत करार दिया और कहा कि यह किसी भी प्रकार से सही नही है। यहा बता दे कि खेदड़ गांव के दूधियों ने बैठक करके दूध सप्लाई रोकने के साथ-साथ उल्लंघना करने वाले पर ग्यारह हजार रुपये जुर्माना लगाने का फैसला लिया था। उकलाना में किनाला व लितानी गांव के ग्रामीणों ने दिया समर्थन

मांगों को लेकर किसानों द्वारा शुरू किए गए दस दिवसीय किसान आंदोलन को अब लगातार गांव स्तर पर समर्थन मिलने लगा है और उकलाना क्षेत्र में किसान आंदोलन मजबूत होने लगा है। शनिवार को गांव किनाला में सत्यवान कुंडू की अध्यक्षता में बाबा गैबी साहब मंदिर में ग्रामीणों की मी¨टग हुई। जिसमें फैसला किया गया कि किनाला के किसान व मजदूर राष्ट्रव्यापी किसान आंदोलन को अपना पूरा समर्थन देंगे। आंदोलन के दौरान किसान दूध, सब्जी व अन्य सामान की बिक्री के लिए शहर में नहीं जाएंगे। दूसरे गांवों के किसानों को भी आंदोलन में शामिल करने के लिए अभियान चलाया जाएगा।

वहीं, दूसरी ओर गांव लितानी में बाबा सोमवार नाथ अखाड़े में ग्रामीणों की बैठक किसान नेता सुरेंद्र लितानी की अध्यक्षता में हुई। ग्रामीणों ने रोष जताया कि सरकार किसानों की मांगों को लेकर गंभीर नहीं है और मजबूरन किसानों को दस दिवसीय आंदोलन करना पड़ रहा है। किसानों को फसल का पूरा भाव नहीं मिल पा रहा है और किसान लगातार बर्बाद होता जा रहा है। सुरेंद्र लितानी ने बताया कि ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से राष्ट्रव्यापी किसान आंदोलन को समर्थन देने का एलान किया है। गांव से दूध, फल, सब्जियों की बिक्री पर पूर्णता पाबंदी लगा दी गई है। इसी प्रकार शहरों से भी किसी प्रकार की कोई वस्तु नहीं खरीदी जाएगी। दूसरे दिन राष्ट्रव्यापी आंदोलन का असर शहर में देखने को मिला। लगातार दूध की कम होती आपूर्ति को देखते हुए लोगों में अफरा-तफरी का माहौल दिखाई दिया। किसान शहर की दूध की आपूर्ति रोकने के लिए कमर कसे हुए हैं और मोर्चा संभाला हुआ है। जो दूध विक्रेता गांव से दूध लेकर शहर पहुंचता है उसे रास्ते में रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस मौके पर पाल, दयानंद, राजबीर, कृष्ण, सज्जन, जिले ¨सह, कर्ण ¨सह, रामफल, वजीर, शमशेर, राजकुमार आदि मौजूद रहे।


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