Bharat Bandh: बंद के बीच जन की आह, जगह-जगह फंसे थे लोग, कदम-कदम पर थीं मुश्किलें
बहादुरगढ़ में बाजारों में बंद बेअसर रहा। लेकिन सड़क और रेल मार्ग किसानों ने जाम कर दिए। कई राहगीर बहादुरगढ़ में फंस गए। मगर इंतजार के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं था। सड़कों पर जाम का कुछ प्राइवेट वाहन चालकों ने फायदा उठाया।
बहादुरगढ़, जेएनएन। संयुक्त मोर्चा के भारत बंद के आह्वान ने शुक्रवार को जन के लिए मुश्किलें खड़ी कीं। बाजारों में तो बंद बेअसर रहा। मगर सड़क और रेल मार्ग काे जाम करने से भारी संख्या में लोग बीच रास्तों में फंस गए। कहीं छोटे-छोटे बच्चों को गोद में उठाए महिलाएं परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को फोन मिला रही थीं तो कहीं शाम से पहले गंतव्य के लिए आगे बढ़ने की उम्मीद छोड़कर बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर काफी लोग बैग-थैलों को सिर के नीचे लगा फर्श पर लेटे रहे।
सुबह तीन बसें यहां से रवाना की गईं। इनमें से दो तो दिल्ली हाेते हुए वापस बहादुरगढ़ से सिरसा और एक गुरुग्राम से बहादुरगढ़ के रास्ते सिरसा के लिए जाती हैं। एक दिल्ली से वापस होते हुए निकल गई। मगर वह रोहतक के महम में जाकर फंस गई। बाकी दोनों बसें वापसी में बहादुरगढ़ से आगे नहीं जा पाई। दिल्ली से जो यात्री सिरसा और दूसरे शहर के लिए सवार हुए थे, उनकी टिकट कट गई थी। बस बहादुरगढ़ से आगे नहीं गई तो यात्रियों ने टिकट के पैसे वापस मांगे। इसी तरह रोडवेज की एक बस बहादुरगढ़ से गुरुग्राम के लिए निकली। तब तक नजफगढ़ मार्ग पर जाम नहीं था।
मगर जैसे ही बाईपास फ्लाई ओवर के नजदीक पहुंची तो इस मार्ग को भी आंदोलनकारियों ने जाम कर दिया। ऐसे में यह बस वापस बस स्टैंड आ गई, लेकिन 30 से ज्यादा यात्रियों ने गुरुग्राम के लिए टिकट कटवा रखी थी। पैसे वापस मांगे तो परिचालक यही कहते रहे कि बस जरूर जाएगी। इस पर तकरार होती रही। कुछ यात्री तो पैसे वापस न मिलते देख रास्ते में ही उतर गए। कुछ टिकट वापसी के लिए बस स्टैंड पहुंचे। जितनी भी बसें रास्तों से लौटी या फिर कहीं फंस गई। उनमें टिकट वापसी को लेकर अधिकारियों ने भी हाथ खड़े कर दिए। यह स्थिति यात्रियों के लिए परेशानी भरी रही।
प्राइवेट वाहन चालकों ने की मनमानी
सड़कों पर जाम का कुछ प्राइवेट वाहन चालकों ने फायदा उठाया। कहीं से ये अपने वाहन निकालने में कामयाब रहे तो उसके लिए यात्रियों की जेब ढीली कर दी। दिल्ली से एक प्राइवेट बस चालक बहादुरगढ़ तक यात्रियों को लेकर आया तो चार गुना किराया वसूला। दिल्ली का किराया 25 रुपये है, लेकिन इस बस में प्रति यात्री 100 रुपये वसूले गए। इसी तरह झज्जर व अन्य मार्गाें पर किसी तरह गंतव्य तक पहुंची बस में भी हुआ। ऑटो और टैक्सी वाहन जो गांवों के रास्ते से गुजरे, उनमें भी यात्रियों को मनमाना किराया देना पड़ा।
