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अनुसूचित जाति की लड़की का घोड़ी पर निकाला बनवारा, पिता बोले- लड़कियां लड़कों से कम नहीं

भिवानी के गांव अमीरवास में एक लड़की का घोड़ी पर बैठा कर बनवारा निकाला गया। गांव में पहली बार लड़की का बनवारा घोड़ी पर निकलने पर सर्वत्र चर्चा हो रही है। पूजा की आज शादी है। पूजा ने शादी में घोड़ी पर बनवारा (न‍िकासी) निकालकर एक नई पहल की।

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 12:33 PM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 12:33 PM (IST)
अनुसूचित जाति की लड़की का घोड़ी पर निकाला बनवारा, पिता बोले- लड़कियां लड़कों से कम नहीं
घोड़ी पर बैठकर बनवारा ( निकासी ) निकालते हुए पूजा

भिवानी/ढिगावा मंडी [मदन श्योराण] माला, सिर पर पगड़ी... घोड़ी पर न‍िकलीं निकासी दिया बनवारा। गले में नोटों की माला...घोड़ी पर दूल्हे की तरह सजी-धजी बैठी बेटी पूजा ऐसा ही नजारा था भिवानी जिले के गांव अमीरवास में जहां घोड़ी पर बैठकर एक बेटी की शादी से पहले न‍िकासी न‍िकल रही थी। क्षेत्र के गांव अमीरवास में एक लड़की का घोड़ी पर बैठा कर बनवारा निकाला गया।

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गांव में पहली बार लड़की का बनवारा घोड़ी पर निकलने पर सर्वत्र चर्चा हो रही है। गांव अमीरवास में पूजा की 30 अक्टूबर को शादी है। जिसका बनवारा लड़की ने घोड़ी पर बैठा कर गांव में बाजे-गाजे के साथ बनवारा निकाला। लड़की के पापा रण सिंह ने बताया  कि बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत उनकी तरफ से यह पहल की गई है ताकि लोग समाज में लड़कियों को मान-सम्मान दे। लड़का-लड़की में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं है।

भिवानी के गांव अमीरवास में देर रात को पूजा ने अपनी शादी में घोड़ी पर बनवारा (न‍िकासी) निकालकर एक नई पहल की। जिसे देखने के लिए ग्रामीण इकट्ठे हुए. इस बहन की शादी शुक्रवार को होने वाली है। दहेज प्रथा व कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुरीतियों को छोड़कर 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का संदेश देते बेटी ने घोड़े पर बैठकर बाना (न‍िकासी) निकाला. इस न‍िकासी में दुल्हन समेत परिवार के लोग गाँव में डीजे के गानों पर थिरकते नजर आए।

बता दें कि अक्सर इस तरह से बनवारा या निकासी लड़कों की शादी में निकाला जाता है. ऐसा क्षेत्र में बार हुआ क‍ि जब किसी दुल्हन ने घोड़े पर अपना बनवारा  निकाला है। इस तरह की शादी में पूरे गाँव के लोग शामिल हुए।

बेटी पूजा ने बताया कि मेरे पिताजी मेरा बनवारा निकाल रहे हैं। मुझे बेहद खुशी हो रही है। मेरी शादी है। हमारे परिवार ने शुरू से ही लड़कियों को लड़को की तरह रखा है। किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं था। लड़कियां भी लड़कों से पीछे नहीं है।

  -----इस मौके पर परिवार के सोमबीर, कर्मवीर, सुनील, पिंटू आदि अन्य लोगों ने बताया कि हमारा परिवार सबसे अलग विचारधारा वाला परिवार है। लड़कों व लड़कियों में किसी में भी भेदभाव नहीं किया जाता है। दुल्हन ने घोड़े पर अपना बनवारा  निकाला है।


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