यूं बयां की परेशानी
छत्तीसगढ़ से आया, जींद जाना था, बीच में फंसा
जींद के छातर गांव का राजकिशन छत्तीसगढ़ से ट्रेन में दिल्ली पहुंचा। वहां से 25 की बजाय 100 रुपये किराया देकर बहादुरगढ़ तक आया। मगर यहां से आगे का वाहन नहीं मिला। कोई परिचित भी नहीं मिला। ऐसे में इधर-उधर समय बिताने के लिए घूमता रहा।
परिवार संग भिवानी जाना था, फंसे रहे
भिवानी के रहने वाले अनिल कुमार मध्यप्रदेश के रतलाम में नौकरी करते हैं। वे बच्चों के साथ घर आए थे। ट्रेन से दिल्ली के नांगलाेई तक पहुंचे। यहां से ऑटो लिया। बहादुरगढ़ से आगे जाने के लिए ऑटो तीन घंटे तक चक्कर लगाता रहा, मगर कहीं से रास्ता नहीं मिला। इसके बाद वे स्टेशन पर पहुंचे। यहां ट्रेन की उम्मीद में दिन भर बैठे।
कंपनी ने किया तबादला, नहीं जा पाए
अब तक गुरुग्राम में स्थित कंपनी में काम करते रहे राजकुमार का गोहाना में तबादला हो गया। वह किसी तरह गुरुग्राम से बहादुरगढ़ बस स्टैंड तक पहुंचा। इसके लिए कई किमी पैदल चलना पड़ा। मगर यहां से आगे का साधन नहीं मिल पाया।
सिर पर बैग रखे भटकती रही जमना देवी
रोहतक से गुरुग्राम के लिए निकली वृद्ध महिला जमना देवी को गुरुग्राम जाना था। मगर साधन नहीं मिल पाया। वह सिर पर बैग रखे इधर-उधर वाहन की तलाश में भटकती रही।
इंतजार के सिवाय नहीं था दूसरा चारा
सड़क और रेल मार्ग बंद थे। ऐसे में जहां-तहां फंसे यात्रियों के लिए शाम तक इंतजार के अलावा दूसरा चारा नहीं था। 6 बजे तक बंद का समय रखा था। बहादुरगढ़ से सुबह कालिंदी एक्सप्रेस, अवध-आसाम एक्सप्रेस, एसी एक्सप्रेस तो निकल गई थी, मगर उसके बाद ट्रैक पर जाम के कारण हिसार जाने वाली गोरखधाम एक्सप्रेस को दिल्ली के नांगलोई से रेलवे ने वापस कर दिया। वहीं रेल कर्मचारियों के लिए चल रही स्पेशल ईएमयू ट्रेन को भी आसौदा स्टेशन पर रोक लिया गया।
बाजार में चौक पर तैनात रहा अमला
शहर के लाल चौक पर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस-प्रशासन का अमला तैनात रहा। सुबह अग्निशमन दस्ते और सुरक्षा बल के जवानों के साथ पुलिस की कई टीमें यहां पहुंची। बाजार भी पूरी तरह खुल गए और स्थिति सामान्य रही, जब जाकर अमले ने भी राहत की सांस ली।
मेट्रो स्टेशन के नीचे पहुंचे आंदोलनकारी तो बंद किए गेट
सुबह कुछ आंदोलनकारी झंडे लेकर बहादुरगढ़ सिटी मेट्रो स्टेशन के नीचे पहुंच गए। वे यहां पर जाम लगाने के इरादे से आए थे। इसके बाद मेट्रो स्टेशन के गेट बंद कर दिए गए। हालांकि कुछ मिनट बाद ही यहां से आंदोलनकारी यहां से वापस चले गए। जाम भी नहीं लाया। इसके बाद मेट्रो स्टेशन के गेट खोल दिए गए। मेट्रो सेवा भी सामान्य हो गई।
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